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कर्नाटक : मंत्री पद न मिलने पर भाजपा विधायक नाराज, बोले- येदियुरप्पा युग का होगा अंत

सीएम येदियुरप्पा द्वारा कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल न करने से भाजपा में नाराजगी बढ़ गई है. यह नाराजगी भीतर ही भीतर सुलग रही है. विजयपुरा शहर के विधायक बसनागौड़ा पाटिल यतनाल ने तो मकर संक्रांति से येदियरप्पा युग के अंत की चुनौती दे डाली है. कहा कि उत्तरायण से आपका (राजनीतिक) अंत शुरू हो जाएगा और कर्नाटक में पीएम मोदी के अधीन नया राजनीतिक सवेरा होगा. जानें कर्नाटक राजनीति में मची उथल-पुथल के बारे में...

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Published : Jan 13, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 6:07 PM IST

बेंगलुरु : सीएम येदियुरप्पा द्वारा कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल न करने से भाजपा नेताओं में नाराजगी बढ़ गई है. यह नाराजगी भीतर ही भीतर सुलग रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के सात मंत्रियों की सूची की घोषणा के तुरंत बाद प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. बुधवार को 17 महीने पुरानी कैबिनेट का विस्तार किया गया.

इसके बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि मंत्रियों का चयन ठीक तरह से नहीं किया गया. मंत्रियों के चयन में बेंगलुरु और बेलगावी जिलों के अलावा अन्य क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला. नेताओं का चयन उनकी वरियता या उनके पार्टी में योगदान पर विचार नहीं किया गया. येदियुरप्पा ने इससे पहले घोषणा की थी कि विधायक उमेश कट्टी, अरविंद लिंबावली, मुरुगेश निरानी, ​​सीपी योगेश्वर, एस अंगारा, और एमएलसी एमटीबी नागराज और आर शंकर को शपथ दिलाई जाएगी. जिसके बाद कई भाजपा विधायक थे, जिनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया गया उन्होंने गंभीर असंतोष व्यक्त किया.

येदियुरप्पा युग के अंत की दी चुनौती

विजयपुरा शहर के विधायक बसनागौड़ा पाटिल यतनाल ने तो येदियुरप्पा की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वरिष्ठता पर विचार किए बिना नियुक्तियां की गईं. आरोप लगाया कि सरकार को सीएम और उनके परिवार ने 'अपहृत' कर लिया है. उन्होंने पीएम से वंशवाद को समाप्त करने का अनुरोध किया. सीएम उन्हें मंत्री बना रहे हैं जो उनको ब्लैकमेल कर सकते हैं. विधायक ने सीएम, सीडी और ब्लैकमेलिंग के काकटेल का आरोप भी मढ़ा. विजयपुरा में पत्रकारों से बात करते हुए यतनल ने कहा कि वे येदियुरप्पा के अधीन मंत्री नहीं बनना चाहते हैं. दावा किया कि सीएम को ब्लैकमेल करने वाले तीन लोग चार महीने पहले येदियुरप्पा को पदच्युत करने की योजना के साथ उनसे मिले थे. कहा कि मैं आपको (येदियुरप्पा) मकर संक्रांति से पहले चुनौती देता हूं कि उत्तरायण से आपका (राजनीतिक) अंत शुरू हो जाएगा और एक नया सबेरा होगा. कर्नाटक में पीएम मोदी के अधीन नई राजनीति होगी और येदियुरप्पा युग का अंत हो जाएगा.

