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वीवीआईपी गेस्ट हाउस कांड : बसपा ने मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के लिए अर्जी दी

सपा नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 1995 के वीवीआईपी गेस्ट हाउस कांड का मामला दायर है. इस मुकदमे को वापस लेने के लिए बसपा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इसके कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं. पढ़ें विस्तार से...

बसपा ने मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के लिए अर्जी दी
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Published : Nov 8, 2019, 7:53 PM IST

लखनऊ : बसपा ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 1995 के वीवीआईपी गेस्ट हाउस कांड को लेकर दायर मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी है.

गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव के आग्रह पर पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को निर्देश दिया कि वह मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल करें.

मायावती ने दो दिन पहले लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक के दौरान कहा था कि जब बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिए सपा से गठबंधन किया था, तो अखिलेश यादव ने मामला वापस लेने का अनुरोध किया था और मिश्र ने इस उद्देश्य से मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी थी.

बैठक में मौजूद रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कठिन परिश्रम करने पर जोर देते हुए बसपा सुप्रीमो ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था.

आपको बता दें कि मिश्र ने शीर्ष अदालत में अर्जी देने की पुष्टि की है.

इस बीच सूत्रों ने बताया कि मामला इस साल फरवरी में ही वापस ले लिया गया था, जब सपा बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया था.

सूत्रों ने बताया कि बसपा सुप्रीमो ने अखिलेश के आग्रह पर मामला वापस लेने का फैसला किया था हालांकि इस फैसले को उस समय सार्वजनिक नहीं किया गया.

अखिलेश ने मायावती के इस कदम के लिए उनका धन्यवाद किया है.

घटना दो जून 1995 की है, जब मायावती ने मुलायम सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और सरकार अल्पमत में आ गयी थी.

खबरों के मुताबिक सपा कार्यकर्ताओं ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस में मायावती का घेराव कर दिया था. अपशब्द कहे और कथित रूप से बिजली एवं जल की आपूर्ति काट दी थी.

इस दौरान भाजपा नेता ब्रहमदत्त द्विवेदी ने मायावती को बचाया था.

लखनऊ : बसपा ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 1995 के वीवीआईपी गेस्ट हाउस कांड को लेकर दायर मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी है.

गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव के आग्रह पर पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को निर्देश दिया कि वह मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल करें.

मायावती ने दो दिन पहले लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक के दौरान कहा था कि जब बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिए सपा से गठबंधन किया था, तो अखिलेश यादव ने मामला वापस लेने का अनुरोध किया था और मिश्र ने इस उद्देश्य से मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी थी.

बैठक में मौजूद रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कठिन परिश्रम करने पर जोर देते हुए बसपा सुप्रीमो ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था.

आपको बता दें कि मिश्र ने शीर्ष अदालत में अर्जी देने की पुष्टि की है.

इस बीच सूत्रों ने बताया कि मामला इस साल फरवरी में ही वापस ले लिया गया था, जब सपा बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया था.

सूत्रों ने बताया कि बसपा सुप्रीमो ने अखिलेश के आग्रह पर मामला वापस लेने का फैसला किया था हालांकि इस फैसले को उस समय सार्वजनिक नहीं किया गया.

अखिलेश ने मायावती के इस कदम के लिए उनका धन्यवाद किया है.

घटना दो जून 1995 की है, जब मायावती ने मुलायम सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और सरकार अल्पमत में आ गयी थी.

खबरों के मुताबिक सपा कार्यकर्ताओं ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस में मायावती का घेराव कर दिया था. अपशब्द कहे और कथित रूप से बिजली एवं जल की आपूर्ति काट दी थी.

इस दौरान भाजपा नेता ब्रहमदत्त द्विवेदी ने मायावती को बचाया था.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 19:3 HRS IST




             
  • वीवीआईपी गेस्ट हाउस कांड : बसपा ने मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के लिए अर्जी दी



लखनऊ, आठ नवंबर (भाषा) बसपा ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 1995 के वीवीआईपी गेस्ट हाउस कांड को लेकर दायर मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी है।



बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव के आग्रह पर पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को निर्देश दिया कि वह मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल करें।



मायावती ने दो दिन पहले लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक के दौरान कहा था कि जब बसपा ने लोकसभा चुनाव के लिए सपा से गठबंधन किया था तो अखिलेश यादव ने मामला वापस लेने का अनुरोध किया था और मिश्र ने इस उद्देश्य से मामला वापस लेने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी थी।



बैठक में मौजूद रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कठिन परिश्रम करने पर जोर देते हुए बसपा सुप्रीमो ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था।



मिश्र ने शीर्ष अदालत में अर्जी देने की पुष्टि की है।



इस बीच सूत्रों ने बताया कि मामला इस साल फरवरी में ही वापस ले लिया गया था, जब सपा बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया था। सूत्रों ने बताया कि बसपा सुप्रीमो ने अखिलेश के आग्रह पर मामला वापस लेने का फैसला किया था हालांकि इस फैसले को उस समय सार्वजनिक नहीं किया गया।



अखिलेश ने मायावती के इस कदम के लिए उनका धन्यवाद किया है।



घटना दो जून 1995 की है, जब मायावती ने मुलायम सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और सरकार अल्पमत में आ गयी थी।



खबरों के मुताबिक सपा कार्यकर्ताओं ने वीवीआईपी गेस्ट हाउस में मायावती का घेराव कर दिया था। अपशब्द कहे और कथित रूप से बिजली एवं जल की आपूर्ति काट दी थी।



इस दौरान भाजपा नेता ब्रहमदत्त द्विवेदी ने मायावती को बचाया था।


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