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राहुल बोले- चुनाव आयोग शिकायतों पर निष्पक्ष और गैर भेदभावपूर्ण कार्रवाई करे - election commision

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों का निपटारा करते वक्त निष्पक्ष तथा गैर भेदभावपूर्ण रहे.

राहुल गांधी ( फाइल फोटो)
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Published : May 11, 2019, 8:40 AM IST

Updated : May 11, 2019, 8:50 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों का निपटारा करते वक्त निष्पक्ष तथा गैर भेदभावपूर्ण रहे. साथ ही उन्होंने कहा है कि आदिवासियों के बारे में उन्होंने जो बयान दिया था उसमें उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है.

दरसल राहुल ने अपने एक बयान में दावा किया था कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक ऐसा नया कानून बनाया है जिसमें आदिवासियों को गोली मारने की अनुमति दी गयी है.

चुनाव आयोग के कारण बताओ नोटिस के जवाब में गांधी ने कहा कि उन्होंने भारतीय वन कानून में प्रस्तावित संशोधन को अपने एक राजनीतिक भाषण में संक्षिप्त कर सरल ढंग से समझाने का प्रयास किया था.

उन्होंने आयोग से यह भी कहा कि उनकी मंशा अपुष्ट तथ्यों का बयान कर लोगों को बहकाने की नहीं थी.

राहुल ने चुनाव आयोग से राष्ट्रीय दलों के नेताओं के लिये एक स्तर सुनिश्चित करने के अलावा 'निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण, गैर-मनमाना और संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए' के लिये भी कहा.

पढ़ें- प्रियंका का वार, 'मोदी कायर भी हैं और कमजोर भी'

उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह सहित भाजपा नेताओं द्वारा दिये गए कई बयानों का हवाला दिया, जिनमें कुछ 'आपत्तिजनक' शब्द बोले गए हैं.

समझा जाता है कि कांग्रेस प्रमुख ने आयोग को यह भी बताया कि भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिये लिये उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि वह एक राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं और उसके स्टार प्रचारक भी हैं.

उन्होंने दावा किया कि उनके भाषण के दौरान उनके द्वारा आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया गया था और उनकी आलोचना मोदी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और कार्यों तक ही सीमित थी.

मध्य प्रदेश के शहडोल में 23 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण का उद्धरण देते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें एक मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. यह नोटिस उन्हें आदर्श आचार संहिता के उस प्रावधान के तहत दिया गया था जो राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अपुष्ट आरोप लगाने से निषिद्ध करता है.

भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी जिसके बाद मप्र के चुनाव अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी थी.

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों का निपटारा करते वक्त निष्पक्ष तथा गैर भेदभावपूर्ण रहे. साथ ही उन्होंने कहा है कि आदिवासियों के बारे में उन्होंने जो बयान दिया था उसमें उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है.

दरसल राहुल ने अपने एक बयान में दावा किया था कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक ऐसा नया कानून बनाया है जिसमें आदिवासियों को गोली मारने की अनुमति दी गयी है.

चुनाव आयोग के कारण बताओ नोटिस के जवाब में गांधी ने कहा कि उन्होंने भारतीय वन कानून में प्रस्तावित संशोधन को अपने एक राजनीतिक भाषण में संक्षिप्त कर सरल ढंग से समझाने का प्रयास किया था.

उन्होंने आयोग से यह भी कहा कि उनकी मंशा अपुष्ट तथ्यों का बयान कर लोगों को बहकाने की नहीं थी.

राहुल ने चुनाव आयोग से राष्ट्रीय दलों के नेताओं के लिये एक स्तर सुनिश्चित करने के अलावा 'निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण, गैर-मनमाना और संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए' के लिये भी कहा.

पढ़ें- प्रियंका का वार, 'मोदी कायर भी हैं और कमजोर भी'

उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह सहित भाजपा नेताओं द्वारा दिये गए कई बयानों का हवाला दिया, जिनमें कुछ 'आपत्तिजनक' शब्द बोले गए हैं.

समझा जाता है कि कांग्रेस प्रमुख ने आयोग को यह भी बताया कि भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिये लिये उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि वह एक राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं और उसके स्टार प्रचारक भी हैं.

उन्होंने दावा किया कि उनके भाषण के दौरान उनके द्वारा आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया गया था और उनकी आलोचना मोदी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और कार्यों तक ही सीमित थी.

मध्य प्रदेश के शहडोल में 23 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण का उद्धरण देते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें एक मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. यह नोटिस उन्हें आदर्श आचार संहिता के उस प्रावधान के तहत दिया गया था जो राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अपुष्ट आरोप लगाने से निषिद्ध करता है.

भाजपा के दो कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी जिसके बाद मप्र के चुनाव अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी थी.

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EC-RAHUL-LD REPLY
Didn't violate poll code, be fair and non-discriminatory: Rahul to EC on show cause notice
(Eds: Updating with details)
         New Delhi, May 10 (PTI) Congress President Rahul Gandhi is learnt to have told the Election Commission to be "fair and non-discriminatory" in dealing with complaints of poll code breach and claimed "not guilty" of its violation by his charge that the Narendra Modi government has enacted a new law that allowed tribals to be shot at.
         Responding to a show cause notice by the EC, Gandhi is learnt to have told the poll panel that he had tried to summarise a proposed amendment to the Indian Forest Act in a simple language during a political speech.
         He told the poll panel that his words, in Hindi, were used in a "free flow of a political speech" and there was no intention of "misleading, misrepresenting or stating false and non-existent facts".
         Gandhi also asked the poll body "to maintain a fair, non-discriminatory, non-arbitrary and balanced approach" besides ensuring a level playing field among leaders of national political parties.
         He cited a number of statements of BJP leaders including that of Prime Minister Narendra Modi and BJP chief Amit Shah, made during campaigning, in which some "objectionable" words have been uttered and which have been decided by "unreasoned and cryptic orders" and that too after more than 40 days of the complaints.
         The Congress chief is also learnt to have told the poll panel that the complaint was lodged against him by the BJP only to distract him from campaigning in the Lok Sabha elections as he is the head of a political party and also its star campaigner.
         He claimed there was no violation of the Model Code of Conduct by him during his speech and his criticism was confined to the policies and programmes and work of Modi government.
         Gandhi has argued that an election is an "expression of popular will" and the "object of elections cannot be achieved" unless there is freedom of speech and the merits or demerits of a policy are exposed for people to judge.
         He claimed that his criticism is not based on unverified allegations.
         Gandhi said the remarks made by him are part of present political rhetoric, confined to the BJP's "anti-tribal policies" and urged the commission to dismiss the complaint against him not initiate further action in the matter.
         He has also provided a set of documents pertaining to the issue in question as evidence along with his reply.
         Citing his speech in Shahdol in Madhya Pradesh on April 23, the poll panel had on May 1 issued the show-cause notice to Gandhi, highlighting a provision of the Model Code of Conduct that barred "unverified" allegations against political opponents.
         Two BJP workers had approached the EC with the complaint, following which a report was sought from MP poll authorities.
         According to a broad translation of the Hindi speech available on the Internet, Gandhi had alleged: "Narendra Modi government has made a new law for tribals in which there is a line that says tribals can be shot at... They snatch your land, take away your jungle and water and then say that tribals can be shot at." PTI SKC NAB SKC
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NNNN
Last Updated : May 11, 2019, 8:50 AM IST
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