श्रीनगर: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को और मजबूती देने के लिए राज्य में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती करने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार ने यह फैसला एनएसए अजीत डोभाल के घाटी के दो दिन के दौरे से लौटने के बाद लिया है.
सूत्रों के अनुसार अपने दौरे के दौरान अजीत डोभाल ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की थी. कुछ कंपनियां कश्मीर पहुंच चुकी हैं और अन्य कंपनियां जल्द से जल्द घाटी पहुंचेंगी.
35ए हटाने की तैयारी
इस तरह से सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को कश्मीर भेजने के पीछे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि, अमरनाथ यात्रा की समाप्ति के बाद केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए पर फैसला ले सकती है. तब तक संसद का सत्र भी समाप्त हो जाएगा. बताया जा रहा है कि अनुच्छेद 35ए को राष्ट्रपति के आदेश के तहत रियासत में लागू किया गया था. इसलिए इसे राष्ट्रपति के आदेश से समाप्त किया जा सकता है. इसे हटाने के बाद घाटी में व्यापक पैमाने पर हिंसा का खतरा है.
डोभाल के आने के बाद लिया गया फैसला
अतिरिक्त बलों की तैनाती का फैसला अजीत डोभाल के घाटी के सीक्रेट मिशन पर आने के तत्काल बाद लेने पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बता दें, नरेंद्र मोदी सरकार ने दोबारा में सत्ता में आने के बाद अजीत डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था. इतना ही नहीं इस बार मोदी सरकार ने अजित डोभाल को केंद्रीय मंत्री का दर्जा भी दिया था. अजीत डोभाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
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कानून व्यवस्था बेहतर करने की तैनाती
अतिरिक्त बलों की तैनाती पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने बताया कि वह पहले से ही उत्तरी कश्मीर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की मांग करते रहे हैं. वहीं, गृहमंत्रालय द्वारा जारी किए गए ऑर्डर में कहा गया है कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती इसलिए की जा रही है ताकि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहतर की जा सके.
50 कंपनी सीआरपीएफ की
इन 100 कंपनियों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ-10, एसएसबी-30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां है. हर एक कंपनी में 90 से 100 कर्मी मौजूद रहते हैं.
क्या है 35ए
अनुच्छेद 35ए के जरिये यहां के निवासियों को स्टेट सब्जेक्ट मिलता है. यह अनुच्छेद गैर रियासती लोगों को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने, स्थायी तौर पर बसने और राज्य सरकार के अधीन किसी विभाग में नौकरी के अधिकार से वंचित करता है. यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को यहां के नागरिकों के लिए राज्य की स्थायी नागरिकता, उनके लिए राज्य सरकार के अधीनस्थ नौकरियां व अन्य विशेषाधिकारों को यकीनी बनाने का अधिकार देता है. इस अनुच्छेद को समाप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में कई जनहित याचिकाएं भी विचाराधीन हैं.
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पहले भी भेजे थे अतिरिक्त जवान
बता दें, कुछ दिन पहले अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने को लेकर राज्य में 40 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी. वहीं, इस साल 24 फरवरी को 100 पारामिलिट्री फोर्स को घाटी में तैनात किया गया था.