गुवाहाटी : नागरिकता संशोधन कानून पर AGP नेता प्रफुल्ल कुमार महांता ने कहा है कि वे इसका समर्थन नहीं करने जा रहे हैं. हर कोई इसका विरोध कर रहा है. यह असम समझौते का उल्लंघन करेगा और असम के स्वदेशी लोगों को यहां अल्पसंख्यक बना देगा. AGP इसका विरोध करता है. उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
इससे पहले रविवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ AGP नेता कुमार दीपक दास ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी. हालांकि, इसके बाद अब असोम गण परिषद (एजीपी) के अध्यक्ष अतुल बोरा ने कहा कि पार्टी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात अंतिम रुप से तय नहीं है.
बोरा ने कहा, 'हमने अब तक फैसला नहीं किया है कि विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं या नहीं. हम अभी इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और हमारे कुछ दोस्त दिल्ली भी जाएंगे.'
गौरतलब है कि असोम गण परिषद (AGP) के नेता नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी.
एजीपी नेता कुमार दीपक दास ने कहा था कि वह नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
उन्होने कहा कि असम के लोगों को डर है कि इस कानून से उनके पहचान और अस्तित्व पर खतरा हो सकता है. एजीपी असम के लोगों के की इस भावना का सम्मान करती है.
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दास ने नागरिकता कानून के निरस्तीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की और कानूनी रास्ता इस्तेमाल करने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि असम के स्वदेशी लोगों आशंका है कि इस नागरिकता कानून से उनकी पहचान, भाषा के खतरे में आ सकती है.
सूत्रों ने बताया कि दास के नेतृत्व में एजीपी का एक प्रतिनिधिमंडल,शाम को याचिका दायर करने के लिए दिल्ली रवाना होगा.