बैंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार 14 महीने की लंबी जद्दोजहद के बाद गिर गई. इसी के साथ भाजपा के बीएस येदियुरप्पा के चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता भी साफ हो गया है.
गौरतलब है कि मंगलवार को 225 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में 20 सदस्य अनुपस्थित थे. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा घट गया और 105 सदस्यों वाली बीजेपी ने सदन में बहुमत हासिल किया.
येदियुरप्पा 2007 में जनता दल-सेक्युलर के समर्थन से पहली बार कर्नाटक के सीएम बने थे लेकिन तब उनके हाथ सत्ता केवल 7 दिन तक रह सकी थी. 12 नवंबर 2007 को उन्होंने सीएम पद की शपथ ली और 19 नवंबर 2007 को पद से इस्तीफा देना पड़ गया.
2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी. इसके बाद येदियुरप्पा ने दूसरी बार कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली और 3 साल 62 दिन तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे.
2018 में येदियुरप्पा ने 17 मई को सीएम पद की शपथ ली लेकिन 19 मई को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा गया. 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी पर वह बहुमत नहीं जुटा सकी.
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मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत में कांग्रेस-जद (एस) सरकार की हार के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी राजभवन के लिए आगे बढ़े और राज्यपाल वजुभाई वाला को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
वेला ने कुमारस्वामी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उन्हें तब तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में जारी रखने के लिए कहा जब तक नई सरकार सत्ता में नहीं आ जाती है.
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भाजपा केंद्र सरकार से मार्गदर्शन लेने के बाद कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा करेगी.