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'अमरनाथ यात्रा को रोकने का सरकार का फैसला बिल्कुल सही था'

ईटीवी भारत से बात करते हुए कश्मीर स्टडी सेंटर के चेयरमैन जवाहर लाल कौल ने कहा है कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं बची है, जहां आतंकी खतरा ना हो. उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादी हमला न्यूयार्क, लंदन, पेरिस और फ्रांस में हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है. जानें और क्या कुछ बोले जवाहर लाल...

घर लौटते श्रद्धालु
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Published : Aug 3, 2019, 10:52 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 11:20 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए कल अमरनाथ यात्रा को रोकने और श्रद्धालुओं को घर वापस जाने के लिए जारी की गई एडवाइजरी पर कश्मीर स्टडी सेंटर के चेयरमैन जवाहर लाल कौल ने सरकार के इस फैसले को बिल्कुल ठीक करार दिया है.

जबकि राज्यसभा सदस्य के सी त्यागी ने मीडिया से बात करते हुए सरकार से जम्मू कश्मीर को लेकर वर्तमान स्थिति पर सफाई मांगी है.

मीडिया से बात करते के सी त्यागी

त्यागी ने इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस तरह घाटी में एडवाइजरी जारी की गई है उससे राज्य में भय का माहौल बन गया. उन्होंने कहा कि एडवाइजरी के कारण पेट्रोल और एटीएम के बाहर लंबी लंबी लाइनें गल गई हैं.

उन्होंने सरकार से कश्मीर को लेकर वर्तमान स्थिति को साफ करने को कहा है. क्योंकि इस मामले पर केवल राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि पूरी जनता भयभीत है.

ईटीवी भारत से बात करते जवाहर लाल कौल

ईटीवी भारत से बात करते हुए कौल ने कहा कि कि सरकार द्वारा लिये गया फैसला बिल्कुल सही है क्योंकि इस यात्रा में एक-दो नहीं बल्कि हजारों लोगों की जान को खतरा था.

लाल कौल से जब यह पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 19 से अधिक सुरक्षा एजेंसी काम कर रहीं हैं फिर भी सरकार को इस यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा, इस पर उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं बची है, जहां आतंकी खतरा ना हो.

उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादी हमला न्यूयार्क, लंदन, पेरिस और फ्रांस में हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है. इसलिए यह मान लेना कि हमारे पास अधिक मात्रा में सुरक्षा बल हैं और हम सुरक्षित हैं तो यह गलत है क्योंकि जवान प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकता है.

वहीं गुलाम नबी आजाद के 35 A पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि गुलाम नबी लोगों को गुमराह कर रहें हैं. हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा ही कानून है, जहां यदि आप उस प्रदेश के नागरिक नहीं हैं तो आपको वहां की जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है.

पढ़ें- उमर की मांग, J-K पर संसद में स्थिति साफ करे सरकार

उन्होंने सुरक्षा को लेकर कहा कि सरकार को अपनी सुरक्षा नीति पर ध्यान देना होगा और देखना होगा कि इसमें किसी तरीके की चूक ना हो.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही कई परियोजनाओं का लाभ जम्मू-कश्मीर के रहने वालों को नहीं मिल रहा और इसलिए सरकार द्वारा यह कोशिश की जानी चाहिए कि प्रदेश के हर क्षेत्र में लोग जागरूक हो और उन्हें पता हो की सरकार उनके लिए क्या क्या कर रही है.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए कल अमरनाथ यात्रा को रोकने और श्रद्धालुओं को घर वापस जाने के लिए जारी की गई एडवाइजरी पर कश्मीर स्टडी सेंटर के चेयरमैन जवाहर लाल कौल ने सरकार के इस फैसले को बिल्कुल ठीक करार दिया है.

जबकि राज्यसभा सदस्य के सी त्यागी ने मीडिया से बात करते हुए सरकार से जम्मू कश्मीर को लेकर वर्तमान स्थिति पर सफाई मांगी है.

मीडिया से बात करते के सी त्यागी

त्यागी ने इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस तरह घाटी में एडवाइजरी जारी की गई है उससे राज्य में भय का माहौल बन गया. उन्होंने कहा कि एडवाइजरी के कारण पेट्रोल और एटीएम के बाहर लंबी लंबी लाइनें गल गई हैं.

उन्होंने सरकार से कश्मीर को लेकर वर्तमान स्थिति को साफ करने को कहा है. क्योंकि इस मामले पर केवल राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि पूरी जनता भयभीत है.

