जोधपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से प्रदेश की राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. उन्होनें राज्य के कोटा में हुई बच्चों की मौत के मामले में चिकित्सा मंत्री का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्हें कोटा जाने की जरूरत नहीं थी. लेकिन अब वह चले गए, तो अच्छी बात है, जब घटना हुई तो उसकी पूरी जांच हो गई थी, उपचार की भी जानकारी ली गई. कहीं कोई लापरवाही सामने नहीं आई थी.
गहलोत से पूछा गया कि 'क्या इस घटना के इतने दिनों बाद चिकित्सा मंत्री कोटा जा रहे हैं, कांग्रेस नेतृत्व भी नाराजगी जता चुका है, तो क्या उनका इस्तीफा लिया जाएगा?' जवाब में गहलोत ने रघु शर्मा का बचाव करते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी है.
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गहलोत ने चिकित्सा मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि 2003 में हमारी सरकार के समय ही प्रदेश के अस्पतालों में शिशु रोग विभाग के आईसीयू डेवलप किए गए थे. गहलोत ने कहा कि एक भी बच्चे की मृत्यु नहीं होनी चाहिए. यह बहुत संवेदनशील मामला है. इसे मीडिया ने तूल दे दिया है और इस पर अब राजनीति होने लगी है.
इस मुद्दे को लेकर हो रहे राजनीतिकरण और राज्य सरकार का बचाव करते हुए वहां के चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने कहा, जो कुछ भी हो रहा है वह पूरी तरीके से राजनीति है, लेकिन मेरा यह मानना है कि लाशों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. केंद्र सरकार का जो प्रयास है वह बेहद गलत है. राज्य सरकार इस पूरे मामले को लेकर संवेदनशील है. राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद इस पूरे मामले का जायजा ले रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, आज स्वास्थ्य मंत्री और पर्यावरण मंत्री वहां गए. पिछले दिनों में शिक्षा मंत्री ने वहां पर दो दिन लगातार कैंप भी लगाया था. जो भी हुआ मैं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इससे हमने यही सबक लिया है कि ऐसा कुछ आगे आने वाले दिनों में न हो.