नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करने वाली कांग्रेस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बधाई देते हुए कहा कि वह जनादेश स्वीकार करती है और राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के नवनिर्माण का संकल्प लेती है.
कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'जनता ने यह जनादेश कांग्रेस के विरुद्ध भी दिया है. हम इसे सहर्ष स्वीकार करते हैं.'
सुरजेवाला ने कहा, 'चुनाव की हर हार एक नई सीख है. इस हार से हमें इस बात का एहसास अवश्य हुआ है कि हमें जनादेश नहीं मिला. लेकिन कांग्रेस का संकल्प है नवनिर्माण का. हम फिर आगे बढ़ेंगे.'
सुरजेवाला ने आगे कहा कि अब तक के प्रारंभिक नतीजे से यह साफ हो चुका है कि आम आदमी पार्टी को बहुमत मिल रहा है. कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शुभकामनाएं दी.
उन्होंने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में नफरत और बंटवारे का माहौल बनाकर ध्रुवीकरण की राजनीति करके यहां की सत्ता पाने का स्वप्न देख रही थी. वह यहां की जनता का ध्यान भटकाना चाहती थी. दिल्ली का जनादेश हमने स्वीकार किया है. लेकिन दिल्ली का जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व, उनकी सरकार के तौर तरीके और आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक हमलों के खिलाफ है, जो भाजपा ने इस देश के प्रजातंत्र पर बोला है. यह उस को सिरे से खारिज करने वाला जनादेश भी है.'
इस दौरान दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और कीर्ति आजाद ने भी अपनी बात रखी.
सुभाष चोपड़ा ने कहा, 'हमें जनता ने जो जनादेश दिया है, उसके समक्ष हम नतमस्तक हैं. कांग्रेस हारी है, लेकिन हताश नहीं हुई है. हमने जनता के समक्ष अपने विचार रखे और 15 साल के कांग्रेस के शासन के विकास के बारे में जनता को बताया.'
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने लोगों को बताया कि उन्होंने क्या-क्या काम किया. लोगों ने केजरीवाल की बात सुनी और उन्हें स्वीकारा है.
चोपड़ा ने यह भी कहा कि दिल्ली में विकास का कार्य कांग्रेस पार्टी ने किया है. दिल्ली में मेट्रो कांग्रेस लाई थी. कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए दिल्ली की दुर्दशा के विषय में लोगों को अवगत कराया .
उन्होंने दावा किया, ''भाजपा और 'आप' दोनों पार्टियों ने ध्रुवीकरण करने की कोशिश की और कुछ हद तक वो कामयाब भी रहे.''
चोपड़ा ने कहा, 'मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं. मैं इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं. मैंने अपनी क्षमता के हिसाब से पूरा काम किया है.'
बीजेपी और केंद्र सरकार पर ही दिल्ली में ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाते हुए सुभाष चोपड़ा ने कहा, 'पिछले दो-तीन महीनों में दिल्ली की बहुत दुर्दशा हुई, खासकर अगर हम कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की बात करें तो विरोध प्रदर्शन के दौरान बच्चों को मारा-पीटा गया.'
दिल्ली की जनता में ध्रुवीकरण करने की कोशिश की गई, जिसका हिस्सा खुद गृह मंत्री अमित शाह भी रहे, लेकिन उसके बाद भी जो नतीजे सामने आए, उससे पता चला कि दिल्ली की जनता ध्रुवीकरण करने वाली पार्टियों का समर्थन नहीं दे सकती.
कीर्ति आजाद ने कहा कि दिल्ली की जनता ने जो मत दिया है, उसे कांग्रेस सहर्ष स्वीकार करती है.