भोपाल : मध्य प्रदेश में पिछले 12 दिनों से चल रहा सियासी घमासान अब अंतिम दौर में पहुंचता दिखाई दे रहा है. भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने खेमे में लाकर कमलनाथ सरकार को अल्पमत में होने का दावा किया है, क्योंकि सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस के 22 विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस हार मानने को भी तैयार नहीं है. कांग्रेस का कहना है कि कमलनाथ अपना बहुमत साबित करेंगे. मध्य प्रदेश में सियासी घमासान अब सदन के अंदर ही समाप्त होगा.
कांग्रेस की रणनीति
सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस के विधायक जिस तरह से टूटने शुरु हुए, उसे देखकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सक्रीय हो गया. कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को जयपुर के रिसॉर्ट में भेज दिया है, जिनकी सुरक्षा का जिम्मा राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को सौंपा गया है. बताया जा रहा है कि यह सभी विधायक अब तभी भोपाल वापस आएंगे जब फ्लोर टेस्ट की बारी आएगी. जयपुर पहुंचे कांग्रेस के इन विधायकों की संख्या 80 के ऊपर बताई जा रही है.
दिग्विजय सिंह ने कहा-बहुमत साबित करने के लिए तैयार
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार बहुमत साबित करने के लिए तैयार है. मध्य प्रदेश विधानसभा की बात की जाए तो, 230 सदस्यीय विधानसभा में 2 विधायकों के निधन के बाद 228 विधायक बचे हैं, जिनमें कांग्रेस के 114 विधायक थे और भाजपा के 107. प्रदेश में घटे सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के 22 विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं, जिससे कांग्रेस के विधायकों की संख्या महज 92 है. इनमें से भी कुछ विधायक अभी भी पार्टी के साथ जयपुर नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में अब विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण पर सभी की नजरें टिकी हैं.