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भारत की कई चुनौतियों को खत्म कर सकती है रेगिस्तान की हरियाली : अमिताभ कांत

17 जून को दुनियाभर में विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस मनाया जाता है. भारत में भी इसे खास तरह से मनाया गया. इस दौरान अमिताभ कांत ने सरकारी योजनाओं की सराहना करते हुए मरुस्थलीकरण दिवस पर क्या कुछ कहा जानें...

नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत
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Published : Jun 17, 2019, 11:13 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 12:17 AM IST

नई दिल्ली: दुनियाभर में आज विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस मनाया गया. इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने PM मोदी की उस बात को दोहराया, जिसमें उन्होंने भूमि और पानी की चुनौती को जन आंदोलन की चुनौती बताया था.

अमिताभ ने नीति आयोग द्वारा की गई अंतर-राज्य प्रगति की तुलना की पहल का जिक्र करते हुए कहा, 'हम सभी राज्यों, पंचायतों और भारत के सभी लोगों को इस आंदोलन में शामिल करना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'इसके लिए हमने 'सबका साथ, सबका विकास' के उद्देश्य से एक राज्य सतत विकास लक्ष्य सूचकांक बनाया है. इस सूचकांक के आधार पर राज्यों को एक-एक रैंक दी गई है.'

संबोधन करते हुए अमिताभ कांत

आपको बता दें, आज वर्ल्ड कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन दिवस ने अपने 25 साल पूरे किये हैं. इस मौके पर वर्ष 2019 के लिए 'चलो भविष्य को एक साथ विकसित करें' (Let's Grow The Future Together) थीम तय की गई है.

पढ़ें: भारतीय संस्कृति को सहजता से अपना रहे विदेशी मेहमान, देखें वीडियो

इस संबंध में आगे बात करते हुए अमिताभ कांत ने कहा, 'भारतीय दर्शन के पारंपरिक मूल्यों और लोकाचार के अनुसार भूमि हमारे द्वारा किये जाने वाले हर कार्य की जननी है. इसलिए हमें इसे एक बेहतर उत्पादन और उत्पादकता की स्थिति में रखना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'रेगिस्तान की हरियाली भारत की जल, ऊर्जा और खाद्य चुनौतियों से निपटने में सक्षम है. मरुस्थलीकरण वाष्पीकरण, क्षरण, शीर्ष मिट्टी का समेकन, रेत के तूफान, तापमान और गर्मी जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी.'

इसके अलावा उन्होंने सरकार की कई अलग-अलग योजनाओं की सराहना भी की. इस दौरान अमिताभ कांत ने प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, प्रति बूंद अधिक फसल सहित कई अन्य सरकारी योजनाओं की सराहना की.

नई दिल्ली: दुनियाभर में आज विश्व मरुस्थलीकरण रोकथाम दिवस मनाया गया. इस मौके पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने PM मोदी की उस बात को दोहराया, जिसमें उन्होंने भूमि और पानी की चुनौती को जन आंदोलन की चुनौती बताया था.

अमिताभ ने नीति आयोग द्वारा की गई अंतर-राज्य प्रगति की तुलना की पहल का जिक्र करते हुए कहा, 'हम सभी राज्यों, पंचायतों और भारत के सभी लोगों को इस आंदोलन में शामिल करना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'इसके लिए हमने 'सबका साथ, सबका विकास' के उद्देश्य से एक राज्य सतत विकास लक्ष्य सूचकांक बनाया है. इस सूचकांक के आधार पर राज्यों को एक-एक रैंक दी गई है.'

संबोधन करते हुए अमिताभ कांत

आपको बता दें, आज वर्ल्ड कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन दिवस ने अपने 25 साल पूरे किये हैं. इस मौके पर वर्ष 2019 के लिए 'चलो भविष्य को एक साथ विकसित करें' (Let's Grow The Future Together) थीम तय की गई है.

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इस संबंध में आगे बात करते हुए अमिताभ कांत ने कहा, 'भारतीय दर्शन के पारंपरिक मूल्यों और लोकाचार के अनुसार भूमि हमारे द्वारा किये जाने वाले हर कार्य की जननी है. इसलिए हमें इसे एक बेहतर उत्पादन और उत्पादकता की स्थिति में रखना चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'रेगिस्तान की हरियाली भारत की जल, ऊर्जा और खाद्य चुनौतियों से निपटने में सक्षम है. मरुस्थलीकरण वाष्पीकरण, क्षरण, शीर्ष मिट्टी का समेकन, रेत के तूफान, तापमान और गर्मी जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी.'

इसके अलावा उन्होंने सरकार की कई अलग-अलग योजनाओं की सराहना भी की. इस दौरान अमिताभ कांत ने प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, प्रति बूंद अधिक फसल सहित कई अन्य सरकारी योजनाओं की सराहना की.

Intro:New Delhi: "As the Prime Minister says, challenge of land and challenge of water has to be a challenge of Jan Andolan," said NITI Aayog CEO Amitabh Kant, on the occasion of World Day to Combat Desertification, on Monday.


Body:"We have to make all the states, all the panchayats and all the people of India joined this mass movement. Therefore we created a state Sustainable Development Goal Index with objective of 'Sabka sath, sabka vikas' and for that we've ranked states on the basis of this Index," he further added while explaining about NITI Aayog's initiative for SDGs by comparing inter-state progress.

As the World Day to Combat Desertification has completed its mark of 25 years, the theme for 2019 has been finalized as "Let's grow the future together". While speaking about the issue, Kant said, "With the traditional values and ethos of Indian philosophy, land is the mother of everything we do. Hence, we should keep it in the best possible condition, production and productivity. Dessert greening has the potential of solving water, energy and food challenges of India and combating Desertification will help to reduce evaporation, erosion, consolidation of top soil, sand storms, temperature and the huge amount of heat which we are facing around us."


Conclusion:He also hailed to the various government schemes which are helping to reduce land degradation including Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana, Soil Health Card Scheme, Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana, Per Drop More Crop, amongst others.
Last Updated : Jun 18, 2019, 12:17 AM IST
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