ETV Bharat / bharat

NCRB के आपराधिक आंकड़ों को CPI ने बताया झूठा - atul anjan questioned the nrcb

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2018 में हुए अपराध के आकड़ें जारी किए हैं. इस दौरान मिहलाओं के खिलाफ हुए अपराधों में वृद्धि देखने को मिली है. वहीं कृषि क्षेत्र से कुल 10,349 लोगों ने 2018 में आत्महत्या की. इसपर ईटीवी भारत ने कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान से बात की. अंजान ने  एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों को झूठा बताया है.

ETV BHARAT
अतुल अंजान
author img

By

Published : Jan 10, 2020, 12:14 AM IST

नई दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2018 में हुए अपराधों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है. एनसीआरबी के मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक 2018 में 50,746,34 अपराध हुए तो वहीं 2017 में 50,07,044 अपराध हुए थे.

इसपर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए ये आंकड़े झूठे हैं. दिल्ली में तो अपराध की घटनाएं सबसे अधिक हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में तो हाल यह है कि लगभग 50% लोगों की शिकायत ही नहीं दर्ज की जाती है.

कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान से बातचीत.

एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में अपराध दर प्रति लाख महिलाओं पर 58.8 थी जबकि 2017 में यह 57.9 थी, इसपर उन्होंने कहा कि सरकार 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' के नारे लगाती है और बेटियों पर ही सबसे ज्यादा जुर्म हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सबसे अधिक होते हैं. इसके लिए उन्होंने इन राज्यों में पुलिस बल की कमी कारण बतया है.

अतुल अंजान का कहना था कि उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में पुलिस बल की कमी है. उसके लिए जब भर्ती भी निकाली जाती है तो उसे बीच में किसी ना किसी वजह से बीच में ही रोक दिया जाता हैस, जिससे अभ्यर्थियों के पैसों के साथ-साथ भविष्य भी बर्बाद होता है.

पढ़ें- अपराधों के मामले में न्यूनतम से चौथे स्थान पर उत्तराखंड : NRCB

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार,साल 2018 में कृषि क्षेत्र से कुल 10,349 लोगों ने आत्महत्या की जबकि 2017 में 10,655 किसान और कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की थी.

इसपर अंजान ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमें एक भी किसान की मौत पर अफसोस होना चाहिये. उन्होंने कहा कि किसानों का यह हाल सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से हुआ है, जिस कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ रही है.

एनसीआरबी के अनुसार साल 2018 में पश्चिम बंगाल, बिहार,ओडिशा, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा,चंडीगढ़,दमन और दीव, दिल्ली,लक्षद्वीप और पुडुचेरी में कृषि क्षेत्र में शून्य आत्महत्या हुईं हैं.

इसपर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि यह आंकड़े बिल्कुल गलत हैं. पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में मैं खुद जा चुका हूं, जहां पर कई किसानों ने पिछले साल आत्महत्या की है.

नई दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2018 में हुए अपराधों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है. एनसीआरबी के मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक 2018 में 50,746,34 अपराध हुए तो वहीं 2017 में 50,07,044 अपराध हुए थे.

इसपर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए ये आंकड़े झूठे हैं. दिल्ली में तो अपराध की घटनाएं सबसे अधिक हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में तो हाल यह है कि लगभग 50% लोगों की शिकायत ही नहीं दर्ज की जाती है.

कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान से बातचीत.

एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में अपराध दर प्रति लाख महिलाओं पर 58.8 थी जबकि 2017 में यह 57.9 थी, इसपर उन्होंने कहा कि सरकार 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' के नारे लगाती है और बेटियों पर ही सबसे ज्यादा जुर्म हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सबसे अधिक होते हैं. इसके लिए उन्होंने इन राज्यों में पुलिस बल की कमी कारण बतया है.

अतुल अंजान का कहना था कि उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में पुलिस बल की कमी है. उसके लिए जब भर्ती भी निकाली जाती है तो उसे बीच में किसी ना किसी वजह से बीच में ही रोक दिया जाता हैस, जिससे अभ्यर्थियों के पैसों के साथ-साथ भविष्य भी बर्बाद होता है.

पढ़ें- अपराधों के मामले में न्यूनतम से चौथे स्थान पर उत्तराखंड : NRCB

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार,साल 2018 में कृषि क्षेत्र से कुल 10,349 लोगों ने आत्महत्या की जबकि 2017 में 10,655 किसान और कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की थी.

इसपर अंजान ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमें एक भी किसान की मौत पर अफसोस होना चाहिये. उन्होंने कहा कि किसानों का यह हाल सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से हुआ है, जिस कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ रही है.

एनसीआरबी के अनुसार साल 2018 में पश्चिम बंगाल, बिहार,ओडिशा, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा,चंडीगढ़,दमन और दीव, दिल्ली,लक्षद्वीप और पुडुचेरी में कृषि क्षेत्र में शून्य आत्महत्या हुईं हैं.

इसपर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि यह आंकड़े बिल्कुल गलत हैं. पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में मैं खुद जा चुका हूं, जहां पर कई किसानों ने पिछले साल आत्महत्या की है.

Intro:नई दिल्ली। एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी 2018 में हुए अपराधों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है।एनसीआरबी के मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक 2018 में 50,746,34 अपराध हुए तो वहीं 2017 में 50,07,044 अपराध हुए थे।


इसपर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए यह आंकड़े झूठे हैं। दिल्ली में तो अपराध की घटनाएं सबसे अधिक हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में तो हाल यह है कि लगभग 50% लोगों की शिकायत ही नहीं दर्ज की जाती है।



Body:एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में अपराध दर प्रति लाख महिलाओं पर 58.8 थी जबकि 2017 में यह 57.9 थी, इसपर उन्होंने कहा कि सरकार 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' के नारे लगाती है और बेटियों पर ही सबसे ज्यादा जमा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर सबसे अधिक है क्योंकि वहां पर पुलिस बल की कमी है।

अतुल अंजान का कहना था कि उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में पुलिस बल की कमी है और उसके लिए जब भर्ती भी निकाली जाती है तो उसे बीच में किसी ना किसी वजह से बीच में ही रोक दिया जाता है जिससे अभ्यर्थियों के पैसों के साथ-साथ भविष्य भी बर्बाद होता है।


Conclusion:एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार,साल 2018 में कृषि क्षेत्र से कुल 10,349 लोगों ने आत्महत्या की जबकि 2017 में 10,655 किसान और कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की थी। इसपर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए अतुल अंजान ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसमें एक भी किसान की मौत पर अफसोस होना चाहिये। उन्होंने कहा कि किसानों का यह हाल सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से हुआ, जिस कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी।


एनसीआरबी के अनुसार साल 2018 में पश्चिम बंगाल, बिहार,ओडिशा, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा,चंडीगढ़,दमन और दीव, दिल्ली,लक्षद्वीप और पुडुचेरी में कृषि क्षेत्र में शून्य आत्महत्या हुईं, इसपर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि यह आंकड़े बिल्कुल गलत है पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में मैं खुद जा चुका हूं जहां पर कई किसानों ने उक्त वर्ष आत्म हत्या की है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.