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नेहरू स्मारक पुस्तकालय के पुनर्गठन पर कांग्रेस नाराज, कर्ण सिंह ने सुनायी खरी-खोटी

नेहरू स्मारक पुस्तकालय एवं संग्रहालय सोसाइटी का पुनर्गठन किया गया है. सोसाइटी के पुनर्गठन के क्रम में इसके कई सदस्यों को हटा दिया गया है, जिनमें डॉ. कर्ण सिंह सहित कई बड़े कांग्रेस नेता शामिल हैं. फिलहाल डॉ. कर्ण सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस मामले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. जानें उन्होंने क्या कुछ कहा...

नेहरू स्मारक पुस्तकालय के पुनर्गठन पर नाराज कांग्रेस, बताया अजीब निर्णय
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Published : Nov 6, 2019, 7:44 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 9:44 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने नेहरू स्मारक पुस्तकालय एवं संग्रहालय सोसाइटी का पुनर्गठन करते हुए उसके सदस्यों को हटा दिया है. इन सदस्यों में कांग्रेस के बड़े नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम नरेश और डॉ. कर्ण सिंह शामिल हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने इस मामले में ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपनी नाराजगी जाहिर की.

कर्ण सिंह ने कहा कि जो लोग बोलते वक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लेने में कठिनाई महसूस करते हैं, उन्हें अब सम्मान मिल रहा है. डॉ. सिंह का इशारा सोसाइटी के कुछ नये सदस्यों की ओर था.

ईटीवी भारत से बातचीत करते कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह, देखें वीडियो...

उन्होंने कहा, 'वे (केंद्र सरकार) पूरी तरह से समाज के पुनर्गठन के हकदार हैं, लेकिन वे हम सभी को हटाने के लिए आगे आए. हम सभी कई दशकों से इसमें शामिल हैं. साथ ही जवाहरलाल नेहरू के प्रशंसक भी हैं. यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है.'

सिंह ने कहा कि यह बहुत अजीब है. मैं उस संग्रहालय के संस्थापक सदस्यों में से एक था. हमने इस संस्था की अवधारणा को सेट किया. हम इसमें शुरू से ही थे. मैं इसमें 40-45 साल से शामिल हूं. अगर उन्हें मेरे अनुभव की कोई जरूरत नहीं तो यह उनका निर्णय है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिति के अध्यक्ष होंगे और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपाध्यक्ष होंगे. समिति के सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, प्रमुख पत्रकार रजत शर्मा और गीतकार प्रसून जोशी भी शामिल हैं.

कर्ण सिंह ने कहा, 'इन नियुक्तियों का महत्व समझा जा सकता है क्योंकि सरकार संग्रहालय के एक बड़े सुधार की योजना बना रही है. पं जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कभी मिटाया नहीं जा सकता, लेकिन कोशिशें कुछ यही बयां कर रही हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.'

यह भी पढ़ें : कश्मीर पर UN जाना नेहरू की गलती, कांग्रेस इतिहास नहीं मिटा सकती : बीजेपी

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार देश के इतिहास और विरासत को बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

खबरें यह भी आ रही हैं कि केंद्र इस म्यूजियम में आमूलचूल बदलाव कर इसे सिर्फ पहले पीएम के बजाय देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित करने की योजना बना रहा है.

इन चर्चाओं के बीच डॉ कर्ण सिंह ने कहा, 'हमने अन्य प्रधानमंत्रियों के लिए नये संग्रहालयों के निर्माण के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन हमें इस संस्था पर नारागजी नहीं दिखानी चाहिए.'

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने नेहरू स्मारक पुस्तकालय एवं संग्रहालय सोसाइटी का पुनर्गठन करते हुए उसके सदस्यों को हटा दिया है. इन सदस्यों में कांग्रेस के बड़े नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम नरेश और डॉ. कर्ण सिंह शामिल हैं.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने इस मामले में ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपनी नाराजगी जाहिर की.

