नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने अनुबंधित कर्मचारियों (कॉन्ट्रैक्टेड एम्प्लॉई) के लिए अच्छी खबर है. डीटीसी ने कर्मचारियों की मांगों और शिकायतों के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. डीटीसी प्रबंध निदेशक के निर्देश पर कर्मचारियों के मुद्दों पर विचार करने के लिए अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है. यह समिति कर्मचारियों के विभिन्न मांगों पर विचार कर वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट देगी. जल्द ही कमेटी के अधिकारी कर्मचारियों के साथ बैठक भी कर सकते हैं.
डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन की तरफ से लगातार कर्मचारियों के हितों के लिए आवाज उठाई जा रही है. इससे पहले 16 अक्टूबर और तीन नवंबर को आईपी डिपो स्थित डीटीसी मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया गया था. इसके बाद अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया, जिसमें अनुबंध कर्मचारियों की कई मांगेंं भी थी. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी द्वारा भेजे गए पत्र के संदर्भ में अब डीटीसी की तरफ से आदेश जारी किया गया है.
कर्मचारियों के हित में एक सकारात्मक पहल: आदेश में कहा गया है कि यूनियन को अनुबंधित कर्मचारियों की नवीनतम मांगों और परिवेदनाओं के संबंध में एक मांग पत्र तैयार कर इसे संबंधित समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए जल्द भेजने का निर्देश दिया गया है. यह कदम डीटीसी के प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान देने की दिशा में उठाया गया है. कर्मचारी यूनियन और निगम प्रबंधन के बीच संवाद की प्रक्रिया को सुचारू रखने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है. इस मामले पर यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने बताया कि यह निर्णय कर्मचारियों के हित में एक सकारात्मक पहल है और उन्हें इससे काफी उम्मीदें है.
यूनियन की प्रमुख मांगें-
- समय पर तनख्वाह: कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन न मिलने के कारण उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. यूनियन ने तुरंत वेतन भुगतान करने की मांग की है.
- अनुबंध कर्मचारियों का स्थायीकरण: सभी अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए और जब तक यह प्रक्रिया पूरी न हो, तब तक 'समान कार्य, समान वेतन' लागू किया जाए.
- अनुकंपा, आश्रित और संवाहकों का नियमितीकरण: लंबे समय से अनुबंध पर कार्यरत कंडक्टरों को स्थायी किया जाए और उनकी सेवाओं को नियमित किया जाए.
- टीए, सीएल, और सरकारी छुट्टियों का भुगतान: अनुबंधित कर्मचारियों को यात्रा भत्ते (टीए) के साथ-साथ 15 दिनों की चतुर्थ श्रेणी अवकाश (सीएल) दिया जाए, जैसा कि डिम्ट्स कर्मचारियों को मिलता है. इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों को सरकारी अवकाश का भुगतान भी किया जाए.
- ड्यूटी और वेतन की शर्तों में सुधार: कर्मचारियों की ड्यूटी 8-30 घंटे के भीतर निर्धारित की जाए और ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन दिया जाए. साथ ही, डिपो प्रबंधकों को कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए हर महीने एक दिन निर्धारित किया जाए.
- कंपनी के समझौते का फिर से मूल्यांकन: हर साल कर्मचारियों से जो समझौता साइन कराया जाता है, उसे गैर संवैधानिक और शोषणपूर्ण बताते हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग की गई है.
- इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर ध्यान: इलेक्ट्रिक बसों में बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण यूनियन ने सुझाव दिया है कि इन बसों को चलाने का जिम्मा केवल अनुभवी ड्राइवरों को सौंपा जाए, ताकि कर्मचारियों की नौकरियों की सुरक्षा बनी रहे.
- स्थायी और अनुबंध कर्मचारियों का अनुपात: यूनियन ने यह मांग की है कि डीटीसी विभाग में 60% स्थायी और 40% अनुबंध कर्मचारियों की तैनाती हो, जैसा कि कंपनी एक्ट के तहत तय है, जबकि वर्तमान में सभी कंडक्टर कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं.
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