नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने का फैसला बरकरार रखने के साथ ही उन्हें उपचुनाव लड़ने की इजाजत भी दे दी. कोर्ट के इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.
इस क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताद्वय अभिषेक मनु सिंघवी व रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को एक मीडिया कांफ्रेंस में कहा कि कर्नाटक में पदारुढ़ येदियुरप्पा सरकार कानून और संविधान के लिहाज से नाजायज है और इस सरकार को तुरंत ही बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए.
लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने का प्रयास
सिंघवी व सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने पैसे की ताकत के जरिये लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने की साफ तौर पर कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला विधानसभा स्पीकर के रुख को लगभग 95 फीसदी सही दर्शाता है. यह दिखाता है कि 'ऑपरेशन कमल' देश में हर जगह, हर दिन हो रहा है.
उन्होंने कहा, 'जो लोग हमें भ्रष्टाचार, नैतिक और गांधीवादी मूल्यों के बारे में उपदेश देते हैं, उन्हें यह महसूस करना बाकी है कि उन्हें आगे बढ़कर मुद्दों पर बात करनी चाहिए.'
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कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा और पीएम से पूछे चार सवाल
- क्या वह कर्नाटक में 'नाजायज' येदियुरप्पा सरकार को बर्खास्त करेंगे?
- क्या कर्नाटक में 'ऑपरेशन कमल' धन और बाहुबल का उपयोग करने के लिए कुख्यात होगा?
- क्या सीएम और अमित शाह की भूमिका की जांच की जाएगी?
- क्या बीजेपी उन विधायकों को टिकट देगी, जिनकी अयोग्यता को आज SC ने बरकरार रखा है?
पीएम होंगे जिम्मेदार
सुरजेवाला ने कहा, अगर पीएम ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र को ध्वस्त करने, संविधान को कमजोर करने और आने वाले समय के लिए देश में राजनीतिक मानकों को कम करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
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शिवसेना द्वारा दायर याचिका पर बोले कांग्रेस नेता
महाराष्ट्र में लगाये गये राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने और राज्य में सरकार बनाने के लिए पार्टी को कम समय दिए जाने को सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना द्वारा दायर याचिका के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि यह उचित समय के लिए एक राजनीतिक प्रक्रिया है. पार्टी को राज्य में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने से इनकार कर दिया है, जो असंवैधानिक है.
राष्ट्रपति शासन लोकतंत्र का उपहास
सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लोकतंत्र का मजाक है. महाराष्ट्र के राज्यपाल और केंद्र ने राज्य के नागरिकों के साथ धोखा किया है.