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चंद्रयान-2 ने पास किया पहला चरण, पहुंचा चांद के और करीब

ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम के अलग होने के बाद इरसो ने सूचना दी की यान ने चंद्रमा की निचली कक्षा में उतरने का पहला चरण पूरा कर लिया है. यान दूसरे चरण में कल प्रवेश करेगा. आपको बता दें, चंद्रयान-2 ने 22 जुलाई को उड़ान भरी थी और वह 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. पढ़ें पूरी खबर...

चंद्रयान-2
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Published : Sep 3, 2019, 2:17 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 7:06 AM IST

बेंगलुरु: चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम के अलग होने के एक दिन बाद इसरो ने मंगलवार को बताया कि यान को चंद्रमा की निचली कक्षा में उतारने का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) सात सितंबर को लैंडर विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने से पहले कल, बुधवार को एक बार फिर यान को और निचली कक्षा में ले जाएगा.

ISRO Command Center etv bharat
बेंगलुरु में इसरो का नियंत्रण केंद्र

इसरो ने बताया, 'चंद्रयान को निचली कक्षा में ले जाने का कार्य मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार 8 बजकर 50 मिनट पर सफलतापूर्वक और पूर्व निर्धारित योजना के तहत किया गया. यह प्रकिया कुल चार सेकेंड की रही.'

chandrayan 2 etv bharat
इसरो द्वारा किया गया ट्वीट

इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'विक्रम लैंडर की कक्षा 104 किलोमीटर गुना 128 किलोमीटर है. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चंद्रमा की मौजूदा कक्षा में लगातार चक्कर काट रहा है. ऑर्बिटर एवं लैंडर पूरी तरह से ठीक हैं. एक बार फिर चार सितंबर को भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 30 मिनट से लेकर चार बजकर 30 मिनट के बीच इसकी कक्षा में कमी की जाएगी.'

पढ़ें-झारखंड में तैयार किया गया चंद्रयान 2 का लॉन्च पैड डिजाइन, एक क्लिक में देखिए सारी जानकारी

भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 के एक अहम पड़ाव पर सोमवार को लैंडर विक्रम ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ था.

योजना के तहत 'विक्रम' और उसके भीतर मौजूद रोवर 'प्रज्ञान' के सात सितंबर को देर रात एक बज कर 30 मिनट से दो बज कर 30 मिनट के बीच चंद्रमा के सतह पर उतरने की उम्मीद है.

चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद विक्रम से रोवर प्रज्ञान उसी दिन सुबह पांच बज कर 30 मिनट से छह बज कर 30 मिनट के बीच निकलेगा और एक चंद्र दिवस के बराबर चंद्रमा की सतह पर रहकर परीक्षण करेगा.

चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है. लैंडर का भी मिशन जीवनकाल एक चंद्र दिवस ही होगा जबकि ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा.

लैंडर विक्रम की कक्षा में दो बार कमी से यह चंद्रमा के और करीब पहुंच जाएगा.

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि चंद्रमा पर लैंडर के उतरने का क्षण 'खौफनाक' होगा क्योंकि इसरो ने पहले ऐसा कभी नहीं किया है जबकि चंद्रयान-1 मिशन में यान को निचली कक्षा में ले जाने का काम पहले भी सफलतापूर्वक किया गया था.

उल्लेखनीय है कि 3,840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को जीएसएलवी मार्क-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था. इस योजना पर 978 करोड़ रुपये की लागत आई है.

बेंगलुरु: चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम के अलग होने के एक दिन बाद इसरो ने मंगलवार को बताया कि यान को चंद्रमा की निचली कक्षा में उतारने का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) सात सितंबर को लैंडर विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने से पहले कल, बुधवार को एक बार फिर यान को और निचली कक्षा में ले जाएगा.

