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अयोध्या केस : संविधान पीठ के जज आज चैम्बर में बैठेंगे, किसी भी पक्ष को जाने की इजाजत नहीं

अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद बृहस्पतिवार को संविधान पीठ के सदस्य चैम्बर में बैठकर इस बाबत चर्चा करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Oct 17, 2019, 9:15 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 5:38 PM IST

नई दिल्ली : राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में लंबी सुनवाई पूरी होने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सदस्य चैम्बर में बैठेंगे.

उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में एक नोटिस जारी कर कहा है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और चार अन्य न्यायाधीश चैम्बरों में बैठेंगे, जहां मामले से संबद्ध पक्षों को जाने की इजाजत नहीं होगी.

नोटिस में कहा गया है, यह ध्यान रखें कि बृहस्पतिवार 17 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर चैम्बरों में बैठेंगे.

बता दें कि शीर्ष न्यायालय ने अयोध्या मामले में सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित रख लिया.

पढ़ें - अयोध्या मामला : सुनवाई खत्म, फैसले का इंतजार

संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितम्बर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की. इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं.

संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये संबंधित पक्षों को मोल्डिंग ऑफ रिलीफ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया.

पढ़ें - क्या है अयोध्या टाइटल सूट विवाद, वीडियो के जरिए समझें पूरा मामला

इस मामले में दशहरा अवकाश के बाद 14 अक्टूबर से अंतिम चरण की सुनवाई शुरू हुई. न्यायालय के पहले के कार्यक्रम के तहत यह सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी की जानी थी. हालांकि, 14 अक्टूबर को सुनवाई शुरू होने पर न्यायालय ने कहा कि यह 17 अक्ट्रबर तक पूरी की जायेगी, लेकिन 15 अक्टूबर को पीठ ने यह समय सीमा घटाकर 16 अक्टूबर कर दी थी.

पढ़ें - अयोध्या विवाद - क्या है पृष्ठभूमि, एक नजर

राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इस मुद्दे पर 17 नवम्बर से पहले ही फैसला आने की उम्मीद है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई इस दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

नई दिल्ली : राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में लंबी सुनवाई पूरी होने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सदस्य चैम्बर में बैठेंगे.

उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में एक नोटिस जारी कर कहा है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और चार अन्य न्यायाधीश चैम्बरों में बैठेंगे, जहां मामले से संबद्ध पक्षों को जाने की इजाजत नहीं होगी.

नोटिस में कहा गया है, यह ध्यान रखें कि बृहस्पतिवार 17 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर चैम्बरों में बैठेंगे.

बता दें कि शीर्ष न्यायालय ने अयोध्या मामले में सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित रख लिया.

पढ़ें - अयोध्या मामला : सुनवाई खत्म, फैसले का इंतजार

संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितम्बर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की. इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं.

संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये संबंधित पक्षों को मोल्डिंग ऑफ रिलीफ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया.

पढ़ें - क्या है अयोध्या टाइटल सूट विवाद, वीडियो के जरिए समझें पूरा मामला

इस मामले में दशहरा अवकाश के बाद 14 अक्टूबर से अंतिम चरण की सुनवाई शुरू हुई. न्यायालय के पहले के कार्यक्रम के तहत यह सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी की जानी थी. हालांकि, 14 अक्टूबर को सुनवाई शुरू होने पर न्यायालय ने कहा कि यह 17 अक्ट्रबर तक पूरी की जायेगी, लेकिन 15 अक्टूबर को पीठ ने यह समय सीमा घटाकर 16 अक्टूबर कर दी थी.

पढ़ें - अयोध्या विवाद - क्या है पृष्ठभूमि, एक नजर

राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इस मुद्दे पर 17 नवम्बर से पहले ही फैसला आने की उम्मीद है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई इस दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

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अयोध्या केस: आज चेंबर में आपस में चर्चा करेंगे एससी के जज



    अयोध्या पीठ के न्यायाधीश बृहस्पतिवार को चैम्बर में बैठेंगे



नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में लंबी सुनवाई पूरी होने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सदस्य ‘चैम्बर में’’ बैठेंगे।



उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में एक नोटिस जारी कर कहा है कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और चार अन्य न्यायाधीश चैम्बरों में बैठेंगे, जहां मामले से संबद्ध पक्षों को जाने की इजाजत नहीं होगी।



नोटिस में कहा गया है, ‘‘यह ध्यान रखें कि बृहस्पतिवार 17 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर चैम्बरों में बैठेंगे।’’



शीर्ष न्यायालय ने अयोध्या मामले में सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित रख लिया।



संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर छह अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की। इस दौरान विभिन्न पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें पेश कीं।



संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया।



इस मामले में दशहरा अवकाश के बाद 14 अक्टूबर से अंतिम चरण की सुनवाई शुरू हुयी। न्यायालय के पहले के कार्यक्रम के तहत यह सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी की जानी थी। हालांकि, 14 अक्टूबर को सुनवाई शुरू होने पर न्यायालय ने कहा कि यह 17 अक्ट्रबर तक पूरी की जायेगी। लेकिन 15 अक्टूबर को पीठ ने यह समय सीमा घटाकर 16 अक्टूबर कर दी थी।



राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इस मुद्दे पर 17 नवंबर से पहले ही फैसला आने की उम्मीद है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई इस दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

 


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Last Updated : Oct 17, 2019, 5:38 PM IST
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