नई दिल्ली : सीएए के विरोध में हुई हिंसा की जांच को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि घटना की एकतरफा जांच की जा रही है. वहीं दिल्ली पुलिस ने मामले में अब तक 45 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं.
सीएए विरोधी हिंसा से पूर्वोत्तर दिल्ली में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है.
इस मामले पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'हमें केंद्र या दिल्ली सरकार से कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन हमें अब भी न्यायालयों से उम्मीदें हैं. सर्वोच्च न्यायालय संविधान का संरक्षक है. यह समय है कि शीर्ष अदालत भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों के अधिकार की रक्षा के लिए प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करे.'
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के अपने मौलिक अधिकार हैं, जिनपर लगातार हमला हो रहा है और लगातार उन अधिकारों की अनदेखी की जा रही है. केवल सरकार के फैसले का विरोध करने पर देशद्रोह का आरोप लगा दिया जा रहा है.
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सरकार के फैसले का विरोध करना और उसपर हर एक नागरिक का अधिकार है.
इसी बीच दिल्ली पुलिस उपायुक्त के मुताबिक पिछले तीन चार दिनों में हिंसा की कोई वारदात नहीं हुई है. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. हिंसा को लेकर अब तक कुल 123 मामले दर्ज किये जा चुके हैं.
एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में हुए दंगे में लगभग 50 लोगों की मौत हो गई है और 300 से अधिक घायल हैं, साथ ही संपत्ति का काफी नुकसान हुआ है. मामले पर जान बूझकर की गई निष्क्रियता के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई. स्थिति सामान्य से बहुत दूर है, जिसकी वजह से डर का माहौल बना हुआ है.