नई दिल्ली : कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद और उदित राज राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्यों के प्रारूप को लेकर सोशल मीडिया पर आपस में भिड़ गए. पार्टी के एससी/एसटी नेता उदित राज ने ट्रस्ट में सिर्फ एक दलित व्यक्ति को स्थान दिए जाने पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा, 'पिछली जनगणना के अनुसार दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना अधिक है. फिर सरकार ने राम मंदिर को ब्राह्मणों पर ही क्यों छोड़ दिया है?'
पूर्व लोक सेवक उदित राज पिछले साल आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस में शामिल होने से पहले, वह उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा के सांसद थे.
सोशल मीडिया पर उनका विरोध करते हुए कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य जितिन प्रसाद ने उन्हें याद दिलाने की कोशिश की, 'विषय जो भी हो, कांग्रेस की परंपरा किसी भी जाति या समुदाय पर हमला करने की नहीं है.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने ट्वीट किया, 'मेरा मानना है कि कांग्रेस की नीति अनुसूचित जाति के लिए सकारात्मक प्रावधान और सभी के लिए समान अवसर की है.'
उनके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी को भी उदित राज की बात नागवरा गुजरी और उन्होंने जवाब देते हुए लिखा कि ब्राह्मण होना कोई पाप नहीं है. उन्होंने आगे लिखा कि मेरी चुनौती है कि कोई भी व्यक्ति इस विषय पर बहस कर ले.
दिवंगत कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एक प्रमुख ब्राह्मण परिवार से आते हैं. सरकार ने बुधवार को एक 15 सदस्यीय मंदिर ट्रस्ट की घोषणा की, जिसमें हमेशा एक व्यक्ति दलित समुदाय से होगा. सरकार की ओर से कामेश्वर चौपाल को पहला दलित सदस्य नियुक्त किया गया है.
राम मंदिर ट्रस्ट में आबादी के अुनपात में लोगों को मिले जगह : उदित राज
दलितों और अन्य लोगों के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं कल्याण सिंह और उमा भारती ने भी उठाया है.