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गंगा डॉल्फिन के लिए खतरा बन रहा केंद्र का अंतर्देशीय जलमार्ग - गंगा डॉल्फिन

केंद्र का अंतर्देशीय जलमार्ग- 37 गंगा डॉल्फिन के लिये खतरा बन रहा है. इससे पहले से ही कम हो रही डॉल्फिन की संख्या में और कमी आ जाएगी. WTI डिप्टी डायरेक्टर और डिवीजन हेड ने इस विषय पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की......

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Published : Apr 27, 2019, 12:04 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) की प्रस्तावित अंतर्देशीय जलमार्ग संख्या 37 बिहार में लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन के लिए एक बड़ा खतरा बन गयी है. जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने बिहार से बहने वाली गंडक नदी पर अंतर्देशीय जलमार्ग संख्या 37 बनाने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव ने इस राष्ट्रीय जलीय जानवर के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते समीर कुमार सिन्हा.

इस बारे में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) के डिप्टी डायरेक्टर और डिवीजन हेड समीर कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

सिन्हा ने इस बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'गंडक नदी पर अंतर्देशीय जलमार्ग संख्या 37 बनाते समय गहरे चैनल के लिए ड्रिलिंग की जाएगी, जो लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करेगा.'

समीर सिन्हा ने कहा, 'उन्होंने कहा कि गंडक नदी में डॉल्फिन की संख्या वैसे ही कम हो रही है. बिहार सरकार ने हमें बिहार में गंडक और घाघरा नदी में गंगा की डॉल्फिन पर एक सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी है.'

डब्ल्यूटीआई अधिकारी ने आगे कहा कि गंडक नदी पर बैराज और विद्युतीकरण भी इस लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं.

नई दिल्ली: भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) की प्रस्तावित अंतर्देशीय जलमार्ग संख्या 37 बिहार में लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन के लिए एक बड़ा खतरा बन गयी है. जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने बिहार से बहने वाली गंडक नदी पर अंतर्देशीय जलमार्ग संख्या 37 बनाने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव ने इस राष्ट्रीय जलीय जानवर के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते समीर कुमार सिन्हा.

इस बारे में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) के डिप्टी डायरेक्टर और डिवीजन हेड समीर कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

सिन्हा ने इस बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'गंडक नदी पर अंतर्देशीय जलमार्ग संख्या 37 बनाते समय गहरे चैनल के लिए ड्रिलिंग की जाएगी, जो लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करेगा.'

समीर सिन्हा ने कहा, 'उन्होंने कहा कि गंडक नदी में डॉल्फिन की संख्या वैसे ही कम हो रही है. बिहार सरकार ने हमें बिहार में गंडक और घाघरा नदी में गंगा की डॉल्फिन पर एक सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी है.'

डब्ल्यूटीआई अधिकारी ने आगे कहा कि गंडक नदी पर बैराज और विद्युतीकरण भी इस लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं.

Intro:New Delhi: The proposed inland waterways number 37 of the Inland Waterways Authority of India (IWAI) has been posing a big threat for the endangered Gangetic dolphins in Bihar.


Body:The Ministry of Shipping and Waterways has proposed to build the Inland Waterways number 37 over the Gandak river flowing through Bihar. This proposal has imposed a big danger for this national aquatic animal.

"Dridging will be done for deeper channel for the Inland Waterways number 37 over the Gandak river which will pose a big threat for the endangered Gangetic dolphins," said Samir Kr. Sinha, deputy director and division head (species recovery and protected area recovery) of Wildlife Trust of India (WTI).

In an exclusive interview to ETV Bharat, Sinha said that the matter has already been taken up by the Governmnet of Bihar to the Centre.

"Bihar Governmnet has entrusted us for a survey over Gangetic dolphins in Gandak and Ghaghra river in Bihar," said Sinha.

He said that the number of Dolphins have been decreasing in Gandak river.

The WTI officials further said that barrage over Gandak river and electrofishing are also posing as big threats for this endangered species.



Conclusion:The Governmnet of India on the otherhand has been working to develop inland waterways as an alternative mode of transport in the country, which is cleaner and cheaper.

end.
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