कर्ण सिंह ने कहा कि जो लोग बोलते वक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लेने में कठिनाई महसूस करते हैं, उन्हें अब सम्मान मिल रहा है. डॉ. सिंह का इशारा सोसाइटी के कुछ नये सदस्यों की ओर था.

ईटीवी भारत से बातचीत करते कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह, देखें वीडियो...

उन्होंने कहा, 'वे (केंद्र सरकार) पूरी तरह से समाज के पुनर्गठन के हकदार हैं, लेकिन वे हम सभी को हटाने के लिए आगे आए. हम सभी कई दशकों से इसमें शामिल हैं. साथ ही जवाहरलाल नेहरू के प्रशंसक भी हैं. यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है.'

सिंह ने कहा कि यह बहुत अजीब है. मैं उस संग्रहालय के संस्थापक सदस्यों में से एक था. हमने इस संस्था की अवधारणा को सेट किया. हम इसमें शुरू से ही थे. मैं इसमें 40-45 साल से शामिल हूं. अगर उन्हें मेरे अनुभव की कोई जरूरत नहीं तो यह उनका निर्णय है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिति के अध्यक्ष होंगे और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपाध्यक्ष होंगे. समिति के सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, प्रमुख पत्रकार रजत शर्मा और गीतकार प्रसून जोशी भी शामिल हैं.

कर्ण सिंह ने कहा, 'इन नियुक्तियों का महत्व समझा जा सकता है क्योंकि सरकार संग्रहालय के एक बड़े सुधार की योजना बना रही है. पं जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कभी मिटाया नहीं जा सकता, लेकिन कोशिशें कुछ यही बयां कर रही हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.'

यह भी पढ़ें : कश्मीर पर UN जाना नेहरू की गलती, कांग्रेस इतिहास नहीं मिटा सकती : बीजेपी

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार देश के इतिहास और विरासत को बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

खबरें यह भी आ रही हैं कि केंद्र इस म्यूजियम में आमूलचूल बदलाव कर इसे सिर्फ पहले पीएम के बजाय देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित करने की योजना बना रहा है.

इन चर्चाओं के बीच डॉ कर्ण सिंह ने कहा, 'हमने अन्य प्रधानमंत्रियों के लिए नये संग्रहालयों के निर्माण के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन हमें इस संस्था पर नारागजी नहीं दिखानी चाहिए.'

Intro:New Delhi: "Those people who find it difficult to even use Pt Jawaharlal Nehru's name, when they speak, they have got honoured now, which is very curious," said Senior Congress leader, Karan Singh, after Centre reconstituted the Nehru Memorial Museum and Library committee, removing the names of Congress leaders, Mallikarjun Kharge, Jairam Ramesh and Karan Singh from the list.



Body:While speaking to ETV Bharat, Dr Karan Singh said, " They are entirely entitled to reconstitute the society but the fact that they should have gone out of their way to remove all of us who have been involved in this from many many decades and who are admirers of Jawaharlal Nehru does show the mindset that is very unfortunate."

"It is very peculiar. I was one of the founder members of that museum. We set out the concept of this institution, we were their from the beginning. I've been involved in this from 40-45 years. If they don't need my experience, that is their decision," he added.

As per the orders, Prime Minister Narendra Modi will be President of this committee and Defense Minister Rajnath Singh will the Vice President. The committee members also include Home Minister Amit Shah, prominent journalist Rajat Sharma and adman Prasoon Joshi.

These appointments assume significance as the government is planning a major revamp of the museum. Karan Singh stated, "Pt Jawaharlal Nehru's legacy can never be erased but the attempt does seems to be like that, which is very unfortunate."

Congress spokesperson, Supriya Shinde, also commented over this matter by saying that BJP government is leaving no stone unturned to change the history and heritage of the country, which she believes is "very unfortunate".


Conclusion:Amid the reports that the Centre is planning to overhaul the museum to dedicate it to all the Prime Ministers and not just for the first one, Dr Karan Singh said, "We've welcomed the Centre's decision to build new museums for the other Prime Ministers as well. But let us not temper this institution."
Last Updated : Nov 6, 2019, 9:44 PM IST
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