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प.बंगाल चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री, दलों का बिगड़ेगा खेल!

पश्चिम बंगाल चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री गैर-भाजपा पार्टियों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बयान दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार एआईएमआईएम की वजह से हुई है.

aimim's contests in bengal elections
ओवैसी की इंट्री से बढ़ेंगी मुसीबतें
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Published : Nov 12, 2020, 9:43 PM IST

नई दिल्ली/कोलकाता : बिहार विधानसभा चुनाव में अपने अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित एआईएमआईएम अब पश्चिम बंगाल चुनाव में उतरने की योजना बना रही है. इस पूर्वी राज्य में गैर-भाजपा पार्टियों के लिए पश्चिम बंगाल चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री मुसीबत का सबब बन सकती है. बता दें, पश्चिम बंगाल में 2021 के मध्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव में किया शानदार प्रदर्शन

असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई में तेलंगाना आधारित एआईएमआईएम ने बिहार चुनाव में 1.24 प्रतिशत वोट हासिल कर शानदार प्रदर्शन किया और पांच सीट जीतने में सफल रही. पार्टी ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. एआईएमआईएम ने बिहार में न केवल पांच सीटें जीतीं, बल्कि इतनी ही संख्या के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे राजनीतिक पार्टियों का खेल भी बिगाड़ा.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने साधा निशाना

वहीं, कांग्रेस के पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की हार एआईएमआईएम की वजह से हुई है. एआईएमआईएम की पश्चिम बंगाल में एंट्री से तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, वाम पार्टियों की मुसीबत बढ़ सकती है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की सीमा से लगते बिहार के सीमांचल क्षेत्र में जीत के बाद उभरते ओवैसी से राज्य में अन्य पार्टियों का खेल बिगड़ सकता है.

पढ़ें: बिहार चुनाव में एमआईएम पर लगा बीजेपी की 'बी' टीम का आरोप

आपको बता दें, पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीट में से 90 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा है और ये सीट चुनाव में काफी निर्णायक होंगी. अगर एआईएमआईएम बंगाल में ज्यादा सीटें नहीं भी जीतती है, तो भी यह तृणमूल और बिहार की तरह ही कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है. तृणमूल नेताओं की तरह ही चौधरी का यह मानना है कि ओवैसी भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ, ओवैसी इन आरोपों को खारिज करते हैं. उनका कहना है कि वह एक राजनीतिक पार्टी चलाते हैं और जहां भी पार्टी की इच्छा होगी, वहां चुनाव लड़ेंगे.

नई दिल्ली/कोलकाता : बिहार विधानसभा चुनाव में अपने अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित एआईएमआईएम अब पश्चिम बंगाल चुनाव में उतरने की योजना बना रही है. इस पूर्वी राज्य में गैर-भाजपा पार्टियों के लिए पश्चिम बंगाल चुनाव में एआईएमआईएम की एंट्री मुसीबत का सबब बन सकती है. बता दें, पश्चिम बंगाल में 2021 के मध्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव में किया शानदार प्रदर्शन

असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई में तेलंगाना आधारित एआईएमआईएम ने बिहार चुनाव में 1.24 प्रतिशत वोट हासिल कर शानदार प्रदर्शन किया और पांच सीट जीतने में सफल रही. पार्टी ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. एआईएमआईएम ने बिहार में न केवल पांच सीटें जीतीं, बल्कि इतनी ही संख्या के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे राजनीतिक पार्टियों का खेल भी बिगाड़ा.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने साधा निशाना

वहीं, कांग्रेस के पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की हार एआईएमआईएम की वजह से हुई है. एआईएमआईएम की पश्चिम बंगाल में एंट्री से तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, वाम पार्टियों की मुसीबत बढ़ सकती है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की सीमा से लगते बिहार के सीमांचल क्षेत्र में जीत के बाद उभरते ओवैसी से राज्य में अन्य पार्टियों का खेल बिगड़ सकता है.

पढ़ें: बिहार चुनाव में एमआईएम पर लगा बीजेपी की 'बी' टीम का आरोप

आपको बता दें, पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीट में से 90 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा है और ये सीट चुनाव में काफी निर्णायक होंगी. अगर एआईएमआईएम बंगाल में ज्यादा सीटें नहीं भी जीतती है, तो भी यह तृणमूल और बिहार की तरह ही कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है. तृणमूल नेताओं की तरह ही चौधरी का यह मानना है कि ओवैसी भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ, ओवैसी इन आरोपों को खारिज करते हैं. उनका कहना है कि वह एक राजनीतिक पार्टी चलाते हैं और जहां भी पार्टी की इच्छा होगी, वहां चुनाव लड़ेंगे.

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