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पार्टी चिन्हों का संविधान में जिक्र नहीं, इसे हटना चाहिए : अन्ना हजारे

समाजसेवी और लोकपाल बिल आंदोलन के प्रमुख रहे अन्ना हजारे एक बार फिर आंदोलन करने की तैयारी में हैं. इस बार अन्ना ने राजनीतिक दलों के चिन्हों को लेकर मोर्चा खोला है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने इसकी जानकारी दी. जानें क्या कुछ कहा अन्ना ने...

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Published : Sep 16, 2019, 1:14 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 7:47 PM IST

अन्ना हजारे

नई दिल्ली: वरिष्ठ समाज सेवी और गांधीवादी अन्ना हजारे ने इस बार बार राजनीतिक पार्टी के चिन्हों को इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अन्ना ने कहा है कि ऐसे चिन्ह संविधान विरोधी हैं.

ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में अन्ना ने कहा कि चिह्न संविधान विरोधी हैं. पार्टी चिन्ह और पक्ष का संविधान में कही जिक्र नहीं है और समूह की भी कोई बात नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि आज समूह चुनाव लड़ रहा है इसलिए इतनी गड़बड़ हो रही है. समूह के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा, गुंडागर्दी, लूट, जाति का जहर फैल गया.

अन्ना हजारे से बातचीत
चिन्ह को हटाये जाने पर किससे मिलेंगे के सवाल पर अन्ना ने कहा की इस पर हम किसी से नही मिलेंगे, बल्कि जनता को जगाना है और अगर जनता सड़कों पर उतर गई तो चुनाव आयोग को इस बारे में सोचना पड़ेगा.

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर मामला : SC में सुनवाई, केंद्र को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश

केजरीवाल पर किये गए सवाल को भी अन्ना ने पार्टी से जोड़ते हुए कहा कि जब तक पार्टी और पक्ष देश में है तब तक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. पक्ष है तो देश मे लोकतंत्र नही आएगा.

नई दिल्ली: वरिष्ठ समाज सेवी और गांधीवादी अन्ना हजारे ने इस बार बार राजनीतिक पार्टी के चिन्हों को इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अन्ना ने कहा है कि ऐसे चिन्ह संविधान विरोधी हैं.

ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में अन्ना ने कहा कि चिह्न संविधान विरोधी हैं. पार्टी चिन्ह और पक्ष का संविधान में कही जिक्र नहीं है और समूह की भी कोई बात नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि आज समूह चुनाव लड़ रहा है इसलिए इतनी गड़बड़ हो रही है. समूह के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा, गुंडागर्दी, लूट, जाति का जहर फैल गया.

अन्ना हजारे से बातचीत
चिन्ह को हटाये जाने पर किससे मिलेंगे के सवाल पर अन्ना ने कहा की इस पर हम किसी से नही मिलेंगे, बल्कि जनता को जगाना है और अगर जनता सड़कों पर उतर गई तो चुनाव आयोग को इस बारे में सोचना पड़ेगा.

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केजरीवाल पर किये गए सवाल को भी अन्ना ने पार्टी से जोड़ते हुए कहा कि जब तक पार्टी और पक्ष देश में है तब तक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. पक्ष है तो देश मे लोकतंत्र नही आएगा.

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पार्टी चिन्हों का संविधान में ज़िक्र नहीं, इसे हटना चाहिए: अन्ना हज़ारे

नई दिल्ली: वरिष्ठ समाज सेवी और गाँधीवादी अन्ना हज़ारे ने इस बार बार राजनीतिक पार्टी के चिन्हों को इस्तेमाल किये जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अन्ना ने कहा है कि ऐसे चिन्ह संविधान विरोधी हैं.

ETV भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में अन्ना ने कहा कि चिह्न संविधान विरोधी है, पार्टी चिन्ह और पक्ष का कही ज़िक्र नही है संविधान में, समूह की भी कोई बात नही है संविधान में, उन्होंने आरोप लगाया आज समूह चुनाव लड़ रहा है इसलिए इतनी गड़बड़ हो रही है, समूह के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा, गुंडागर्दी, लूट, जाति का ज़हर फैल गया.

चिन्ह को हटाये जाने पर किससे मिलेंगे के सवाल पर अन्ना ने कहा की इसपर हम किसी से नही मिलेंगे, बल्कि जनता को जगाना है, और अगर जनता सड़कों पर उतर गई तो चुनाव आयोग को इस बारे में सोचना पड़ेगा.

केजरीवाल पर किये गए सवाल को भी अन्ना ने पार्टी से जोड़ते हुए कहा कि जब तक पार्टी और पक्ष देश मे है तब तक भ्रष्टाचार खत्म नही होगा, पक्ष है तो देश मे लोकतंत्र नही आएगा.


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Last Updated : Sep 30, 2019, 7:47 PM IST
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