नई दिल्ली: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वनीकरण और हरित गतिविधियों के लिए 27 राज्यों को 47,436 करोड़ रुपए की राशि देने का ऐलान किया है. इसमें जंगल में आग की रोकथाम, जैव विविधता प्रबंधन और मृदा संरक्षण का कार्य शामिल है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पैकेज की घोषणा करते हुए बताया कि इस फंड का उपयोग वेतन के भुगतान, यात्रा भत्ता, चिकित्सा व्यय आदि में नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने आगे कहा, 'वनों के लिए यह निधि राज्य के बजट को प्रभावित नही करेगा और हस्तांतरित किया जा रहा धन राज्य के बजट के अतिरिक्त होगा. उम्मीद है इस राशि का उपयोग राज्य अपने वन और वृक्षों के आवरण को बढ़ाने की वानिकी गतिविधियों में करेंगे, जो कि 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन सिंक का उत्पति करेगा.'
27 राज्यों के बीच 47,436 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इनमें ओडिशा को वनीकरण और हरित गतिविधियों के लिए सर्वाधिक 5933 करोड़ रुपये मिले हैं.
जावड़ेकर ने कहा, 'आवंटित निधि का उपयोग वनीकरण, वन्यजीव प्रबंधन, जंगल की आग, मिट्टी और नमी की रोकथाम, जंगलों में संरक्षण कार्यों, संरक्षित क्षेत्रों से गांवों के स्वैच्छिक पुनर्वास, जैविक संसाधनों और जैव विविधता के प्रबंधन, वानिकी में अनुसंधान और CAMPA (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority) कार्यों की निगरानी के लिए किया जाएगा.'
बता दें, 27 राज्यों को हरित गतिविधियों के लिए धन आवंटित किया गया है. इनमें ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कई अन्य राज्य शामिल हैं.
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उल्लेखनीय है की कैम्पा कानून के तहत उद्योग और कारखानों के लिये काटे गये जंगलों के बदले नये पेड़ लगाना और जंगलों को घना और स्वस्थ बनाया आवश्यक है. कंपनियां वन भूमि के इस्तेमाल के बदले मुआवजे के तौर पर कंपनेसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड में पैसा जमा करती हैं.