नई दिल्ली : कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए देश की शीर्ष अदालत ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई है. कमेटी को दो महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. हालांकि, एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में भूपेंद्र सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट की चार सदस्यीय कमेटी से खुद को अलग करने की घोषणा की है.
इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन ने एक ट्वीट कर बयान जारी किया है. इसमें भूपेंद्र सिंह ने लिखा है कि वे किसानों के हित में हमेशा खड़े रहेंगे.
गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान किसान नेता हैं. उनका मकसद किसानों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान करना है. भूपेंद्र सिंह मान वर्तमान में किसान समन्वय समिति (केसीसी) के चेयरमैन भी हैं. साथ ही वह कृषि विशेषज्ञ भी हैं.
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मान राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. किसानों के उत्थान में उनके योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति 1990 में उन्होंने राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया था.
भूपेंद्र सिंह मान 'किसान मित्र संघ' के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जिसकी स्थापना 1966 में की गई थी, जो आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर के किसान संगठन 'भारतीय किसान यूनियन' बना.