नई दिल्ली : बिहार में बाढ़ की भयावहता कम होने के बाद संक्रमण का प्रकोप रोकने के लिए डॉक्टरों की एक उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम पटना पहुंच गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की चिंता के बाद इस टीम को भेजा गया है.
टीम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के पांच डॉक्टर शामिल हैं.
डॉक्टरों की यह टीम एक सप्ताह तक पटना में रहेगी और स्थिति का आकलन करेगी ताकि किसी भी बीमारी का प्रकोप रोकने के लिए तत्काल सुधारात्मक स्वास्थ्य उपाय किये जा सकें.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, 'जैसे-जैसे पानी कम होने लगा है, तब समय आ गया है कि हमें संक्रमण का प्रकोप रोकने के लिए यथासंभव अधिकतम सावधानी भी बरतनी पड़ेगी. यह एक नियमित प्रवृत्ति है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पानी घटने के साथ, बीमारी का प्रकोप भी निश्चित रूप से फैलने का डर होता है.'
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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, 'हम राज्य सरकारों के साथ हैं और जब भी कोई राज्य सरकार हमारे मंत्रालय से मदद चाहती है, उसके लिए हम तैयार रहते हैं.'
गौरतलब है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश और बाढ़ के कारण 73 लोगों की मौत हुई है. बाढ़ के चलते सबसे ज्यादा राजधानी पटना प्रभावित हुई है. बाढ़ का पानी कम होने के तमाम दावों के बावजूद अब तक शहर से जलस्तर घटा नहीं है.