ठाणे: जिले के एक राजस्व कार्यालय में एक महिला क्लर्क को एक मूक-बधिर नाबालिग के लिए वित्तीय मदद फिर से आरंभ करने के एवज में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) ने यह जानकारी दी.
मूक-बधिर को दी जाने वाली वित्तीय मदद कुछ कारणों से, पहले रोक दी गई थी.
एसीबी ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि बच्ची के पड़ोसी ने उसकी मदद करने के लिए उल्हासनगर तहसील कार्यालय के संजय गांधी निर्धन योजना प्रकोष्ठ में कार्यरत दीपाली पवार (45) से संपर्क किया.
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एसीबी ने कहा कि पवार ने लड़की को वित्तीय मदद फिर से मुहैया कराने के लिए लड़की के पड़ोसी से चार हजार रुपए मांगे.
एसीबी की विज्ञप्ति के अनुसार, इसके बाद लड़की के पड़ोसी ने एसीबी से संपर्क किया जिसने जाल बिछाकर क्लर्क को रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर दो हजार रुपए लेते पकड़ लिया.
उसने कहा कि आरोपी को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.