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अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना मरीज का गुपचुप दिया शव, मुकदमा दर्ज

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Published : Apr 10, 2020, 3:15 PM IST

दिल्ली पुलिस ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अस्पताल पर आरोप हैं कि उसने कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत होने जाने के बाद सरकारी तंत्र को जानकारी नहीं दी और शव को परिवारी जनों को सौंप दिया. अस्पताल की इस लापरवाही से 80 से ज्यादा लोग संदिग्ध बन गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

अस्पताल
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नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने निजी महाराजा अग्रसेन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफमहामारी अधिनियम सहित तमाम अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. अस्पताल पर आरोप है कि उसने कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत होने पर सरकारी तंत्र को सूचित नहीं किया और शव गुपचुप तरीके से परिवार वालों के हवाले कर दिया. इस लापरवाही के चलते 80 से ज्यादा लोग कोरोना संदिग्ध बन गए.

बता दें कि इस लापरवाही से अस्पताल के कई कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कोरोना के कोहराम में यह देश की राजधानी में किसी अस्पताल के खिलाफ दर्ज पहला मामला है.

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एसीपी अनिल मित्तल ने गुरुवार रात को बताया कि अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा पंजाबी बाग एसडीएम की शिकायत पर दर्ज किया गया है. घटनाक्रम के मुताबिक, एसडीएम पंजाबी बाग को हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली 72 साल की एक महिला ने शिकायत दी थी. शिकायत में महिला ने कहा था कि वह 10 मार्च, 2020 को महाराजा अग्रसेन अस्पताल में दाखिल हुई.

महाराजा अग्रसेन अस्पताल प्रबंधन/डॉक्टर्स की मेडिकल टीम ने महिला को सर गंगाराम अस्पताल रेफर कर दिया. गंगा राम अस्पताल में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई. फिर पश्चिमी जिला प्रशासन के निर्देश पर महिला के संपर्क में आने वाले महाराजा अग्रसेन अस्पताल के सभी 82 कर्मचारियों का भी कोविड-19 टेस्ट कराया. रिपोर्ट में 82 छह कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव मिले.

जांच में पता चला कि जिस वार्ड में दाखिल सोनीपत के ही एक वृद्ध की कोरोना से चार अप्रैल 2020 को मौत हो गई थी, उसी वार्ड में महिला को भी दाखिल कर दिया गया था. जांच में पता चला कि कोरोना पॉजिटिव वृद्ध मरीज की मौत के बाद महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने शव परिवार वालों को चुपचाप दे दिया गया. जबकि नियमानुसार कोरोना पॉजिटिव मरीज (वृद्ध) का शव सरकारी एजेंसियों से अनुमति के बाद ही परिवार वालों को पूरी एहतियात के साथ सौंपा जाना चाहिए था.

पढ़ें : यूपी सरकार ने करीब पांच लाख दैनिक वेतन भोगियों के खाते में सहायता राशि ट्रांसफर की

पूरे मामले की जांच पश्चिमी दिल्ली जिले के जिलाधिकारी से कराई गई. तब महाराजा अग्रसेन अस्पताल की घोर लापरवाही का पदार्फाश हुआ. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही अब दिल्ली प्रशासन और दिल्ली पुलिस उस चेन की तलाश में जुटी है, जो-जो लोग कोरोना पॉजिटिव के रूप में मरने वाले वृद्ध के संपर्क में पहुंची थी. फिलहाल मामले की जांच पंजाबी बाग थाना पुलिस भी अपने स्तर से कर रही है.

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने निजी महाराजा अग्रसेन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफमहामारी अधिनियम सहित तमाम अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. अस्पताल पर आरोप है कि उसने कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत होने पर सरकारी तंत्र को सूचित नहीं किया और शव गुपचुप तरीके से परिवार वालों के हवाले कर दिया. इस लापरवाही के चलते 80 से ज्यादा लोग कोरोना संदिग्ध बन गए.

बता दें कि इस लापरवाही से अस्पताल के कई कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कोरोना के कोहराम में यह देश की राजधानी में किसी अस्पताल के खिलाफ दर्ज पहला मामला है.

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एसीपी अनिल मित्तल ने गुरुवार रात को बताया कि अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा पंजाबी बाग एसडीएम की शिकायत पर दर्ज किया गया है. घटनाक्रम के मुताबिक, एसडीएम पंजाबी बाग को हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली 72 साल की एक महिला ने शिकायत दी थी. शिकायत में महिला ने कहा था कि वह 10 मार्च, 2020 को महाराजा अग्रसेन अस्पताल में दाखिल हुई.

महाराजा अग्रसेन अस्पताल प्रबंधन/डॉक्टर्स की मेडिकल टीम ने महिला को सर गंगाराम अस्पताल रेफर कर दिया. गंगा राम अस्पताल में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई. फिर पश्चिमी जिला प्रशासन के निर्देश पर महिला के संपर्क में आने वाले महाराजा अग्रसेन अस्पताल के सभी 82 कर्मचारियों का भी कोविड-19 टेस्ट कराया. रिपोर्ट में 82 छह कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव मिले.

जांच में पता चला कि जिस वार्ड में दाखिल सोनीपत के ही एक वृद्ध की कोरोना से चार अप्रैल 2020 को मौत हो गई थी, उसी वार्ड में महिला को भी दाखिल कर दिया गया था. जांच में पता चला कि कोरोना पॉजिटिव वृद्ध मरीज की मौत के बाद महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने शव परिवार वालों को चुपचाप दे दिया गया. जबकि नियमानुसार कोरोना पॉजिटिव मरीज (वृद्ध) का शव सरकारी एजेंसियों से अनुमति के बाद ही परिवार वालों को पूरी एहतियात के साथ सौंपा जाना चाहिए था.

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पूरे मामले की जांच पश्चिमी दिल्ली जिले के जिलाधिकारी से कराई गई. तब महाराजा अग्रसेन अस्पताल की घोर लापरवाही का पदार्फाश हुआ. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही अब दिल्ली प्रशासन और दिल्ली पुलिस उस चेन की तलाश में जुटी है, जो-जो लोग कोरोना पॉजिटिव के रूप में मरने वाले वृद्ध के संपर्क में पहुंची थी. फिलहाल मामले की जांच पंजाबी बाग थाना पुलिस भी अपने स्तर से कर रही है.

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