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सांसद नाबा सरनिया की मांग - असम को ILP में शामिल किया जाए

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच असम के निर्दलीय सांसद नाबा कुमार सरनिया ने कहा है कि कैब सिर्फ असम के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोगों के आने से असम को कोई समस्या नहीं है साथ ही उन्होंने मांग की कि पूरे असम को लाइन परमिट के तहत लाया जाना चाहिए. जानें उन्होंने और क्या कुछ कहा...

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असम असम से सांसद नाबा कुमार सरानिया
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Published : Dec 14, 2019, 7:15 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 7:55 PM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को खिलाफ असम में जारी प्रदर्शन से स्तब्ध निर्दलीय सांसद नाबा कुमार सरनिया ने मांग की है कि सम्पूर्ण असम को इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के तहत लाया जाना चाहिए.

सरनिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'असम पहले भी विदेशियों के खिलाफ प्रदर्शन देख चुका है, एएएसयू की पहल पर एजेवाईसीपी ने इस आंदोलन का समर्थन किया था. फिलहाल असम समझौते की कई धाराओं को अब तक लागू नहीं किया गया. असम के लोगों को भय है कि यह कानून उन्हें अल्पसंख्यक बना देगा और इस कारण वे इसका विरोध कर रहे हैं. इसीलिए सम्पूर्ण असम क्षेत्र को आईएलपी के तहत लाया जाना चाहिए.'

ईटीवी भारत से बातचीत करते असम से सांसद नाबा कुमार सरानिया.

कोकराझार से लगातार दूसरी बार निर्वाचित निर्दलीय सांसद सरनिया ने कहा कि कैब सिर्फ असम के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोगों के आने से असम को कोई समस्या नहीं है

उन्होंने कहा कि पूरे असम को ILP के तहत लाया जाना चाहिए, जिससे असम कैब से बच जाएगा और जो भी परेशानियां हो रही हैं, वो काबू में आ जाएंगी.

पढे़ं : नागरिकता बिल के विरोध में है असोम गण परिषद : केशब महंत

सरनिया ने साथ ही यह भी कहा कि अब तक स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश से कितने लोगों को नागरिकता मिलेगी. बांग्लादेश सरकार एक अल्पसंख्यक हितैषी देश है और इसलिए भारत को पहल करनी चाहिए ताकि उस देश के अल्पसंख्यकों को भारत आने की आवश्यकता न हो.

किसी जमाने में प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के सक्रिय सदस्य रहे सरानिया ने सरकार से अपील की कि आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न की जाए.

सरनिया ने कहा, 'मैं 25 वर्षों से ज्यादा समय तक उलफा में था, असम पुलिस हमारे भाई की तरह थी...मुझे उम्मीद है कि वे आंदोलनकारियों के खिलाफ कठोर एक्शन नहीं लेंगे.'

उन्होंने कहा कि वह 1971 तक के शरणारर्थियों को नागरिकता दिए जाने को तैयार हैं. लेकिन 2014 तक बढ़ाई गई समयसीमा पर उन्होंने असहमति जताई.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को खिलाफ असम में जारी प्रदर्शन से स्तब्ध निर्दलीय सांसद नाबा कुमार सरनिया ने मांग की है कि सम्पूर्ण असम को इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के तहत लाया जाना चाहिए.

सरनिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'असम पहले भी विदेशियों के खिलाफ प्रदर्शन देख चुका है, एएएसयू की पहल पर एजेवाईसीपी ने इस आंदोलन का समर्थन किया था. फिलहाल असम समझौते की कई धाराओं को अब तक लागू नहीं किया गया. असम के लोगों को भय है कि यह कानून उन्हें अल्पसंख्यक बना देगा और इस कारण वे इसका विरोध कर रहे हैं. इसीलिए सम्पूर्ण असम क्षेत्र को आईएलपी के तहत लाया जाना चाहिए.'

ईटीवी भारत से बातचीत करते असम से सांसद नाबा कुमार सरानिया.

कोकराझार से लगातार दूसरी बार निर्वाचित निर्दलीय सांसद सरनिया ने कहा कि कैब सिर्फ असम के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोगों के आने से असम को कोई समस्या नहीं है

उन्होंने कहा कि पूरे असम को ILP के तहत लाया जाना चाहिए, जिससे असम कैब से बच जाएगा और जो भी परेशानियां हो रही हैं, वो काबू में आ जाएंगी.

पढे़ं : नागरिकता बिल के विरोध में है असोम गण परिषद : केशब महंत

सरनिया ने साथ ही यह भी कहा कि अब तक स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश से कितने लोगों को नागरिकता मिलेगी. बांग्लादेश सरकार एक अल्पसंख्यक हितैषी देश है और इसलिए भारत को पहल करनी चाहिए ताकि उस देश के अल्पसंख्यकों को भारत आने की आवश्यकता न हो.

किसी जमाने में प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के सक्रिय सदस्य रहे सरानिया ने सरकार से अपील की कि आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न की जाए.

सरनिया ने कहा, 'मैं 25 वर्षों से ज्यादा समय तक उलफा में था, असम पुलिस हमारे भाई की तरह थी...मुझे उम्मीद है कि वे आंदोलनकारियों के खिलाफ कठोर एक्शन नहीं लेंगे.'

उन्होंने कहा कि वह 1971 तक के शरणारर्थियों को नागरिकता दिए जाने को तैयार हैं. लेकिन 2014 तक बढ़ाई गई समयसीमा पर उन्होंने असहमति जताई.

Intro:New Delhi: Shocked over the anti-Citizenship Amendment Bill (CAB) agitation in Assam, Independent MP from the state Naba Sarania on Saturday demanded that entire Assam should be brought under Inner Line Permit (ILP).




Body:"Assam had earlier witnessed agitation, against foreigners, initiatied by All Assam Students Union (AASU) and supported by Aom Jatiyatabadi Yuba Chatra Parishad (AJYCP). However, the different clauses of the subsequent Assam Accord clauses are yet to be implemented. People of Assam fear that CAB will make them minority and thus opposing it. So, entire Assam should be brought under ILP," said Sarania.

He further said, "Its not yet clear how many people from Bangladesh will get citizenship. In fact, Government of Bangladesh is a minority friendly country and so India should take initiatives so that minorities from that country don't need to come to India," Sarania added.

Sarania, who was earlier a member of the banned United Liberation Front of Assam (Ulfa) appealed to the government not to take strong action against the agitators.



Conclusion:"I was in Ulfa for more than 25 years. Assam police were like our brothers...I hope they will not take strong actions against agitators," said Sarania.

Referring to be recent warning against security forces issued by Ulfa commander-in-chief Paresh Barua, Sarania said that the rebel organisation has become week now.

"...Ulfa was earlier strong but now it's becoming week," said Sarania.

Naba Sarania was once a hard-core active member of Ulfa before he join the mainstream and get himself involved in active politics.

In fact, this is the second successive term of Sarania as an independent MP representing Kokrajhar in Assam.

end.
Last Updated : Dec 14, 2019, 7:55 PM IST
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