नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) जैसे सभी केंद्रीय कानून गुरुवार से नये केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में लागू हो गये.
अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे के चलते इनमें से कुछ कानून राज्य में लागू नहीं थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां अब खुद ही इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में जांच अपने हाथों में ले सकेंगी.
गुरुवार को, एक सरकारी अधिसूचना के जरिये दो नये केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आ गये. जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने की पांच अगस्त की केंद्र सरकार की घोषणा के अनुरूप ऐसा किया गया.
सरकार ने एक अधिसूचना में कहा है कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत केंद्रीय कानून, अध्यादेश और नियम जो जम्मू कश्मीर को छोड़ कर समूचे भारत में लागू थे. अब उन्हें जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में गठित दो नये केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू किया जाएगा.
इसमें कहा गया है कि जम्मू कश्मीर पशु धन प्रजनन (पशुओं के शुक्राणुओं के उत्पादन, बिक्री और कृत्रिम गर्भाधान के नियमन) अधिनियम, 2018 जैसे राज्य के कुछ कानून जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में उस वक्त तक जारी रहेंगे, जब तक कि इसमें एक सक्षम विधानसभा या प्राधिकार द्वारा बदलाव, संशोधन और निरस्त नहीं कर दिया जाता है.
ये भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने केन्द्र शासित प्रदेश, जानें क्या आया बदलाव
जम्मू कश्मीर का संविधान और रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) भी अब जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेशों) में अस्तित्व में नहीं रहेगा. वहां अब आईपीसी के प्रावधान लागू होंगे.
साथ ही, इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में अब सभी सरकारी कार्यों एवं कार्यक्रमों में सिर्फ भारत के राष्ट्रध्वज (तिरंगा झंडा) का उपयोग किया जाएगा.