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निर्भया के दोषी अक्षय की पत्नी ने कहा- मुझे तलाक चाहिए, विधवा बनकर नहीं रहूंगी

चर्चित निर्भया गैंगरेप व हत्या मामले में एक दोषी अक्षय की पत्नी ने जिला परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दी है. अपनी अर्जी में अक्षय की पत्नी ने कहा कि कोर्ट ने उन्हें (अक्षय) को फांसी की सजा सुनाई है. ऐसे में मैं उसकी विधवा बनकर नहीं रहना चाहती. पढ़ें पूरी खबर...

ईटीवी भारत
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Published : Mar 17, 2020, 6:59 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी के चर्चित निर्भया कांड के दोषियों में एक अक्षय की पत्नी ने औरंगाबाद परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दी है. अक्षय की पत्नी नवीननगर प्रंखंड के लहंग कर्मा गांव की रहने वाली है. तलाक की अर्जी परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा के न्यायालय लगाई गई है.

अक्षय की पत्नी दुलारी (बदला हुआ नाम) ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पति को दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया गया है. इस मामले में कोर्ट ने अक्षय को फांसी की सजा सुनाई है. हालांकि, वह निर्दोष हैं. ऐसे में अक्षय की विधवा बन कर नहीं रहना चाहती. इस वजह से कोर्ट हमें अलग कर दे. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 मार्च को तय किया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पीड़ित महिला को विधिक अधिकार'
इस मामले पर औरंगाबाद न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला को विधिक अधिकार है. वह हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत कुछ खास मामलों में तलाक ले सकती है. बता दें कि निर्भया कांड में जिन चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उनमें लहंग कर्मा का अक्षय ठाकुर भी शामिल है. इस मामले में सभी दोषियों को 20 मार्च को फांसी की तारीख तय की गई है.

पढ़ें : निर्भया केस : तिहाड़ पहुंचा पवन जल्लाद, फांसी से पहले कल होगी जांच

नई दिल्ली : राजधानी के चर्चित निर्भया कांड के दोषियों में एक अक्षय की पत्नी ने औरंगाबाद परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दी है. अक्षय की पत्नी नवीननगर प्रंखंड के लहंग कर्मा गांव की रहने वाली है. तलाक की अर्जी परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा के न्यायालय लगाई गई है.

अक्षय की पत्नी दुलारी (बदला हुआ नाम) ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनके पति को दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया गया है. इस मामले में कोर्ट ने अक्षय को फांसी की सजा सुनाई है. हालांकि, वह निर्दोष हैं. ऐसे में अक्षय की विधवा बन कर नहीं रहना चाहती. इस वजह से कोर्ट हमें अलग कर दे. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 मार्च को तय किया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पीड़ित महिला को विधिक अधिकार'
इस मामले पर औरंगाबाद न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला को विधिक अधिकार है. वह हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत कुछ खास मामलों में तलाक ले सकती है. बता दें कि निर्भया कांड में जिन चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, उनमें लहंग कर्मा का अक्षय ठाकुर भी शामिल है. इस मामले में सभी दोषियों को 20 मार्च को फांसी की तारीख तय की गई है.

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