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सहायक प्रजनन तकनीक समेत कई विधेयक को मंजूरी, संसद में किया जाएगा पेश

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Published : Feb 19, 2020, 5:29 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 8:52 PM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक, अधिकार सम्पन्न प्रौद्योगिकी समूह के गठन और डेयरी क्षेत्र में किसानों को दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज सहायता दो प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दी. जानें पूरा विवरण

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प्रजनन तकनीक विधेयक को मंजूरी

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक, अधिकार सम्पन्न प्रौद्योगिकी समूह के गठन और डेयरी क्षेत्र में किसानों को दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज सहायता दो प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई .

जावेड़कर, ईरानी और तोमर का बयान.

संसद में पेश किया जाएगा नियमन विधेयक
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं स्मृति ईरानी ने संवाददाताओं को बताया कि सहायक प्रजनन तकनीक विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा .

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण कदम है . इसके तहत एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री और पंजीकरण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है जो सभी चिकित्सा पेशेवरों एवं इससे जुड़ी तकनीक का उपयोग करने वाले प्रतिनिधियों पर लागू होगा . इसमें एक राष्ट्रीय बोर्ड और राज्य बोर्ड गठन की बात कही गई है जो कानूनी रूपरेखा को लागू करने में मदद करेगा.

इसमें एक सेंट्रल डाटा बेस बनाने की भी बात कही गई है . इस डाटा का उपयोग शोध उद्देश्यों के लिए किया जायेगा .

22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी . जावड़ेकर ने बताया कि यह आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर सलाह देगा.

गौरतलब है कि पूर्व विधि आयोग का कार्यकाल इस वर्ष अगस्त में समाप्त हो रहा है .

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद विधि मंत्रालय अब नए आयोग को अधिसूचित करेगा, जिसका कार्यकाल तीन वर्ष होगा .

प्रौद्योगिकी समूह के गठन को मंजूरी
जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अधिकार सम्पन्न प्रौद्योगिकी समूह के गठन को मंजूरी दे दी. उन्होंने बताया कि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में गठित एक समिति की सिफारिशों के आधार पर इस प्रौद्योगिकी समूह के गठन को मंजूरी दी गई है .

उन्होंने कहा कि ऐसा पाया गया कि प्रौद्योगिकी बढ़ रही है, प्रौद्योगिकी आ रही है लेकिन एक स्थान पर नहीं है . सवाल यह है कि जो प्रौद्योगिकी आ रही है, वह आधुनिक और समयानुकूल है या नहीं. अगर प्रौद्योगिकी हासिल करनी है तो उसे कहां से हासिल किया जाए इन सभी विषयों पर यह प्रौद्योगिकी समूह सलाह देगा ?

जावड़ेकर ने बताया कि यह समूह विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को प्रौद्योगिकी के उपयोग, खरीद आदि के बारे में बेहतर संभव सुझाव प्रदान करेगा .

जावडे़कर ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) के तहत बढ़ी हुई ब्याज सब्सिडी से श्वेत क्रांति (दूध उत्पादन से जुड़ी) में नए आयाम जुड़ेगे. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए संशोधित आवंटन 11,184 करोड़ रुपये रखा गया है.

ये भी पढ़ें-यूपी के भदोही से भाजपा विधायक समेत 6 लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज

नाबार्ड को 2.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान
डीआईडीएफ के तहत, केंद्र सरकार नाबार्ड को वर्ष 2019-20 (30 जुलाई, 2019 से प्रभावी) से वर्ष 2030-31 तक 2.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान करेगी और अगर धन की लागत में कोई और वृद्धि होगी, तो इस बोझ का वहन उधारकर्ताओं को स्वयं उठाना होगा.

इस संबंध में एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'योजना के वित्त पोषण की अवधि (वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20) को संशोधित कर वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक किया गया है और पुनर्भुगतान की अवधि वित्त वर्ष 2031-32 की पहली तिमाही तक बढ़ायी जा सकती है. इसके लिए कुल 4,458 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की मिलाकर 37 उप-परियोजनाएं प्रस्तुत की गई हैं. जिनमें ऋण का हिस्सा 3,207 करोड़ रुपये होगा.'

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को नाबार्ड के द्वारा अब तक 3,207 करोड़ रुपये में 1,110 करोड़ रुपये का ऋण दो किस्तों में वितरित किए गए हैं.

जावड़ेकर ने कहा, सीसीईए के फैसले से 50,000 गांवों के 95 लाख दूध उत्पादकों को लाभ होगा.