नाराज नेताओं ने पूछे कठिन सवाल

एक और एमएलसी एएच विश्वनाथ जो कांग्रेस से विधायक थे और 2019 में जद (एस) से इस्तीफा देकर बीजेपी में चले गए थे. अपना वादा नहीं निभाने के लिए येदियुरप्पा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आरआर नगर के विधायक मुनिरत्न को शामिल नहीं किया गया. यह उनके बलिदान की देन है कि आप आज सीएम हैं. आरोप लगाया कि आप योगेश्वर को मंत्री बना रहे हैं, जिनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. आप उसे मंत्री क्यों बना रहे हैं, क्या वह ब्लैकमेल कर रहा है. होन्नाली के विधायक और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव एमपी रेणुकाचार्य ने भी नाराजगी जताई है. पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कभी भी मंत्री पद की पैरवी नहीं की, लेकिन अपने स्वाभिमान को पद से अलग नहीं कर सकते. कहा कि राज्य के पार्टी प्रभारी अरुण कुमार सिंह से आज हवाई अड्डे पर कहा गया कि कैबिनेट में पांच एमएलसी हैं, तो हम लोगों द्वारा चुने गए विधायक का क्या उपयोग है?

पुराने नेताओं ने भी जताई नाराजगी

छह बार के विधायक जीएच थिप्पारेड्डी जो चित्रदुर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने कहा कि पांच दशक तक राजनीति में रहने के बाद लेट डाउन महसूस करता हूं. उन्होंने कहा कि 30 साल तक विधायक रहे, लेकिन मंत्री के रूप में लोगों की सेवा का मौका उन्हें नहीं मिला. वहीं एमएलसी योगेश्वर ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि मंत्रिमंडल में आधे से अधिक मंत्री या तो बेंगलुरु से हैं या बेलागवी से हैं. कुछ ऐसे हैं जिन्होंने कोई काम नहीं किया है. लिम्बावली येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व करने वाले आठवें मंत्री होंगे. बोम्मनहल्ली के विधायक एम सतीश रेड्डी ने पूछा कि क्या यार्डस्टिक है जो येदियुरप्पा ने मंत्रियों के चयन में अपनाई. कृष्णराज निर्वाचन क्षेत्र के वरिष्ठ विधायक एसए रामदास ने कहा कि वे 28 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. पुराने मैसूरु क्षेत्र के साथ अन्याय हुआ है. कोई अन्य भी मैसूरु से मंत्री बनाया जा सकता था.

यह भी पढ़ें-पश्चिम बंगाल : गलसी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोरोना वैक्सीन से भरे वाहन रोके गए

मंत्रिमंडल विस्तार में शुरू से देखा जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री के लिए यह एक कठिन रास्ता रहा, क्योंकि पार्टी के पुराने नेताओं सहित कई आकांक्षी हैं, जो निराश हुए हैं.

बेंगलुरु : सीएम येदियुरप्पा द्वारा कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल न करने से भाजपा नेताओं में नाराजगी बढ़ गई है. यह नाराजगी भीतर ही भीतर सुलग रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के सात मंत्रियों की सूची की घोषणा के तुरंत बाद प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. बुधवार को 17 महीने पुरानी कैबिनेट का विस्तार किया गया.

इसके बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि मंत्रियों का चयन ठीक तरह से नहीं किया गया. मंत्रियों के चयन में बेंगलुरु और बेलगावी जिलों के अलावा अन्य क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला. नेताओं का चयन उनकी वरियता या उनके पार्टी में योगदान पर विचार नहीं किया गया. येदियुरप्पा ने इससे पहले घोषणा की थी कि विधायक उमेश कट्टी, अरविंद लिंबावली, मुरुगेश निरानी, ​​सीपी योगेश्वर, एस अंगारा, और एमएलसी एमटीबी नागराज और आर शंकर को शपथ दिलाई जाएगी. जिसके बाद कई भाजपा विधायक थे, जिनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया गया उन्होंने गंभीर असंतोष व्यक्त किया.

