नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को भी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई होगी. इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट नियमित मामलों की सुनवाई के लिये बनी परंपरा से हट गई है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद, भूमि विवाद की राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई जारी कखने की बात कही है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद में तीसरे दिन की सुनवाई समाप्त होने पर दोनों पक्षों के वकीलों को सूचित किया कि वह शुक्रवार को भी सुनवाई करेगी.
शीर्ष अदालत की प्रक्रिया के मानदंडों के अनुसार सोमवार और शुक्रवार को नये मामले, लंबित मामलों में आवेदन और नोटिस जारी होने के बाद की याचिकाओं को लिस्ट किया जाता है.
मामलों को सूचीबद्ध (लिस्ट) करने की जिम्मेदारी रजिस्ट्री की होती है. रजिस्ट्री प्रक्रिया की मानदंड के अनुसार याचिकाओं को विभिन्न पीठ के समक्ष लिस्ट करती है.
संविधान पीठ के समक्ष रोजाना सुनवाई के मामले सिर्फ तीन दिन-मंगलवार से गुरुवार-सूचीबद्ध होते हैं.
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इससे पहले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का मध्यस्थता के जरिये सर्वमान्य हल नहीं निकला. प्रयास विफल होने के बाद शीर्ष अदालत ने इस प्रकरण की छह अगस्त से दैनिक आधार पर सुनवाई करने का निश्चय किया था.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर संविधान पीठ ने मंगलवार छह अगस्त को सुनवाई शुरू की थी.