ईटीवी भारत से बात करते जवाहर लाल कौल

ईटीवी भारत से बात करते हुए कौल ने कहा कि कि सरकार द्वारा लिये गया फैसला बिल्कुल सही है क्योंकि इस यात्रा में एक-दो नहीं बल्कि हजारों लोगों की जान को खतरा था.

लाल कौल से जब यह पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 19 से अधिक सुरक्षा एजेंसी काम कर रहीं हैं फिर भी सरकार को इस यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा, इस पर उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं बची है, जहां आतंकी खतरा ना हो.

उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादी हमला न्यूयार्क, लंदन, पेरिस और फ्रांस में हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है. इसलिए यह मान लेना कि हमारे पास अधिक मात्रा में सुरक्षा बल हैं और हम सुरक्षित हैं तो यह गलत है क्योंकि जवान प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकता है.

वहीं गुलाम नबी आजाद के 35 A पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि गुलाम नबी लोगों को गुमराह कर रहें हैं. हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा ही कानून है, जहां यदि आप उस प्रदेश के नागरिक नहीं हैं तो आपको वहां की जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है.

पढ़ें- उमर की मांग, J-K पर संसद में स्थिति साफ करे सरकार

उन्होंने सुरक्षा को लेकर कहा कि सरकार को अपनी सुरक्षा नीति पर ध्यान देना होगा और देखना होगा कि इसमें किसी तरीके की चूक ना हो.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही कई परियोजनाओं का लाभ जम्मू-कश्मीर के रहने वालों को नहीं मिल रहा और इसलिए सरकार द्वारा यह कोशिश की जानी चाहिए कि प्रदेश के हर क्षेत्र में लोग जागरूक हो और उन्हें पता हो की सरकार उनके लिए क्या क्या कर रही है.

Intro:नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए कल अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया और सरकार द्वारा यह एडवाइज़री जारी की गई जिसमें कहा गया कि अमरनाथ यात्रा पर आए सभी श्रद्धालु अपने घर वापस जाएं।यह पहला मौका है जब अमरनाथ यात्रा को आतंकी खतरे को देखते हुए इस यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा।


इसपर ईटीवी भारत ने कश्मीर स्टडी सेंटर के चेयरमैन जवाहर लाल कौल से बातचीत की, उन्होंने अपनी प्रतिक्रया जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा लिये गया फैसला बिल्कुल सही है क्योंकि इस यात्रा में एक-दो नहीं बल्कि हज़ारो लोगों की जान को खतरा था।


Body:जवाहर लाल कौल से जब यह पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 19 से अधिक सुरक्षा एजेंसी काम कर रहीं हैं फिर भी सरकार को इस यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा, इसपर उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं बची है जहां आतंकी खतरा ना हो, अगर आतंकवादी हमला न्यू यार्क, लंदन,पेरिस और फ्रांस में हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है इसलिये यह मान लेना कि हमारे पास अधिक मात्रा में सुरक्षा बल हैं और हम सुरक्षित हैं तो यह गलत है, क्योंकि जवान प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकता है।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 35a जैसा प्रावधान सिर्फ जम्मू कश्मीर में नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा पूर्वोत्तर और कुछ पहाड़ी राज्यों में भी है जहां पर हम जमीन नहीं खरीद सकते लेकिन भाजपा के लोग सिर्फ जम्मू कश्मीर की बात करते हैं क्योंकि इससे उन्हें वोट मिलते हैं इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जवाहरलाल कौल ने कहा कि वह (गुलाम नबी) लोगों को गुमराह कर रहें हैं, हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा ही कानून है जहां पर यदि आप उस प्रदेश के नागरिक नहीं हैं तो आपको वहां की ज़मीन खरीदने का अधिकार नहीं है।


Conclusion:जब जवाहरलाल कौल से पूछा गया कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा कैसे कदम उठाए जाने चाहिए तो उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो सरकार को अपनी सुरक्षा नीति पर ध्यान देना होगा और देखना होगा कि इसमें किसी तरीके की चूक ना हो।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही कई परियोजनाओं का लाभ जम्मू कश्मीर के रहने वालों को नहीं मिल रहा और इसलिए सरकार द्वारा यह कोशिश की जानी चाहिए कि प्रदेश के हर क्षेत्र में लोग जागरूक हो और उन्हें पता हो की सरकार उनके लिए क्या क्या कर रही है।

इसके साथ ही जवाहरलाल कौल ने कहा कि प्रदेश में नौकरियां कम है इसलिए वहां के लोगों को यह प्रयास करना चाहिए कि वह सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए छोटे-छोटे उद्योग की शुरुआत कर अपना जीवनयापन बेहतर तरीके से करें।
Last Updated : Aug 3, 2019, 11:20 PM IST
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