येदियुरप्पा युग के अंत की दी चुनौती

विजयपुरा शहर के विधायक बसनागौड़ा पाटिल यतनाल ने तो येदियुरप्पा की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वरिष्ठता पर विचार किए बिना नियुक्तियां की गईं. आरोप लगाया कि सरकार को सीएम और उनके परिवार ने 'अपहृत' कर लिया है. उन्होंने पीएम से वंशवाद को समाप्त करने का अनुरोध किया. सीएम उन्हें मंत्री बना रहे हैं जो उनको ब्लैकमेल कर सकते हैं. विधायक ने सीएम, सीडी और ब्लैकमेलिंग के काकटेल का आरोप भी मढ़ा. विजयपुरा में पत्रकारों से बात करते हुए यतनल ने कहा कि वे येदियुरप्पा के अधीन मंत्री नहीं बनना चाहते हैं. दावा किया कि सीएम को ब्लैकमेल करने वाले तीन लोग चार महीने पहले येदियुरप्पा को पदच्युत करने की योजना के साथ उनसे मिले थे. कहा कि मैं आपको (येदियुरप्पा) मकर संक्रांति से पहले चुनौती देता हूं कि उत्तरायण से आपका (राजनीतिक) अंत शुरू हो जाएगा और एक नया सबेरा होगा. कर्नाटक में पीएम मोदी के अधीन नई राजनीति होगी और येदियुरप्पा युग का अंत हो जाएगा.

नाराज नेताओं ने पूछे कठिन सवाल

एक और एमएलसी एएच विश्वनाथ जो कांग्रेस से विधायक थे और 2019 में जद (एस) से इस्तीफा देकर बीजेपी में चले गए थे. अपना वादा नहीं निभाने के लिए येदियुरप्पा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आरआर नगर के विधायक मुनिरत्न को शामिल नहीं किया गया. यह उनके बलिदान की देन है कि आप आज सीएम हैं. आरोप लगाया कि आप योगेश्वर को मंत्री बना रहे हैं, जिनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. आप उसे मंत्री क्यों बना रहे हैं, क्या वह ब्लैकमेल कर रहा है. होन्नाली के विधायक और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव एमपी रेणुकाचार्य ने भी नाराजगी जताई है. पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कभी भी मंत्री पद की पैरवी नहीं की, लेकिन अपने स्वाभिमान को पद से अलग नहीं कर सकते. कहा कि राज्य के पार्टी प्रभारी अरुण कुमार सिंह से आज हवाई अड्डे पर कहा गया कि कैबिनेट में पांच एमएलसी हैं, तो हम लोगों द्वारा चुने गए विधायक का क्या उपयोग है?

पुराने नेताओं ने भी जताई नाराजगी

छह बार के विधायक जीएच थिप्पारेड्डी जो चित्रदुर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने कहा कि पांच दशक तक राजनीति में रहने के बाद लेट डाउन महसूस करता हूं. उन्होंने कहा कि 30 साल तक विधायक रहे, लेकिन मंत्री के रूप में लोगों की सेवा का मौका उन्हें नहीं मिला. वहीं एमएलसी योगेश्वर ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि मंत्रिमंडल में आधे से अधिक मंत्री या तो बेंगलुरु से हैं या बेलागवी से हैं. कुछ ऐसे हैं जिन्होंने कोई काम नहीं किया है. लिम्बावली येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व करने वाले आठवें मंत्री होंगे. बोम्मनहल्ली के विधायक एम सतीश रेड्डी ने पूछा कि क्या यार्डस्टिक है जो येदियुरप्पा ने मंत्रियों के चयन में अपनाई. कृष्णराज निर्वाचन क्षेत्र के वरिष्ठ विधायक एसए रामदास ने कहा कि वे 28 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. पुराने मैसूरु क्षेत्र के साथ अन्याय हुआ है. कोई अन्य भी मैसूरु से मंत्री बनाया जा सकता था.

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मंत्रिमंडल विस्तार में शुरू से देखा जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री के लिए यह एक कठिन रास्ता रहा, क्योंकि पार्टी के पुराने नेताओं सहित कई आकांक्षी हैं, जो निराश हुए हैं.

Last Updated : Jan 13, 2021, 6:07 PM IST
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