आगरा/लखनऊ : आगरा जिले से जिस बस को हाईजैक कर लिया गया था, वह बस इटावा से बरामद कर ली गई है. मिली जानकारी के मुताबिक झांसी में सभी सवार यात्रियों को छोड़ दिया गया था. बताया जा रहा है कि फाइनेंस कंपनी ने इस बस को अपने कब्जे में ले लिया था. वहीं सभी 34 यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
बस इटावा जनपद के अंतर्गत थाना बलरई के पास स्थित एक ढाबे के पीछे से बरामद की गई है, जिसे एक शख्स लेकर आया था.
इटावा के एसएसपी आकाश तोमर का बयान
वहीं इटावा के एसएसपी आकाश तोमर ने बताया आगरा से कुछ लोग लेकर बस ले गए थे. पुलिस द्वारा सर्च कराया जा रहा था. यह बस इटावा जनपद के अंतर्गत थाना बलरई के पास स्थित एक ढाबे के पीछे से बरामद कर लिया गया है. इस प्रकरण में जांच चल रही है. आगरा पुलिस से हमारा सम्पर्क बना हुआ है. अभी लोगों से पूछताछ की जा रही है. केस की तह तक जाने के लिए इसे पूरी तरह से डेवलप किया जा रहा है.
34 यात्रियों के साथ बस के अपहरण की सूचना से हड़कंप
उत्तर प्रदेश के आगरा से बुधवार सुबह यात्रियों से भरी एक निजी बस को एक फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंटों ने 'अगवा' कर लिया. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी.
पुलिस ने बताया कि घटना मलपुरा थानाक्षेत्र की है. बस हरियाणा के गुडगांव से मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही थी.
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया कि बस से उतरे तीन लोगों ने पुलिस को बताया कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बस पर सवार हुए थे.
एसएसपी ने घटना के बारे में कहा कि मध्य प्रदेश के डबरा के रहने वाले रमेश स्लीपर बस संख्या यूपी 75 एम-3516 में 34 यात्रियों को लेकर मंगलवार शाम को गुरुग्राम से मध्य प्रदेश के पन्ना में अमानगंज के लिए रवाना हुए थे.
अवनीश कुमार अवस्थी का बयान
इस बीच उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को एक बयान में बताया कि फाइनेंस कंपनी ने अवैध रूप से बस को कब्जे में ले लिया है . बस चालक, कर्मचारी और यात्री सुरक्षित हैं .
उन्होंने बताया कि बस मालिक का कल देहांत हो गया था.
जिस ढाबे पर रूके थे हाईजैक बस के चालक-परिचालक, ढाबा कर्मी ने बताई ये बात
ढाबे में काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि दो लोग बस लेकर देर रात में आए थे. दोनों खाना खाकर सो गए थे. कर्मचारी ने अनुसार, जब वह सुबह उठे तो बस खड़ी थी, लेकिन चालक और परिचालक फरार हो गए थे.
ढाबे में काम करने वाले कर्मचारी पवन ने बताया कि रात 3:30 बजे दो लोग बस को लेकर यहां आए और उन्होंने सबसे पहले पानी लिया. पानी लेने के बाद उन्होंने खाना खाया. खाने के बाद वो बस में सोने गए, फिर दोनों ढाबे में आ गए और बाहर सोते रहे. पवन ने बताया कि उसके बाद मैं भी सो गया. सुबह जब मालिक ने आकर उठाया और बस के बारे में पूछा, तब तक दोनों लोग फरार हो चुके थे.
बस कब कहां पहुंची, जानें-
रात 10.30 बजे बस आगरा के दक्षिणी बाइपास के रायभा टोल प्लाजा के पास पहुंची थी कि तभी वहां बोलेरो व जाइलो में सवार आठ- नौ युवकों ने खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर इसे रोक लिया.
एसएसपी ने बताया कि युवकों ने चालक से बस से नीचे उतरने को कहा लेकिन वह नहीं उतरा और बस लेकर आगे चल दिया.
अधिकारी ने बताया कि गाड़ी सवारों ने बस का पीछा किया और मलपुरा क्षेत्र में न्यू दक्षिणी बाईपास पर ही उन्होंने बस को ओवरटेक कर उसे रोक लिया.
उन्होंने बताया कि युवकों ने चालक और परिचालक को जबरन बस से नीचे खींच लिया. युवकों ने सवारियों से कहा कि वे शांत रहें और किसी को कोई खतरा नहीं है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चार युवक बस में बैठ गए. एक ने स्टेयरिंग संभाल ली और वे बस ले कर चले गए.
उन्होंने बताया कि कुछ युवकों ने चालक-परिचालक को अपनी गाड़ी में बैठा लिया और उन्हें दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ दिया.
उन्होंने बताया कि उस समय सुबह के चार बजे थे. चालक और परिचालक ने मलपुरा थाने पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी.
थाना मलपुरा ने चालक-परिचालक से पूछताछ के बाद घटना की जानकारी आला अधिकारियों को दी, जिसके बाद एसएसपी मौके पर पहुंच गए.
बता दें कि बस इटावा से बरामद कर ली गई है. आपको बता दें कि बस में सवार सभी यात्रियों को झांसी में छोड़ दिया गया था. भी 34 यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
बस इटावा जनपद के अंतर्गत थाना बलरई के पास स्थित एक ढाबे के पीछे से बरामद कर ली गई है. इस प्रकरण में जांच चल रही है. अभी लोगों से पूछताछ की जा रही है.
कौन है मास्टमाइंड
वहीं सूत्रों के हवाले से एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है कि आगरा बस हाईजैक का मास्टरमाइंड प्रदीप गुप्ता है, जो आरटीओ का दलाल बताया जाता है. मार्च 2018 में एसएसपी इटावा रहे वैभव कृष्ण ने दो एआरटीओ के साथ प्रदीप गुप्ता को जेल भेजा था. परिवहन विभाग के फर्जी प्रपत्र तैयार करने का प्रदीप गुप्ता पर आरोप है.
फर्जी कागजात से बस का परमिट दिलाने का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है प्रदीप गुप्ता उर्फ गुड्डा. प्रदीप गुप्ता मूल रूप से आगरा के ग्रामीण इलाके का रहने वाला है.