नई दिल्ली: दुनियाभर में आज विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस मनाया गया. इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने PM मोदी की उस बात को दोहराया, जिसमें उन्होंने भूमि और पानी की चुनौती को जन आंदोलन की चुनौती बताया था.
अमिताभ ने नीति आयोग द्वारा की गई अंतर-राज्य प्रगति की तुलना की पहल का जिक्र करते हुए कहा, 'हम सभी राज्यों, पंचायतों और भारत के सभी लोगों को इस आंदोलन में शामिल करना चाहते हैं.'
उन्होंने कहा, 'इसके लिए हमने 'सबका साथ, सबका विकास' के उद्देश्य से एक राज्य सतत विकास लक्ष्य सूचकांक बनाया है. इस सूचकांक के आधार पर राज्यों को एक-एक रैंक दी गई है.'
आपको बता दें, आज वर्ल्ड कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन दिवस ने अपने 25 साल पूरे किये हैं. इस मौके पर वर्ष 2019 के लिए 'चलो भविष्य को एक साथ विकसित करें' (Let's Grow The Future Together) थीम तय की गई है.
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इस संबंध में आगे बात करते हुए अमिताभ कांत ने कहा, 'भारतीय दर्शन के पारंपरिक मूल्यों और लोकाचार के अनुसार भूमि हमारे द्वारा किये जाने वाले हर कार्य की जननी है. इसलिए हमें इसे एक बेहतर उत्पादन और उत्पादकता की स्थिति में रखना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'रेगिस्तान की हरियाली भारत की जल, ऊर्जा और खाद्य चुनौतियों से निपटने में सक्षम है. मरुस्थलीकरण वाष्पीकरण, क्षरण, शीर्ष मिट्टी का समेकन, रेत के तूफान, तापमान और गर्मी जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी.'
इसके अलावा उन्होंने सरकार की कई अलग-अलग योजनाओं की सराहना भी की. इस दौरान अमिताभ कांत ने प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, प्रति बूंद अधिक फसल सहित कई अन्य सरकारी योजनाओं की सराहना की.