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छत्तीसगढ़ : ANM रजनी के जज्बे को सलाम, लॉकडाउन में कराए 23 प्रसव

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के परसोड़ीखुर्द गांव की ANM रजनी कुशवाहा ने लॉकडाउन में 23 प्रसव कराकर मिसाल पेश की है. आठ से 10 किलोमीटर दूर गांव से भी प्रेग्नेंट महिलाएं इस ANM के पास डिलीवरी करवाने आती है.

ANM रजनी के जज्बे को सलाम
ANM रजनी के जज्बे को सलाम
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Published : Jun 12, 2020, 12:54 AM IST

Updated : Jun 12, 2020, 1:59 PM IST

सरगुजा: कोविड-19 महामारी के मरीज जब कम होंगे, जिंदगी सामान्य होने लगेगी तब भी हमें ANM रजनी कुशवाहा जैसे लोगों को सलाम करते रहना होगा, जिससे कर्म करते रहने और फर्ज निभाते रहने की शक्ति मिलती रहे. इस दौर में हमने स्वास्थ्यकर्मियों को भगवान की संज्ञा दी है. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनकी जिम्मेदारी भले ही छोटी है बावजूद इसके इन्होंने बड़ा काम कर मिसाल पेश की है. ऐसी ही एक ANM हैं रजनी कुशवाहा. जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अकेले 23 प्रसव कराए हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने लिया जायजा

ईटीवी भारत ने इस महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के बड़े काम को दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया है. स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मिली कि जिले के परसोड़ी खुर्द के उप स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद ANM रजनी कुशवाहा ने लॉकडाउन अवधि में अकेले ही 23 प्रसव कराए. ईटीवी भारत की टीम जब परसोड़ी खुर्द के उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो अस्पताल में सेकेंड ANM रजनी कुशवाहा मरीजों को अकेली संभालती मिलीं. अस्पताल में एक RHO और फर्स्ट ANM भी पदस्थ है लेकिन लगभग 1 घंटे रुकने के बाद भी वहां रजनी के अलावा दूसरा कोई स्टाफ नजर नहीं आया.

ANM रजनी के जज्बे को सलाम

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अकेले कराए 23 प्रसव

खास बात ये है कि लॉकडाउन के इस मुश्किल समय में जब पूरी दुनिया अपने घरों में बैठी थी तब सरगुजा की ये महिला ANM देवदूत बनकर बच्चों का जन्म करा रही थी. 25 मार्च से 10 जून तक 25 प्रसव के केस अस्पताल में भर्ती किए, जिनमें से 23 का सफल प्रसव कराकर उन्हें घर भी भेज दिया. रजनी ने 23 प्रसव कराए हैं. जहां जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं. 2 गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती भी कराया गया है.

दूसरे गांव से भी पहुंचती है प्रसूताएं

2015 से सेकेंड ANM के पद पर पदस्थ रजनी बताती हैं कि उनके पास प्रसव कराने दूर-दूर के गांव से गर्भवती महिलाएं आती हैं, जबकि उनके खुद के गांव में भी अस्पताल हैं लेकिन वो परसोड़ी गांव आकर रजनी से प्रसव कराना पसंद करती हैं. वहीं कुछ युवतियां ससुराल जाने के बाद भी वापस यहां आकर प्रसव कराती हैं. रजनी के स्वास्थ्य के प्रति सेवा भाव को देखकर ही आस-पास के 8 से 10 किलोमीटर दूर गांव की गर्भवती भी प्रसव कराने यहां आती हैं. इतना ही नहीं गांव में सभी गर्भवती महिलाओं को 9 महीने तक नियमित दवाइयां, न्यूट्रिशन पहुंचाने के साथ उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिये जागरूक करने का काम भी रजनी करती हैं.

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सेवा को मिले सम्मान

सेवा की मिसाल पेश करने वाली रजनी कुशवाहा दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के लिये उदाहरण हैं, लिहाजा सरकार को रजनी जैसे निष्ठावान कर्मचारियों का सम्मान कर उनका हौंसला बढ़ाना चाहिए ताकि इससे प्रभावित होकर बाकी लोग भी ऐसे ही अपने फर्ज को अंजाम दे.

सरगुजा: कोविड-19 महामारी के मरीज जब कम होंगे, जिंदगी सामान्य होने लगेगी तब भी हमें ANM रजनी कुशवाहा जैसे लोगों को सलाम करते रहना होगा, जिससे कर्म करते रहने और फर्ज निभाते रहने की शक्ति मिलती रहे. इस दौर में हमने स्वास्थ्यकर्मियों को भगवान की संज्ञा दी है. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनकी जिम्मेदारी भले ही छोटी है बावजूद इसके इन्होंने बड़ा काम कर मिसाल पेश की है. ऐसी ही एक ANM हैं रजनी कुशवाहा. जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अकेले 23 प्रसव कराए हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने लिया जायजा

ईटीवी भारत ने इस महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के बड़े काम को दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया है. स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मिली कि जिले के परसोड़ी खुर्द के उप स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद ANM रजनी कुशवाहा ने लॉकडाउन अवधि में अकेले ही 23 प्रसव कराए. ईटीवी भारत की टीम जब परसोड़ी खुर्द के उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो अस्पताल में सेकेंड ANM रजनी कुशवाहा मरीजों को अकेली संभालती मिलीं. अस्पताल में एक RHO और फर्स्ट ANM भी पदस्थ है लेकिन लगभग 1 घंटे रुकने के बाद भी वहां रजनी के अलावा दूसरा कोई स्टाफ नजर नहीं आया.

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अकेले कराए 23 प्रसव

खास बात ये है कि लॉकडाउन के इस मुश्किल समय में जब पूरी दुनिया अपने घरों में बैठी थी तब सरगुजा की ये महिला ANM देवदूत बनकर बच्चों का जन्म करा रही थी. 25 मार्च से 10 जून तक 25 प्रसव के केस अस्पताल में भर्ती किए, जिनमें से 23 का सफल प्रसव कराकर उन्हें घर भी भेज दिया. रजनी ने 23 प्रसव कराए हैं. जहां जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं. 2 गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती भी कराया गया है.

दूसरे गांव से भी पहुंचती है प्रसूताएं

2015 से सेकेंड ANM के पद पर पदस्थ रजनी बताती हैं कि उनके पास प्रसव कराने दूर-दूर के गांव से गर्भवती महिलाएं आती हैं, जबकि उनके खुद के गांव में भी अस्पताल हैं लेकिन वो परसोड़ी गांव आकर रजनी से प्रसव कराना पसंद करती हैं. वहीं कुछ युवतियां ससुराल जाने के बाद भी वापस यहां आकर प्रसव कराती हैं. रजनी के स्वास्थ्य के प्रति सेवा भाव को देखकर ही आस-पास के 8 से 10 किलोमीटर दूर गांव की गर्भवती भी प्रसव कराने यहां आती हैं. इतना ही नहीं गांव में सभी गर्भवती महिलाओं को 9 महीने तक नियमित दवाइयां, न्यूट्रिशन पहुंचाने के साथ उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिये जागरूक करने का काम भी रजनी करती हैं.

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Last Updated : Jun 12, 2020, 1:59 PM IST
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