नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शहला राशिद के विवादित बयान के चलते लगातार आलोचनाएं हो रही हैं. शहला ने ट्वीट कर भारतीय सेना पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे. इसके बाद सेना ने इसका जवाब देते हुए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. इसी मामले पर शहला के खिलाफ वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में आपाराधिक शिकायत दर्ज कराई है.
सुप्रीम कोर्ट में हुई इस शिकायत में शहला पर झूठ फैलाने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है. इसके साथ ही शहला को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग भी की गई है.
शहला ने कश्मीर में हालात बेहद खराब होने का दावा करते हुए कई ट्वीट किए थे. शहला द्वारा किए गए इन ट्वीटों में लिखा था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस का कानून व्यवस्था बनाए रखने पर कोई जोर नहीं है. उनको बेअसर कर दिया गया है. सब कुछ सेना के हाथ में है. सीआरपीएफ की शिकायत के आधार पर एसएचओ का तबादला कर दिया जा रहा है. एसएचओ निहत्थे हैं. यहां तक कि उनके पास रिवाल्वर भी नहीं है.
वहीं एक अन्य ट्वीट में लिखा था कि सेना देर रात घरों में घुस रही है. लड़कों को उठा रही है. सारे घर को सेना खंगाल रही है. राशन को इधर-उधर जवान फेंक रहे हैं. चावल और तेल को एक साथ मिला दे रहे हैं. इलाके में और भी बहुत कुछ हो रहा है.
ट्वीट की श्रृंखला में एक अन्य ट्वीट में लिखा गया कि चार लोगों को आर्मी कैंप में बुलाया गया और फिर उनसे पूछताछ की गई. उन लोगों को परेशान किया गया. इस दौरान एक माइक रखा हुआ था, जिस पर सभी लोगों की चीख सुनाई दे रही थी. ऐसा करने के पीछे मकसद लोगों में खौफ पैदा करना था. इसके कारण पूरे इलाके में लोग डरे हुए हैं.
इन ट्वीटों की श्रृंखला के बाद आर्मी का बयान सामने आया, जिसमें साभी आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है. अर्मी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शहला राशिद द्वारा लगाए गए आरोप आधारहीन हैं. ऐसी असत्यापित और फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा अनसुनी आबादी को भड़काने के लिए फैलाई जाती हैं.