नई दिल्ली : संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश की राजधानी दिल्ली सहित भारत के कई राज्यों में हिंसा देखी गई. इस दौरान जामिया हिंसा में शामिल करीब 12 लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया . हालांकि उनमें से कोई भी विश्वविद्यालय का छात्र नहीं है.
इस मुद्दे पर इटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव ने कहा इस हिंसा को भड़काने में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और त्रिणमूल कांग्रेस का हाथ है.
उन्होने कहा कि ये राजनीतिक दल सुनियोजित तरीके से विश्वविद्यालय के छात्रों का इस्तेमाल करके हिंसा भड़का रहे थे.
भाजपा नेता ने आगे यह भी कहा कि ये राजनीतिक दल छात्रों के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चलाने का काम कर रही है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि विश्वविद्याल के छात्रों द्वारा आगजनी की घटना से पहले 'आप' के नेता ने भड़काउ भाषण दिये थे. जिसके बाद छात्रों ने बसों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों की भीड़ में कांग्रेस के छात्र नेता भी शामिल थे.
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उन्होने कह कि कांग्रेस नेता रागिनी नायक ने अपने बयान में एक छात्र के मौत की झूठी बात भी कही थी. साथ ही उन्होने ममता बनर्जी पर भी हिंसा पर रोक ना लगाने का आरोप लगाया.
आरपी सिंह ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के बारे में लोगों को राजनीतिक पार्टियों द्वारा गुमराह किया जा रहा है.
उन्होने कहा कि विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि संशोधित नागरिकता कानून उनकी नागरिकता छीन लेगी. जबकी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस कानून से देश के किसी नागरिक को कोई नुकसान नहीं है न ही उनकी नागरिकता को लेकर प्रश्न उठाया जाएगा.
छात्रों से आरपी सिंह ने अपील की है कि अगर उन्हें कोई सरकार के कदम से किसी तरह की भी दिक्कत है तो उन्हे सवाल करने का पूरा हक है. लेकिन हिंसा करना सही नहीं है.