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डॉक्टरों पर हमला करने पर सात साल की कैद हो, IMA ने सरकार को भेजा प्रस्ताव

डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को एक मसौदा भेजा है, जिसमें डॉक्टरों के साथ हिंसा करने पर सात साल की सजा का सुझाव दिया गया है.

ईटीवी भारत से बात करते डॉ असोकन
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Published : Jul 30, 2019, 9:25 PM IST

नई दिल्ली: डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सरकार जल्द ही सख्त कानून बना सकती है. इसके लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति ने एक सुझाव दिया है और अगर समिति द्वारा सुझाया गया कानून लागू होता है तो डॉक्टरों पर हमला करने वाले लोगों को गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट के साथ 7 साल की कैद हो सकती है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ आरवी असोकन ने कहा, 'हमने मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है और स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिया है. इसका प्रभाव 22 मौजूदा कानूनों पर प्रभाव पड़ेगा.'

ईटीवी भारत से बात करते डॉ असोकन

बता दें कि डॉक्टरों पर हिंसक हमले की कई घटनाओं से आहत, केंद्र सरकार ने इस मामले को देखने के लिए इस महीने की शुरुआत में एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी पहली बैठक में ऐसी हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए एक मसौदा कानून तैयार करने के लिए एक उप समिति का गठन किया.

उप समिति ने पिछले सप्ताह अपनी बैठक में मसौदा कानून स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिया था.

इस मसौदे में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों पर हमलों में शामिल अभियुक्तों को 7 साल की कैद का सुझाव दिया गया है.

असोकन ने कहा, 'हमने मसौदा कानून भेज दिया है, अब यह केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित होने से पहले उनके सुझावों के लिए कानून मंत्रालय और गृह मंत्रालय के पास जाएगा.'

पढ़ें- मॉब लिंचिंग : सुझावों के लिए मंत्री समूह का गठन, अमित शाह करेंगे अध्यक्षता

असोकन ने बताया कि इस मसौदे के अनुसार अगर डॉक्टरों पर कोई हमला करता है तो घटना में मामूली चोट लगने पर पीड़ित डॉक्टरों को 1लाख रुपये का वित्तीय लाभ मिलेगा और गंभीर चोट के कारण 10 लाख रुपये मिलेंगे.

गौरतलब है कि जब से पश्चिम बंगाल के निल रत्न सिरकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NRS) में डॉक्टरों पर हमला हुआ, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक कड़े कानून की मांग की गई.

नई दिल्ली: डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सरकार जल्द ही सख्त कानून बना सकती है. इसके लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति ने एक सुझाव दिया है और अगर समिति द्वारा सुझाया गया कानून लागू होता है तो डॉक्टरों पर हमला करने वाले लोगों को गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट के साथ 7 साल की कैद हो सकती है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ आरवी असोकन ने कहा, 'हमने मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है और स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिया है. इसका प्रभाव 22 मौजूदा कानूनों पर प्रभाव पड़ेगा.'

ईटीवी भारत से बात करते डॉ असोकन

बता दें कि डॉक्टरों पर हिंसक हमले की कई घटनाओं से आहत, केंद्र सरकार ने इस मामले को देखने के लिए इस महीने की शुरुआत में एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी पहली बैठक में ऐसी हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए एक मसौदा कानून तैयार करने के लिए एक उप समिति का गठन किया.

उप समिति ने पिछले सप्ताह अपनी बैठक में मसौदा कानून स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिया था.

इस मसौदे में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों पर हमलों में शामिल अभियुक्तों को 7 साल की कैद का सुझाव दिया गया है.

असोकन ने कहा, 'हमने मसौदा कानून भेज दिया है, अब यह केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित होने से पहले उनके सुझावों के लिए कानून मंत्रालय और गृह मंत्रालय के पास जाएगा.'

पढ़ें- मॉब लिंचिंग : सुझावों के लिए मंत्री समूह का गठन, अमित शाह करेंगे अध्यक्षता

असोकन ने बताया कि इस मसौदे के अनुसार अगर डॉक्टरों पर कोई हमला करता है तो घटना में मामूली चोट लगने पर पीड़ित डॉक्टरों को 1लाख रुपये का वित्तीय लाभ मिलेगा और गंभीर चोट के कारण 10 लाख रुपये मिलेंगे.

गौरतलब है कि जब से पश्चिम बंगाल के निल रत्न सिरकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NRS) में डॉक्टरों पर हमला हुआ, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक कड़े कानून की मांग की गई.

Intro:New Delhi: People involved in attacking doctors may be issued with non bailable arrest warrent with 7 years of imprisonment, if a law suggetsed by an inter ministerial committee comes into effect.




Body:Government may soon come with a strong law with deterrent affect to stop violence against doctors.

"We have finalised the draft and submitted it to the Health Ministry for a deterrent affect. It will have over riding affect on 22 existing laws," said Dr RV Asokan, Secretary General of Indian Medical Association (IMA) to ETV Bharat.

Shocked over several incidents of violent attack on doctors, the central government has setup an inter ministerial committee early this month to look in to the matter. The committee in its first meeting formed a sub committee to prepare a draft law to counter such violence.

The sub committee in its meeting last week submitted the draft law to the Health Ministry.

The draft law suggest for 7 years of imprisonment to the accused involved in attacks on doctors and medical staff.

"We have submitted the draft law. Now it will go to the law ministry and home ministry for their suggestions before it get passed by the Union Cabinet," said Asokan.


Conclusion:Asokan said that victims with minor injury will get financial benefit of Rs 1 lakh and grevious injury will get Rs 10 lakh.

Ever since attack on doctors took place at Nil Ratan Sircar Medical College and Hospital (NRS) in West Bengal in June, there was a demand for a strong law to stop such incidents.

end.
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