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वर्धा में 'गुरु का लंगर', जहां लॉकडाउन में बांटा गया 20 लाख लोगों को खाना

देश में लॉकडाउन के चलते लोगों को तमाम तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है. खासकर ऐसे लोगों को जो दूसरे राज्यों में काम करने आते हैं. इनके साथ पूरा परिवार होता है. इसके अलावा रोजाना कमाकर खाने वालों को भी लॉकडाउन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. हालांकि, सरकार और अन्य सामाजिक संस्थाएं लगातार गरीब-मजदूर वर्ग की मदद कर रही हैं और उन तक भोजन पहुंचा रही हैं. वहीं कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से भी लोगों को भोजन बांट रहे हैं. आइए जानते हैं बाबा करनैल सिंह खैरा के बारे में....

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Published : Jun 4, 2020, 6:01 AM IST

Updated : Jun 4, 2020, 7:12 AM IST

baba karnail singh khaira
गुरु का लंगर

मुंबई : देश में लॉकडाउन के चलते लोगों को तमाम तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है. खासकर ऐसे लोगों को जो दूसरे राज्यों से काम करने आते हैं. इनके साथ पूरा परिवार होता है. इसके अलावा रोजाना कमाकर खाने वालों को भी लॉकडाउन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. सबसे अधिक समस्या भोजन की हुई. कई लोगों को भूखे रहना पड़ा, वहीं कुछ लोग भूख की मार से बचने के लिए अपने गांव की ओर पैदल और या जो हाथ लगा उसी वाहन में सवार होकर निकल पड़े. कई बार मजदूरों को भूखे ही सफर करना पड़ा.

हालांकि, सरकार और अन्य सामाजिक संस्थाएं लगातार गरीब-मजदूर वर्ग की मदद कर रही हैं और उन तक भोजन पहुंचा रही हैं. वहीं कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से भी लोगों को भोजन बांट रहे हैं. ऐसा ही नेक काम महाराष्ट्र के वर्धा में बाबा करनैल सिंह खैरा के गुरुद्वारा की ओर से भी किया जा रहा है. यहां पर लॉकडाउन के दौरान 20 लाख से अधिक लोगों को खाना बांटा गया.

वर्धा में 'गुरु का लंगर', जहां लॉकडाउन में बांटा गया 20 लाख लोगों को खाना

पढे़ं : दुबई से आए मजदूर को मिली मदद, पेड क्वॉरेंटीन का किराया हुआ आधा

यह गुरुद्वारा यवतमाल जिले में एनएच 7 पर करंजी गांव के पास स्थित है. लोगों को खाना खिलाने वाले 81 वर्षीय खैरा नांदेड़ से लेकर पंजाब तक खैरा बाबाजी के रूप में प्रसिद्ध है और इस लंगर को 'गुरु का लंगर' के नाम से जाना जाता है. लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे यह लंगर चलता रहता है. यहां पर 17 लोग दिन रात काम करते हैं. इतना ही नहीं बाबाजी के भतीजे ने 15 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त में जूते दिए हैं जो पैदल यात्रा कर रहे थे.

मुंबई : देश में लॉकडाउन के चलते लोगों को तमाम तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है. खासकर ऐसे लोगों को जो दूसरे राज्यों से काम करने आते हैं. इनके साथ पूरा परिवार होता है. इसके अलावा रोजाना कमाकर खाने वालों को भी लॉकडाउन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. सबसे अधिक समस्या भोजन की हुई. कई लोगों को भूखे रहना पड़ा, वहीं कुछ लोग भूख की मार से बचने के लिए अपने गांव की ओर पैदल और या जो हाथ लगा उसी वाहन में सवार होकर निकल पड़े. कई बार मजदूरों को भूखे ही सफर करना पड़ा.

हालांकि, सरकार और अन्य सामाजिक संस्थाएं लगातार गरीब-मजदूर वर्ग की मदद कर रही हैं और उन तक भोजन पहुंचा रही हैं. वहीं कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से भी लोगों को भोजन बांट रहे हैं. ऐसा ही नेक काम महाराष्ट्र के वर्धा में बाबा करनैल सिंह खैरा के गुरुद्वारा की ओर से भी किया जा रहा है. यहां पर लॉकडाउन के दौरान 20 लाख से अधिक लोगों को खाना बांटा गया.

वर्धा में 'गुरु का लंगर', जहां लॉकडाउन में बांटा गया 20 लाख लोगों को खाना

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यह गुरुद्वारा यवतमाल जिले में एनएच 7 पर करंजी गांव के पास स्थित है. लोगों को खाना खिलाने वाले 81 वर्षीय खैरा नांदेड़ से लेकर पंजाब तक खैरा बाबाजी के रूप में प्रसिद्ध है और इस लंगर को 'गुरु का लंगर' के नाम से जाना जाता है. लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे यह लंगर चलता रहता है. यहां पर 17 लोग दिन रात काम करते हैं. इतना ही नहीं बाबाजी के भतीजे ने 15 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त में जूते दिए हैं जो पैदल यात्रा कर रहे थे.

Last Updated : Jun 4, 2020, 7:12 AM IST
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