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केरल में पूर्व मुख्यमंत्री चांडी समेत विपक्षी नेताओं के खिलाफ CBI जांच - टाइटेनियम में भ्रष्टाचार आरोपी ओमन चांडी, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला और पूर्व मंत्री वी के इब्राहिम कुन्जू

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला और पूर्व मंत्री वीके इब्राहिम कुन्जू के खिलाफ CBI जांच करेगी. 66 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में त्रावणकोर टाइटेनियम प्रोडक्ट्स लिमिटेड का नाम भी सामने आया है. जानें क्या है मसला...

पूर्व मुख्यमंत्री चांडी और विपक्ष के नेता
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Published : Sep 7, 2019, 6:27 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:51 PM IST

तिरुवनंतपुरम: त्रावणकोर टाइटेनियम प्रोडक्ट्स लिमिटेड में भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं. इस हाई-प्रोफाइल केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की जानी है. जांच एजेंसी CBI ने मामले की जांच के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

इस मामले में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला और पूर्व मंत्री वीके इब्राहिम कुन्जू आरोपी हैं. साथ में इसमें टाइटेनियम के पूर्व अध्यक्ष टी बालाकृष्णन भी आरोपी हैं.

बता दें, केरल सरकार द्वारा इस संबंध में CBI जांच की सिफारिश की गई है. आरोप यह है कि टाइटेनियम कारखाने में प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र स्थापित करने के लिए काम में भ्रष्टाचार हुआ था.

बहरहाल इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए चांडी ने कहा कि वह किसी भी एजेंसी द्वारा जांच का सामना करने के लिए तैयार है.

दरअसल मामले की जांच कर रही सतर्कता विभाग के अनुसार 256 करोड़ रुपये के प्रदूषण नियंत्रण तंत्र की स्थापना के दौरान 66 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. हालांकि 2006 में आरोप लगाए गए थें, जिसके बाद विजिलेंस ने जांच शुरू की थी.

सतर्कता विभाग ने अपनी जांच के दौरान इंटरपोल जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी मांगी ली थी.

पढ़ें- तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को न सौंपे अडानी को, विजयन ने किया प्रधानमंत्री से आग्रह

गौरतलब है प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र के लिए विभिन्न उपकरण ब्रिटेन और फ़िनलैंड में स्थित कंपनियों से खरीदे गए थे. जैसे कि VA Tech Wagag, AVI Europe और Comedor Eco Plingsings मशीनरी की वास्तविक कीमत और कमीशन के रूप में भुगतान की गई थी.

तिरुवनंतपुरम: त्रावणकोर टाइटेनियम प्रोडक्ट्स लिमिटेड में भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं. इस हाई-प्रोफाइल केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की जानी है. जांच एजेंसी CBI ने मामले की जांच के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

इस मामले में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला और पूर्व मंत्री वीके इब्राहिम कुन्जू आरोपी हैं. साथ में इसमें टाइटेनियम के पूर्व अध्यक्ष टी बालाकृष्णन भी आरोपी हैं.

बता दें, केरल सरकार द्वारा इस संबंध में CBI जांच की सिफारिश की गई है. आरोप यह है कि टाइटेनियम कारखाने में प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र स्थापित करने के लिए काम में भ्रष्टाचार हुआ था.

बहरहाल इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए चांडी ने कहा कि वह किसी भी एजेंसी द्वारा जांच का सामना करने के लिए तैयार है.

दरअसल मामले की जांच कर रही सतर्कता विभाग के अनुसार 256 करोड़ रुपये के प्रदूषण नियंत्रण तंत्र की स्थापना के दौरान 66 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. हालांकि 2006 में आरोप लगाए गए थें, जिसके बाद विजिलेंस ने जांच शुरू की थी.

सतर्कता विभाग ने अपनी जांच के दौरान इंटरपोल जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी मांगी ली थी.

पढ़ें- तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को न सौंपे अडानी को, विजयन ने किया प्रधानमंत्री से आग्रह

गौरतलब है प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र के लिए विभिन्न उपकरण ब्रिटेन और फ़िनलैंड में स्थित कंपनियों से खरीदे गए थे. जैसे कि VA Tech Wagag, AVI Europe और Comedor Eco Plingsings मशीनरी की वास्तविक कीमत और कमीशन के रूप में भुगतान की गई थी.

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CBI to probe Titanium case



Thiruvananthapuram: The Central Bureau of Investigation (CBI) is all set to probe the high-profile Travancore Titanium Products Limited case in which the suspects include former Chief Minister Oommen Chandy, Opposition Leader Ramesh Chennithala and former Minister V K Ebrahim Kunju. A recommendation has been made in this regard by the Kerala government. Yet another accused is former Chairman of Titanium, T Balakrishnan.



It is alleged that corruption had taken place in the work for setting up a pollution control plant at Titanium factory. Reacting to the development, Chandy said that he was prepared to face an investigation by any agency.



According to the Vigilance department that probed the case earlier, a corruption of Rs 66 crore was involved in the setting up of the Rs 256-cr pollution control mechanism. The allegations were raised in 2006 and soon after the Vigilance launched a preliminary investigation.



The Vigilance Department had also sought the help of international agencies like Interpol during its probe. Various equipment for the pollution control plant were purchased from firms based in Britain and Finland like VA Tech Wabag, AVI Europe and Comedor Eco Plannings. Details were sought regarding the actual price of the machinery and the amount paid as commission.




Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:51 PM IST
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