बल्क मिल्क कूलर किए जाएंगे स्थापित
इसके अलावा इस योजना के तहत अतिरिक्त दूध द्रुतशीतन क्षमता स्थापित करने के लिए 28,000 बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए जाएंगे. इनकी कुल क्षमता दैनिक 140 लाख लीटर होगी.

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक, अधिकार सम्पन्न प्रौद्योगिकी समूह के गठन और डेयरी क्षेत्र में किसानों को दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज सहायता दो प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई .

जावेड़कर, ईरानी और तोमर का बयान.

संसद में पेश किया जाएगा नियमन विधेयक
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं स्मृति ईरानी ने संवाददाताओं को बताया कि सहायक प्रजनन तकनीक विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा .

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण कदम है . इसके तहत एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री और पंजीकरण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है जो सभी चिकित्सा पेशेवरों एवं इससे जुड़ी तकनीक का उपयोग करने वाले प्रतिनिधियों पर लागू होगा . इसमें एक राष्ट्रीय बोर्ड और राज्य बोर्ड गठन की बात कही गई है जो कानूनी रूपरेखा को लागू करने में मदद करेगा.

इसमें एक सेंट्रल डाटा बेस बनाने की भी बात कही गई है . इस डाटा का उपयोग शोध उद्देश्यों के लिए किया जायेगा .

22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी . जावड़ेकर ने बताया कि यह आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर सलाह देगा.

गौरतलब है कि पूर्व विधि आयोग का कार्यकाल इस वर्ष अगस्त में समाप्त हो रहा है .

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद विधि मंत्रालय अब नए आयोग को अधिसूचित करेगा, जिसका कार्यकाल तीन वर्ष होगा .

प्रौद्योगिकी समूह के गठन को मंजूरी
जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अधिकार सम्पन्न प्रौद्योगिकी समूह के गठन को मंजूरी दे दी. उन्होंने बताया कि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में गठित एक समिति की सिफारिशों के आधार पर इस प्रौद्योगिकी समूह के गठन को मंजूरी दी गई है .

उन्होंने कहा कि ऐसा पाया गया कि प्रौद्योगिकी बढ़ रही है, प्रौद्योगिकी आ रही है लेकिन एक स्थान पर नहीं है . सवाल यह है कि जो प्रौद्योगिकी आ रही है, वह आधुनिक और समयानुकूल है या नहीं. अगर प्रौद्योगिकी हासिल करनी है तो उसे कहां से हासिल किया जाए इन सभी विषयों पर यह प्रौद्योगिकी समूह सलाह देगा ?

जावड़ेकर ने बताया कि यह समूह विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को प्रौद्योगिकी के उपयोग, खरीद आदि के बारे में बेहतर संभव सुझाव प्रदान करेगा .

जावडे़कर ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) के तहत बढ़ी हुई ब्याज सब्सिडी से श्वेत क्रांति (दूध उत्पादन से जुड़ी) में नए आयाम जुड़ेगे. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए संशोधित आवंटन 11,184 करोड़ रुपये रखा गया है.

ये भी पढ़ें-यूपी के भदोही से भाजपा विधायक समेत 6 लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज

नाबार्ड को 2.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान
डीआईडीएफ के तहत, केंद्र सरकार नाबार्ड को वर्ष 2019-20 (30 जुलाई, 2019 से प्रभावी) से वर्ष 2030-31 तक 2.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान करेगी और अगर धन की लागत में कोई और वृद्धि होगी, तो इस बोझ का वहन उधारकर्ताओं को स्वयं उठाना होगा.

इस संबंध में एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, 'योजना के वित्त पोषण की अवधि (वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20) को संशोधित कर वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक किया गया है और पुनर्भुगतान की अवधि वित्त वर्ष 2031-32 की पहली तिमाही तक बढ़ायी जा सकती है. इसके लिए कुल 4,458 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की मिलाकर 37 उप-परियोजनाएं प्रस्तुत की गई हैं. जिनमें ऋण का हिस्सा 3,207 करोड़ रुपये होगा.'

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को नाबार्ड के द्वारा अब तक 3,207 करोड़ रुपये में 1,110 करोड़ रुपये का ऋण दो किस्तों में वितरित किए गए हैं.

जावड़ेकर ने कहा, सीसीईए के फैसले से 50,000 गांवों के 95 लाख दूध उत्पादकों को लाभ होगा.

बल्क मिल्क कूलर किए जाएंगे स्थापित
इसके अलावा इस योजना के तहत अतिरिक्त दूध द्रुतशीतन क्षमता स्थापित करने के लिए 28,000 बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए जाएंगे. इनकी कुल क्षमता दैनिक 140 लाख लीटर होगी.

Last Updated : Mar 1, 2020, 8:52 PM IST
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