नई दिल्ली : धनशोधन मामले में गिरफ्तार कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. ऐसा उन्होंने तब कहा जब अदालत उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
शिवकुमार के वकील ने चिकित्सा आधार पर भी राहत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल की सितंबर में एंजियोग्राफी हुई थी और वह पिछले 45 दिन से हिरासत में हैं.
उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल को इतने दिनों तक जेल में नहीं रखा जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कांग्रेस नेता के वकील की दलीलें सुनीं और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के लिए मामले को 17 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
गौरतलब है कि ईडी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार, नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमंथैया और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था.
यह मामला कथित तौर पर चोरी और करोड़ों रुपये के हवाला लेन-देन के आरोप में उनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र पर आधारित है.
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शिवकुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि धनशोधन मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है.
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी शिवकुमार की ओर से दलीलें दीं.