नई दिल्ली: हाल ही में केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक बनाने का निर्णय लिया है. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी सरकार पर 'किसानों के पेट पर लात मारने का' आरोप लगाते हुए कहा कि फसल बीमा योजना की आड़ में सरकार ने 'निजी कंपनी मुनाफा' योजना चलाई है.
मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी मंत्रिमंडल ने बुधवार शाम देश के किसान पर एक और हमला बोला जब गुपचुप तरीके से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मौसम आधारित फसल बीमा योजना पर केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रीमियम राशि में 100% तक की कटौती कर देश के किसानों को अपने रहमों करम पर छोड़ दिया गया.'
सुरजेवाला ने दावा किया कि इस निर्णय के बाद किसानों को 27% बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'अब तक इस योजना में 2% बीमा प्रीमियम राशि किसान द्वारा दी जाती थी और बाकी 98 प्रतिशत बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान केंद्र व प्रांतीय सरकारों द्वारा 50-50% की हिस्सेदारी में किया जाता था. मोदी सरकार ने तुगलकी फरमान जारी कर यह निर्णय लिया कि भारत सरकार बीमा प्रीमियम राशि में 50% के बजाय केवल 25% राशि का ही भुगतान करेगी. इसके बाद सारा भार किसानों के ऊपर आ गया है. केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि किसानों के पेट पर लात मारना सही नहीं.'
इसके साथ सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए वह भी बाहर किया कि इस योजना के कारण कई निजी कंपनियों को फायदा मिल रहा था.
उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार के आंकड़ों के अनुसार तीन साल में बीमा कंपनियों ने पीएम फसल बीमा योजना से 77,808 करोड़ रुपए का प्रीमियम लिया तथा और 19,202 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. यह आंकड़े घोर पूंजीवाद का एक उदाहरण हैं.'
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इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर कई बड़े सवाल खड़े किए. सुरजेवाला ने कहा, 'देश का किसान 2% बीमा प्रीमियम की बजाय अब 27% बीमा प्रीमियम का भुगतान कैसे कर पाएगा? क्या यह पूरा निर्णय एक भाजपाई षड्यंत्र है? कौन जिम्मेदारी लेगा कि मोदी सरकार की तर्ज पर प्रांतीय सरकारें भी फसल बीमा योजना के प्रीमियम राशि में अपनी हिस्सेदारी में कटौती नहीं करेंगी? क्या कारण है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया और क्या यह किसानों के नुकसान का फैसला नहीं है?'