नई दिल्ली : एक बेहद संवेदनशील अभियान के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ठाणे के निकट समुद्र की संकरी खाड़ी से 40 फीट की गहराई से एक पिस्तौल बरामद की. नरेंद्र दाभोलकर समेत कई तर्कवादियों की हत्या में यह हथियार महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकता है.
अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने दुबई स्थित विशेषज्ञ कंपनी इनवायटेक मैरीन कंसल्टेंट्स की मदद ली. कंपनी ने नार्वे के अत्याधुनिक उपकरणों और यूक्रेन के गोताखोरों की मदद से समुद्री खाड़ी की सतह की 40 फीट मोटी रेत की परत में पिस्तौल को ढूंढ निकाला.
इस अभियान पर करीब 7.5 करोड़ रूपये का खर्च आया जिसे कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार मिलकर वहन करेंगी. उन्होंने बताया कि दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों ने कथित तौर पर तर्कवादी दाभोलकर, गौरी लंकेश, एमएम कलबुर्गी और गोविंद पंसारे की गोली मारकर हत्या कर दी थी. सभी हत्याओं का तरीका समान था. एजेंसी 20 अगस्त 2013 को पुणे में हुए दाभोलकर हत्याकांड की जांच कर रही है.
सनातन संस्था के कार्यकर्ताओं पर उनकी हत्या का आरोप है. जबकि कर्नाटक पुलिस कलबुर्गी, लंकेश और पंसारे की हत्या की जांच कर रही है. अधिकारी ने बताया कि हथियार को बैलेस्टिक परीक्षण के लिए भेजा जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि दाभोलकर या किसी अन्य हत्याकांड में इसका इस्तेमाल किया गया है या नहीं.
दाभोलकर हत्याकांड के कथित शूटर शरद कालस्कर ने दावा किया था कि उसने सनातन संस्था के एक सदस्य के कहने पर हत्या में प्रयुक्त चार हथियारों को समुद्री खाड़ी में फेंक दिया था. कालस्कर से पूछताछ के बाद एजेंसी ने उस क्षेत्र को चिह्नित किया जहां पुल से हथियार फेंके गए.
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