कोलकाता : भाजपा ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस सरकार पर पश्चिम बंगाल को 'देश-विरोधी केंद्र' के रूप में बदलने का आरोप लगाया और दावा किया कि उसने पुलिस द्वारा 'लुंगी' पहनने वाले लोगों के एक समूह के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है.
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष मंगलवार को हावड़ा जिले के अल्पसंख्यक बहुल टिकियापाड़ा क्षेत्र में लॉकडाउन को लागू करने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर भीड़ के हमले का जिक्र कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की.
इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल ने कहा कि भगवा पार्टी को सांप्रदायिक राजनीति में लिप्त नहीं होना चाहिए जब राज्य और देश संकट से गुजर रहे है.
बता दें कि, पश्चिम बंगाल में हावड़ा जिले के टिकियापाड़ा में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये लागू लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करा रही पुलिस पर मंगलवार को भीड़ ने हमला कर दिया जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. टिकियापाड़ा कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से 'रेड जोन' में शामिल है.
इस घटना को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा में जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. तृणमूल कांग्रेस ने घटना में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है जबकि भाजपा ने दावा किया कि राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीति की वजह से यह घटना हुई.
पुलिस ने बताया कि यह घटना शाम की है, जब पुलिस का गश्त दल टिकियापाड़ा के बेलिरुअस इलाके में पहुंचा। इससे पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में लॉकडाउन के नियमों एवं सामाजिक मेल-जोल से दूरी के नियमों का उल्लंघन करते हुये लोग बड़ी तादाद में स्थानीय बाजार में जमा हैं.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, 'जैसे ही पुलिस ने उन्हें घर लौटने के लिये कहा, भीड़ ने उन पर पथराव किया और उनकी पिटाई कर दी. घटना में दो पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हुये हैं.
टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि जान बचाने के लिए पुलिसकर्मी भाग रहे हैं और लोग उन पर पत्थर फेंक रहे हैं और बदसलूकी कर रहे हैं.