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सीआईसी का सवाल- माल्या के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर किस नियम के तहत जारी हुआ

केंद्रीय सूचना आयोग ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि उन नियमों के बारे में बताएं, जिनके तहत विजय माल्या के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए. बता दें कि माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन चला गया, जहां वह ब्रिटेन की सरकार द्वारा प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

विजय माल्या
विजय माल्या
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Published : Jan 17, 2021, 5:25 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि उन नियमों के बारे में बताएं जिनके तहत विजय माल्या के खिलाफ अक्टूबर और नवंबर 2015 में दो अलग-अलग लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए. माल्या नौ हजार करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले का आरोपी है.

सूत्रों ने बताया था कि सीबीआई ने नवंबर 2015 के अंतिम हफ्ते में माल्या के खिलाफ नया एलओसी जारी किया था, जिसमें देशभर के हवाई हड्डा अधिकारियों से कहा गया कि माल्या की आवाजाही के बारे में उसे सूचित किया जाए. यह पहले के नोटिस के स्थान पर जारी किया गया,जिसमें उद्यमी के देश छोड़ने का प्रयास करने पर हिरासत में लेने की बात कही गई थी.

माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन चला गया, जहां वह ब्रिटेन की सरकार द्वारा प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- माल्या की फर्म बंद करने के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज

पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विहार धुर्वे की याचिका पर आयोग ने सीबीआई को निर्देश दिया कि उन नियमों के बारे में बताएं, जिसके तहत अक्टूबर और नवंबर 2015 में लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किए गए. सीबीआई ने धुर्वे को सूचना देने से इनकार कर दिया था.

सीबीआई ने आरटीआई कानून की धारा 8(1) (एच) के तहत धुर्वे को सूचना देने से इनकार किया था.

नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि उन नियमों के बारे में बताएं जिनके तहत विजय माल्या के खिलाफ अक्टूबर और नवंबर 2015 में दो अलग-अलग लुक आउट सर्कुलर जारी किए गए. माल्या नौ हजार करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले का आरोपी है.

सूत्रों ने बताया था कि सीबीआई ने नवंबर 2015 के अंतिम हफ्ते में माल्या के खिलाफ नया एलओसी जारी किया था, जिसमें देशभर के हवाई हड्डा अधिकारियों से कहा गया कि माल्या की आवाजाही के बारे में उसे सूचित किया जाए. यह पहले के नोटिस के स्थान पर जारी किया गया,जिसमें उद्यमी के देश छोड़ने का प्रयास करने पर हिरासत में लेने की बात कही गई थी.

माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन चला गया, जहां वह ब्रिटेन की सरकार द्वारा प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है.

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पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विहार धुर्वे की याचिका पर आयोग ने सीबीआई को निर्देश दिया कि उन नियमों के बारे में बताएं, जिसके तहत अक्टूबर और नवंबर 2015 में लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किए गए. सीबीआई ने धुर्वे को सूचना देने से इनकार कर दिया था.

सीबीआई ने आरटीआई कानून की धारा 8(1) (एच) के तहत धुर्वे को सूचना देने से इनकार किया था.

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