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बिहार पहुंची डॉक्टरों की उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम, बाढ़ के बाद संक्रमण रोकने की चुनौती

बिहार में बाढ़ के बाद संक्रमण के प्रकोप से बचाव सबसे बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांच डॉक्टरों की एक उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम भेजी है. शुक्रवार को पटना पहुंची इस टीम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डॉक्टर शामिल हैं. जानें विस्तार से...

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन
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Published : Oct 4, 2019, 7:43 PM IST

नई दिल्ली : बिहार में बाढ़ की भयावहता कम होने के बाद संक्रमण का प्रकोप रोकने के लिए डॉक्टरों की एक उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम पटना पहुंच गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की चिंता के बाद इस टीम को भेजा गया है.

टीम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के पांच डॉक्टर शामिल हैं.

डॉक्टरों की यह टीम एक सप्ताह तक पटना में रहेगी और स्थिति का आकलन करेगी ताकि किसी भी बीमारी का प्रकोप रोकने के लिए तत्काल सुधारात्मक स्वास्थ्य उपाय किये जा सकें.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, 'जैसे-जैसे पानी कम होने लगा है, तब समय आ गया है कि हमें संक्रमण का प्रकोप रोकने के लिए यथासंभव अधिकतम सावधानी भी बरतनी पड़ेगी. यह एक नियमित प्रवृत्ति है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पानी घटने के साथ, बीमारी का प्रकोप भी निश्चित रूप से फैलने का डर होता है.'

इसे भी पढ़ें- बिहार में बाढ़, बारिश का कहर जारी- मृ़तकों की संख्या 73 के पार, अलर्ट

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, 'हम राज्य सरकारों के साथ हैं और जब भी कोई राज्य सरकार हमारे मंत्रालय से मदद चाहती है, उसके लिए हम तैयार रहते हैं.'

केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन उच्च-स्तरीय केंद्रीय टीम भेजने की जानकारी देते हुए...

गौरतलब है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश और बाढ़ के कारण 73 लोगों की मौत हुई है. बाढ़ के चलते सबसे ज्यादा राजधानी पटना प्रभावित हुई है. बाढ़ का पानी कम होने के तमाम दावों के बावजूद अब तक शहर से जलस्तर घटा नहीं है.

नई दिल्ली : बिहार में बाढ़ की भयावहता कम होने के बाद संक्रमण का प्रकोप रोकने के लिए डॉक्टरों की एक उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम पटना पहुंच गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की चिंता के बाद इस टीम को भेजा गया है.

टीम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के पांच डॉक्टर शामिल हैं.

डॉक्टरों की यह टीम एक सप्ताह तक पटना में रहेगी और स्थिति का आकलन करेगी ताकि किसी भी बीमारी का प्रकोप रोकने के लिए तत्काल सुधारात्मक स्वास्थ्य उपाय किये जा सकें.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, 'जैसे-जैसे पानी कम होने लगा है, तब समय आ गया है कि हमें संक्रमण का प्रकोप रोकने के लिए यथासंभव अधिकतम सावधानी भी बरतनी पड़ेगी. यह एक नियमित प्रवृत्ति है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पानी घटने के साथ, बीमारी का प्रकोप भी निश्चित रूप से फैलने का डर होता है.'

इसे भी पढ़ें- बिहार में बाढ़, बारिश का कहर जारी- मृ़तकों की संख्या 73 के पार, अलर्ट

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, 'हम राज्य सरकारों के साथ हैं और जब भी कोई राज्य सरकार हमारे मंत्रालय से मदद चाहती है, उसके लिए हम तैयार रहते हैं.'

केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन उच्च-स्तरीय केंद्रीय टीम भेजने की जानकारी देते हुए...

गौरतलब है कि बिहार में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश और बाढ़ के कारण 73 लोगों की मौत हुई है. बाढ़ के चलते सबसे ज्यादा राजधानी पटना प्रभावित हुई है. बाढ़ का पानी कम होने के तमाम दावों के बावजूद अब तक शहर से जलस्तर घटा नहीं है.

Intro:New Delhi: With an aim to stop outbreak of infections in Bihar following the devastating flood, a high-level central team of doctors has reached Patna on Thursday evening.


Body:Sources in the health ministry told ETV Bharat that the team was sent in response to the concern raised by Prime Minister Narendra Modi and Health and Family Welfare Minister Dr Harsh Vardhan.

The team comprises five doctors from National Institute of Malaria Research, National Institute for Cholera and Enteric Diseases and National Centre for Disease Control.

The team of doctors would stay in Patna for a week and assess the situation so that corrective health measures could be taken to stop any disease outbreak.

"As the water starts receding, it's time that we should take maximum precautions to stop outbreak of infections," sources in the health ministry said.


Conclusion:It's a regular trend that after water starts receeding in flood hit area, outbreak of disease definitely take place.

"We are with the state governments and whenever any state government wants, our ministry is always ready to extend helping hand," said Minister for Health and Family Welfare Dr Harsh Vardhan.

As many as 55 people have died in rain related incidents in Bihar in last few days.

end.
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