मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता धनंजय मुंडे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग की है.
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने नाणार रिफाइनरी और आरे कॉलोनी मेट्रो कारेशेड परियोजनाओं के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में दर्ज किए गए मामलों के परीक्षण के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा की थी कि इन दो परियोजनाओं का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएंगे.
एक अधिकारी ने बताया कि गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अगुआई में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है.
गृह विभाग ने सोमवार को समिति के गठन के संबंध में सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें पुलिस महानिदेशक, मुंबई के पुलिस आयुक्त, गृह, विधि एवं न्यायिक विभागों के प्रधान सचिव शामिल होंगे.
अधिकारी ने बताया कि समिति सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भेजेगी, जिसके बाद सीआरपीएसी की धारा 321 के तहत मामले वापस लिए जाएंगे.
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स्थानीय लोगों ने तटीय रत्नागिरि जिले के नाणार में लाखों डॉलर की रिफाइनरी योजना का यह कहते हुए कड़ा विरोध किया था कि इससे पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचेगा. ठाकरे की अगुआई वाली सत्तासीन शिवसेना ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था.
हाल ही में मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो की कार शेड परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन करने पर कम से कम 38 प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.