ETV Bharat / bharat

PAK में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी नहीं, संसद में विधेयक पारित

पाकिस्तान की संसद में लड़कियों से जुड़ा विधेयक पारित किया गया है. इसके बाद लड़कियां 18 साल की उम्र में कानूनी रूप से युवा कही जाएंगी. हालांकि कई सांसदों ने इस विधेयक को इस्लाम विरोधी बताकर इसका विरोध भी किया. जानें पूरा मामला

पाक में विरोध के चलते लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल हुई तय
author img

By

Published : Apr 30, 2019, 11:21 PM IST

इस्लामाबादः पाकिस्तान में बाल विवाह रोकने के लिए संसद में एक विधेयक पारित किया गया है. इसमें लड़की की युवावस्था की उम्र 18 साल तय की गई है. इसका मकसद बाल विवाह रोकना है.

पाक की संसद में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सांसद शेरी रहमान ने बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 1929 पेश किया. इसका मकसद देश में बाल विवाह प्रथा को रोकने में मदद हासिल करना है.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष के सांसदों ने इस विधेयक को इस्लाम के खिलाफ करार दिया और संसद में इसका विरोध भी किया. हालांकि, विपक्ष के जबरदस्त विरोध के बीच इस विधेयक को सोमवार को पारित कर दिया गया.

सांसद गफूर हैदरी ने निकाह की उम्र तय करने को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि निकाह की उम्र तय करना शरिया के खिलाफ है. विधेयक को आगे की चर्चा के लिए इस्लामिक विचारधारा परिषद (आईआईसी) को भेजा जा सकता है.

धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल कादरी ने कहा कि इसी प्रकार का एक विधेयक 2010 में आईआईसी को भेजा गया था. परिषद ने इसे यह कहकर लौटा दिया था कि फौकाह के मुताबिक नहीं है. युवावस्था की उम्र समयानुसार बदलती है और इसे तय नहीं किया जा सकता है.

संसद के पूर्व अध्यक्ष रजा रब्बानी ने इसका समर्थन किया और यह कहा कि विधेयक इससे पहले आईआईसी को भेजा गया था जहां यह कईं सालों तक लंबित रहा.

उन्होंने कहा कि सिंध विधानसभा ने पहले ही विधेयक पारित कर दिया था जिसे अब तक किसी भी मंच पर किसी तरह की चुनौती या विरोध नहीं मिला.

उन्होंने आगे कहा कि अन्य इस्लामी देशों में भी लड़कियों की यौवन की उम्र भी 18 साल है.

पढ़ेंः US ने पाक पर लगाया बैन, नागरिकों के वीजा पर खतरा

बिल के प्रस्तावक सीनेटर रहमान ने बिल पर वोटिंग के लिए सीनेट अध्यक्ष से आग्रह करते हुए कहा कि वोट की उम्र, पहचान पत्र की उम्र 18 थी, तो इसलिए युवावस्था की उम्र इसके अनुसार ही निर्धारित नहीं की जा सकती है.

युवावस्था के लिए 18 साल की उम्र घोषित करने वाले अन्य मुस्लिम देशों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, अल्जीरिया में युवावस्था की उम्र 19 थी, जबकि बांग्लादेश, मिस्र, तुर्की, मोरक्को, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और यहां तक ​​कि सऊदी अरब ने भी युवावस्था के लिए 18 साल तय किए थे.

सीनेटर ने कहा, "हम पश्चिमी मूल्यों को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं, हम एक निर्दोष की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि कम उम्र में शादी होने से हर 20 मिनट में एक पाकिस्तानी महिला की मौत हो जाती है." लेकिन दुर्भाग्यवश पाकिस्तान में 18 साल से कम आयु में 21 प्रतिशत शादियां हुईं.

संसदीय मामलों के मंत्री अली मुहम्मद खान ने कहा कि हालांकि विधेयक का इरादा नेक है, लेकिन कईं मुद्दे ऐसे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि देश इस्लाम के नाम पर ही अस्तित्व में आया.

विधेयक पर बहस के बाद सीनेट अध्यक्ष ने मतदान की मांग की, और पांच मतों के विरोध के साथ विधेयक पारित किया.

(पीटीआई इनपुट)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में बाल विवाह रोकने के लिए संसद में एक विधेयक पारित किया गया है. इसमें लड़की की युवावस्था की उम्र 18 साल तय की गई है. इसका मकसद बाल विवाह रोकना है.

पाक की संसद में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सांसद शेरी रहमान ने बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 1929 पेश किया. इसका मकसद देश में बाल विवाह प्रथा को रोकने में मदद हासिल करना है.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष के सांसदों ने इस विधेयक को इस्लाम के खिलाफ करार दिया और संसद में इसका विरोध भी किया. हालांकि, विपक्ष के जबरदस्त विरोध के बीच इस विधेयक को सोमवार को पारित कर दिया गया.

सांसद गफूर हैदरी ने निकाह की उम्र तय करने को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि निकाह की उम्र तय करना शरिया के खिलाफ है. विधेयक को आगे की चर्चा के लिए इस्लामिक विचारधारा परिषद (आईआईसी) को भेजा जा सकता है.

धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल कादरी ने कहा कि इसी प्रकार का एक विधेयक 2010 में आईआईसी को भेजा गया था. परिषद ने इसे यह कहकर लौटा दिया था कि फौकाह के मुताबिक नहीं है. युवावस्था की उम्र समयानुसार बदलती है और इसे तय नहीं किया जा सकता है.

संसद के पूर्व अध्यक्ष रजा रब्बानी ने इसका समर्थन किया और यह कहा कि विधेयक इससे पहले आईआईसी को भेजा गया था जहां यह कईं सालों तक लंबित रहा.

उन्होंने कहा कि सिंध विधानसभा ने पहले ही विधेयक पारित कर दिया था जिसे अब तक किसी भी मंच पर किसी तरह की चुनौती या विरोध नहीं मिला.

उन्होंने आगे कहा कि अन्य इस्लामी देशों में भी लड़कियों की यौवन की उम्र भी 18 साल है.

पढ़ेंः US ने पाक पर लगाया बैन, नागरिकों के वीजा पर खतरा

बिल के प्रस्तावक सीनेटर रहमान ने बिल पर वोटिंग के लिए सीनेट अध्यक्ष से आग्रह करते हुए कहा कि वोट की उम्र, पहचान पत्र की उम्र 18 थी, तो इसलिए युवावस्था की उम्र इसके अनुसार ही निर्धारित नहीं की जा सकती है.

युवावस्था के लिए 18 साल की उम्र घोषित करने वाले अन्य मुस्लिम देशों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, अल्जीरिया में युवावस्था की उम्र 19 थी, जबकि बांग्लादेश, मिस्र, तुर्की, मोरक्को, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और यहां तक ​​कि सऊदी अरब ने भी युवावस्था के लिए 18 साल तय किए थे.

सीनेटर ने कहा, "हम पश्चिमी मूल्यों को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं, हम एक निर्दोष की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि कम उम्र में शादी होने से हर 20 मिनट में एक पाकिस्तानी महिला की मौत हो जाती है." लेकिन दुर्भाग्यवश पाकिस्तान में 18 साल से कम आयु में 21 प्रतिशत शादियां हुईं.

संसदीय मामलों के मंत्री अली मुहम्मद खान ने कहा कि हालांकि विधेयक का इरादा नेक है, लेकिन कईं मुद्दे ऐसे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि देश इस्लाम के नाम पर ही अस्तित्व में आया.

विधेयक पर बहस के बाद सीनेट अध्यक्ष ने मतदान की मांग की, और पांच मतों के विरोध के साथ विधेयक पारित किया.

(पीटीआई इनपुट)

ZCZC
PRI ESPL INT NRG
.ISLAMABAD FES32
PAK-BILL
Pak Senate passes bill to fix 18 years as age of puberty for girls
By Sajjad Hussain
         Islamabad, Apr 30 (PTI) Pakistani Senate has passed a bill to fix 18 years as the age of puberty for girls to end the practice of child marriages in the Muslim-majority country, triggering objections from some members who said the move was against Islam.
         The Child Marriage Restraint Act 1929 was presented by Senator Sherry Rehman of Pakistan Peoples Party, which will help to end the practice of child marriage in the country.
         The bill was passed on Monday after heated opposition by some lawmakers who termed it against Islam to fix the age of puberty, the Express Tribune reported.
         Senator Ghafoor Haidri raised an objection, saying fixing the age of 18 years for Nikah is inconsonant with the Shariah and the bill may be sent to the Islamic Ideology Council (IIC) for further discussion.
         Federal Minister for Religious Affairs Noorul Qadri said a similar bill was sent to the IIC in 2010 which was returned by the council with the observation that according to Fuqaha, the age of puberty varies and cannot be fixed."
         Former Senate chairman, Senator Raza Rabbani, supported the bill and apprised the house that the bill was earlier sent to the IIC, where it remained pending there for years without discussion.
         He said the Sindh Assembly had already passed the same bill which was not challenged or opposed at any forum so far.
         He further said the age of puberty of girls in other Islamic countries is also 18 years.
         The mover of the bill Senator Rehman, however, urging the Senate chairman for voting on the bill, said the age of voting, eligibility for national identity card was also 18, "so why the age of puberty cannot be fixed accordingly."
         Giving details of Muslim countries that declared 18 years as the age of puberty, she said, in Algeria the age was 19, while Bangladesh, Egypt, Turkey, Morocco, Oman, United Arab Emirates, and even the Saudi Arabia had fixed 18 years as the age of puberty.
         "We are not promoting western values, but are trying to save innocent lives as a Pakistani woman dies every 20 minutes because of marriage at an early age," the senator said, adding that the entire world legislated to protect the lives of their girls, but unfortunately 21 per cent marriages took place under the age of 18 in Pakistan.
         State Minister for Parliamentary Affairs Ali Muhammad Khan said though the intent of the bill is noble but there are issues which should discussed as the country came into being in the name of Islam.
         Winding up the debate on the bill, the Senate chairman sought voting and passed the bill with an opposition of five votes, according to the paper. PTI SH AKJ
AMS
AMS
04301309
NNNN
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.