ETV Bharat / bharat

CJI ने HC के न्यायाधीश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी - भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम

CJI रंजन गोगोई ने CBI को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी. यह अनुमति न्यायाधीश के खिलाफ यूपी के महाधिवक्ता द्वारा शिकायत के बाद दी गई. जानें पूरा मामला.

CJI रंजन गोगोई
author img

By

Published : Jul 31, 2019, 4:46 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 11:28 PM IST

नई दिल्लीःभारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने सीबीआई (CBI) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच के न्यायाधीश एस एन शुक्ला के खिलाफ मुकदमा (एफआईआर) दर्ज करने की अनुमति दे दी है. यह मुकदमा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया जाएगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने न्यायाधीश शुक्ला के खिलाफ शिकायत की थी. इसपर न्यायाधीश शुक्ला के खिलाफ पूर्व CJI दीपक मिश्रा ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे. शिकायत में न्यायाधीश शुक्ला पर न्यायिक कदाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे.

बाद में मामले की जांच करने के लिए एक आंतरिक पैनल गठित किया गया था. इसमे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन मुख्य न्यायाधीश शामिल थे.

मामले पर अपना मत देते सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता

पैनल की जांच में न्यायाधीश शुक्ला को दोषी पाया गया था. न्यायाधीश शुक्ला ने अपनी न्यायिक शक्तियों का इस्तेमाल निजी मेडिकल कालेज को फायदा पहुंचाने के लिए किया था. न्यायाधीश शुक्ला द्वारा दिया गया आदेश सरवोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रहा था.

गौरतलब है कि न्यायाधीश शुक्ला से पूर्व CJI दीपक मिश्रा ने इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने को कहा था. हांलाकि न्यायाधीश शुक्ला ने इससे इंकार कर दिया था जिसके बाद 2018 में उनसे न्यायिक कार्यभार छीन लिया गया था.

पढ़ें-उन्नाव केस: CJI ने पीड़िता के खत को लेकर SC रजिस्ट्री से मांगा जवाब, कल होगी मामले में सुनवाई

CBI ने मामले पर जांच करने के लिए अनुमति मांगते हुए CJI रंजन गोगोई को पत्र लिखा था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ बिना CJI की अनुमति के मुकदमा नहीं दर्ज किया जा सकता.

नई दिल्लीःभारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने सीबीआई (CBI) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच के न्यायाधीश एस एन शुक्ला के खिलाफ मुकदमा (एफआईआर) दर्ज करने की अनुमति दे दी है. यह मुकदमा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया जाएगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने न्यायाधीश शुक्ला के खिलाफ शिकायत की थी. इसपर न्यायाधीश शुक्ला के खिलाफ पूर्व CJI दीपक मिश्रा ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे. शिकायत में न्यायाधीश शुक्ला पर न्यायिक कदाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे.

बाद में मामले की जांच करने के लिए एक आंतरिक पैनल गठित किया गया था. इसमे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन मुख्य न्यायाधीश शामिल थे.

मामले पर अपना मत देते सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता

पैनल की जांच में न्यायाधीश शुक्ला को दोषी पाया गया था. न्यायाधीश शुक्ला ने अपनी न्यायिक शक्तियों का इस्तेमाल निजी मेडिकल कालेज को फायदा पहुंचाने के लिए किया था. न्यायाधीश शुक्ला द्वारा दिया गया आदेश सरवोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रहा था.

गौरतलब है कि न्यायाधीश शुक्ला से पूर्व CJI दीपक मिश्रा ने इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने को कहा था. हांलाकि न्यायाधीश शुक्ला ने इससे इंकार कर दिया था जिसके बाद 2018 में उनसे न्यायिक कार्यभार छीन लिया गया था.

पढ़ें-उन्नाव केस: CJI ने पीड़िता के खत को लेकर SC रजिस्ट्री से मांगा जवाब, कल होगी मामले में सुनवाई

CBI ने मामले पर जांच करने के लिए अनुमति मांगते हुए CJI रंजन गोगोई को पत्र लिखा था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ बिना CJI की अनुमति के मुकदमा नहीं दर्ज किया जा सकता.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Jul 31, 2019, 11:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.