नई दिल्ली: वरिष्ठ समाज सेवी और गांधीवादी अन्ना हजारे ने इस बार बार राजनीतिक पार्टी के चिन्हों को इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अन्ना ने कहा है कि ऐसे चिन्ह संविधान विरोधी हैं.
ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में अन्ना ने कहा कि चिह्न संविधान विरोधी हैं. पार्टी चिन्ह और पक्ष का संविधान में कही जिक्र नहीं है और समूह की भी कोई बात नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि आज समूह चुनाव लड़ रहा है इसलिए इतनी गड़बड़ हो रही है. समूह के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा, गुंडागर्दी, लूट, जाति का जहर फैल गया.
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केजरीवाल पर किये गए सवाल को भी अन्ना ने पार्टी से जोड़ते हुए कहा कि जब तक पार्टी और पक्ष देश में है तब तक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. पक्ष है तो देश मे लोकतंत्र नही आएगा.