बेंगलुरूः कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया के एक आपत्तिजनक टिप्पणी से एक विवाद उत्पन्न हो गया है, जो कि परोक्ष रूप से पूर्ववर्ती गठबंधन सरकार में उनकी पार्टी के सहयोगी दल जदएस को निशाना बनाकर की गई थी. यद्यपि सिद्धरमैया ने बाद में दावा किया कि उन्होंने एक आम कन्नड़ कहावत का इस्तेमाल किया था और वह भाजपा का उल्लेख कर रहे थे.
मैसुरू के पेरियापाटना में शुक्रवार शाम में जब संवाददाताओं ने पूछा कि कांग्रेस और जदएस सरकार के गिरने के लिए जदएस के नेता उन पर आरोप क्यों लगा रहे हैं, सिद्धरमैया ने एक कन्नड़ कहावत का इस्तेमाल किया जिसका शाब्दिक अर्थ है कि नृत्य करने में असमर्थ एक वेश्या ने फर्श को असमान बताया.
इस टिप्पणी से जदएस नाराज हो गई. जदएस के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता रमेश बाबू ने कहा कि यह सिद्धरमैया की निराशा को प्रतिबिंबित करती है.
भाजपा ने भी सिद्धरमैया की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि यह पार्टी की संस्कृति को प्रतिबिंबित करती है.
विवाद बढ़ने पर सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी का उल्लेख कर रहे थे.सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने जिस कन्नड़ कहावत का इस्तेमाल किया वह लोगों के बीच बहुत आम है.
भाजपा प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा, एक पूर्व मुख्यमंत्री होते हुए, उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह अत्यंत अनुचित और बहुत निम्न स्तर की है। यह सिद्धरमैया और उनकी पार्टी की संस्कृति है.
आज सिद्धरमैया ने दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थला में संवाददाताओं से कहा, 'मैं भाजपा का उल्लेख कर रहा था. यह मैसुरू के आसपास के क्षेत्रों में इस्तेमाल बहुत आम कहावत है. जो लोग सरकार नहीं चला पाये उन्होंने स्थितियों को विपरीत बताया.
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बाबू ने उन पर निशाना साधते हुए कहा, 'सिद्धरमैया का बयान उनका आचरण प्रतिबिंबित करता है. कोई नेता यदि अपनी भाषा पर नियंत्रण खो देता है, यह उसकी कुंठा दिखाता है.
उन्होंने ट्वीट किया, 'जदएस उन लोगों के लिए स्वर्ग की तरह है जो उसे प्यार करते हैं. यदि कोई उसके खिलाफ बोलता है तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता. यह तथ्य है कि गठबंधन सरकार के दौरान कांग्रेस और जदएस दोनों ने साथ नृत्य किया था.'
कांग्रेस और जदएस सरकार 22 जुलाई को तब गिर गई थी जब तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा लाया गया विश्वास प्रस्ताव विधानसभा में गिर गया था.