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तमिलनाडु : कोरोना रोगियों की देखभाल के लिए बनाया पेशेंट केयर सिस्टम

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Published : Jul 7, 2020, 7:45 PM IST

चेन्नई की कंपनी ने कोरोना रोगियों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए एक मशीन बनाई है, जिसमें दूर बैठे स्वास्थ्यकर्मी कोरोना मरीजों से संपर्क साधकर उनकी जरूरतों का ख्याल रख सकते हैं.

कोरोना रोगियों की देखभाल के लिए पेशेंट केयर सिस्टम
कोरोना रोगियों की देखभाल के लिए पेशेंट केयर सिस्टम

चेन्नई : चेन्नई की एक कंपनी ने एक ऐसी मशीन बनाने का दावा किया है, जो कोरोना रोगियों और स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों के बीच की खाई को पाट सकती है. कंपनी के सीईओ विग्नेश्वर ने एटिकोस कोविड-19 रोगी पेशेंट केयर सिस्टम प्रस्तुत की. मरीज इस केयर सिस्टम का स्मार्ट बटन दबाकर स्वास्थ्यकर्मियों से आसानी से बात कर सकता है.

कोरोना एक ऐसी बीमारी है, जो संपर्क में आने से फैलती है. इसके खतरे में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी होते हैं. यदि मरीज अस्पताल में भर्ती हैं तो डॉक्टर और नर्सों को बार-बार उनके संपर्क में आना पड़ता है. ऐसे में यह मशीन काफी उपयोगी साबित हो सकती है.

यह मशीन मरीजों को दी जाएगी, जिसमें आपात स्थिति या जरूरत पड़ने पर स्मार्ट बटन दबाकर वे स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क साध सकते हैं.

पढ़ें : कोवैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए निम्स हैदराबाद में पंजीकरण शुरू

बटन दबाने से नर्सों को मरीज का नाम, कमरा नंबर, डिस्प्ले में दिख जाएगा. इस मशीन में सिंगल प्रेस, डबल प्रेस और ट्रिपल प्रेस हैं. सिंगल प्रेस का मतलब है कि मरीज को पानी की जरूरत है. डबल प्रेस का मतलब है कि मरीज को दवाओं की जरूरत है और ट्रिपल प्रेस का मतलब है कि आपात स्थिति. इसके डिस्प्ले पर 100 से अधिक रोगियों की निगरानी की जा सकती है. एक किलोमीटर तक की दूरी में यह मशीन कारगर है. इस दूरी को और बढ़ाया भी जा सकता है.

विग्नेश्वर ने दावा किया कि पूरा सिस्टम 'मेड इन इंडिया' है और उन्हें डिवाइस के लिए पेटेंट भी मिला है.

उन्होंने कहा कि इसकी लागत लगभग 2,000-3,000 रुपये प्रति मरीज है और यह लागत कम भी की जा सकती है.

चेन्नई : चेन्नई की एक कंपनी ने एक ऐसी मशीन बनाने का दावा किया है, जो कोरोना रोगियों और स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों के बीच की खाई को पाट सकती है. कंपनी के सीईओ विग्नेश्वर ने एटिकोस कोविड-19 रोगी पेशेंट केयर सिस्टम प्रस्तुत की. मरीज इस केयर सिस्टम का स्मार्ट बटन दबाकर स्वास्थ्यकर्मियों से आसानी से बात कर सकता है.

कोरोना एक ऐसी बीमारी है, जो संपर्क में आने से फैलती है. इसके खतरे में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी होते हैं. यदि मरीज अस्पताल में भर्ती हैं तो डॉक्टर और नर्सों को बार-बार उनके संपर्क में आना पड़ता है. ऐसे में यह मशीन काफी उपयोगी साबित हो सकती है.

यह मशीन मरीजों को दी जाएगी, जिसमें आपात स्थिति या जरूरत पड़ने पर स्मार्ट बटन दबाकर वे स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क साध सकते हैं.

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बटन दबाने से नर्सों को मरीज का नाम, कमरा नंबर, डिस्प्ले में दिख जाएगा. इस मशीन में सिंगल प्रेस, डबल प्रेस और ट्रिपल प्रेस हैं. सिंगल प्रेस का मतलब है कि मरीज को पानी की जरूरत है. डबल प्रेस का मतलब है कि मरीज को दवाओं की जरूरत है और ट्रिपल प्रेस का मतलब है कि आपात स्थिति. इसके डिस्प्ले पर 100 से अधिक रोगियों की निगरानी की जा सकती है. एक किलोमीटर तक की दूरी में यह मशीन कारगर है. इस दूरी को और बढ़ाया भी जा सकता है.

विग्नेश्वर ने दावा किया कि पूरा सिस्टम 'मेड इन इंडिया' है और उन्हें डिवाइस के लिए पेटेंट भी मिला है.

उन्होंने कहा कि इसकी लागत लगभग 2,000-3,000 रुपये प्रति मरीज है और यह लागत कम भी की जा सकती है.

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