ISRO Command Center etv bharat
बेंगलुरु में इसरो का नियंत्रण केंद्र

इसरो ने बताया, 'चंद्रयान को निचली कक्षा में ले जाने का कार्य मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार 8 बजकर 50 मिनट पर सफलतापूर्वक और पूर्व निर्धारित योजना के तहत किया गया. यह प्रकिया कुल चार सेकेंड की रही.'

chandrayan 2 etv bharat
इसरो द्वारा किया गया ट्वीट

इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'विक्रम लैंडर की कक्षा 104 किलोमीटर गुना 128 किलोमीटर है. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चंद्रमा की मौजूदा कक्षा में लगातार चक्कर काट रहा है. ऑर्बिटर एवं लैंडर पूरी तरह से ठीक हैं. एक बार फिर चार सितंबर को भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 30 मिनट से लेकर चार बजकर 30 मिनट के बीच इसकी कक्षा में कमी की जाएगी.'

पढ़ें-झारखंड में तैयार किया गया चंद्रयान 2 का लॉन्च पैड डिजाइन, एक क्लिक में देखिए सारी जानकारी

भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 के एक अहम पड़ाव पर सोमवार को लैंडर विक्रम ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ था.

योजना के तहत 'विक्रम' और उसके भीतर मौजूद रोवर 'प्रज्ञान' के सात सितंबर को देर रात एक बज कर 30 मिनट से दो बज कर 30 मिनट के बीच चंद्रमा के सतह पर उतरने की उम्मीद है.

चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद विक्रम से रोवर प्रज्ञान उसी दिन सुबह पांच बज कर 30 मिनट से छह बज कर 30 मिनट के बीच निकलेगा और एक चंद्र दिवस के बराबर चंद्रमा की सतह पर रहकर परीक्षण करेगा.

चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है. लैंडर का भी मिशन जीवनकाल एक चंद्र दिवस ही होगा जबकि ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा.

लैंडर विक्रम की कक्षा में दो बार कमी से यह चंद्रमा के और करीब पहुंच जाएगा.

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि चंद्रमा पर लैंडर के उतरने का क्षण 'खौफनाक' होगा क्योंकि इसरो ने पहले ऐसा कभी नहीं किया है जबकि चंद्रयान-1 मिशन में यान को निचली कक्षा में ले जाने का काम पहले भी सफलतापूर्वक किया गया था.

उल्लेखनीय है कि 3,840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को जीएसएलवी मार्क-3 एम1 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था. इस योजना पर 978 करोड़ रुपये की लागत आई है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 21:0 HRS IST




             
  • माले में स्पीकरों की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर भारत, पाक के बीच तीखी नोकझोंक



नयी दिल्ली/माले, एक सितंबर (भाषा) मालदीव में दक्षिण एशिया की संसदों के अध्यक्षों की बैठक में पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने का मुद्दा उठाने की कोशिश की, जिस पर भारत और पाक के बीच रविवार को तीखी नोंकझोंक हुई। 



दरअसल, पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की। इस पर भारत ने नियमों का हवाला दिया और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। 



हरिवंश ने कहा, ‘‘हम भारत के आंतरिक विषय को यहां उठाये जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं और इस सम्मेलन के मुख्य विषय के दायरे से बाहर के मुद्दे उठा कर इस मंच को राजनीतिक रंग दिये जाने को भी हम खारिज करते हैं।’’ 



उन्होंने कहा, ‘‘यह मंच सिर्फ एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) पर चर्चा के लिए है, इसलिए इसे (कश्मीर मुद्दे को) कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए।’’ 



साथ ही, हरिवंश ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत का हिस्सा बताया। 



उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए जरूरी है कि वह सीमा पार आतंकवाद को सभी तरह का राजकीय समर्थन देना क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के हित में बंद करे।



उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद समूची मानवता और दुनिया के लिए आज सबसे बड़ा खतरा है।’’ 



भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। 



गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किये जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।



पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को लगातार उठाने की कोशिश करता रहा है लेकिन भारत का यह कहना रहा है कि यह एक आंतरिक विषय है। 


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 7:06 AM IST
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