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असम के लोग NRL के निजीकरण का फैसला कभी स्वीकार नहीं करेंगे : कांग्रेस

असम प्रदेश कांग्रेस समिति NRL में सरकार द्वारा अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना लोगों की विरोधी है. हम इस तरह के कदम को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.' उन्होंने कहा कि असम के लोगों की भावनाएं एनआरएल के साथ जुड़ी हुई हैं.

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Published : Nov 19, 2019, 11:17 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) और बीपीसीएल को निजी संगठनों को भी बेचने की शनिवार को घोषणा की . उन्होंने कहा कि एअर इंडिया के साथ-साथ NRl और BPCL को अगले मार्च तक बेच दिया जाएगा.

वित्त मंत्री की इस घोषणा पर असम प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि असम के लोग NRL के निजीकरण के फैसले को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.

ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में बोरा ने कहा, 'NRL में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना लोगों की विरोधी है. हम इस तरह के कदम को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. असम के लोगों की भावनाएं एनआरएल के साथ जुड़ी हुई हैं.'

एनआरएल के प्रस्तावित निजीकरण को लेकर ईटीवी से बात करते कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा.

बोरा ने कहा, 'एनआरएल असम आंदोलन का नतीजा है, जिसमें सैकड़ों युवाओं ने अपने जीवन का बलिदान दिया है.'

असम के बीजेपी सांसदों ने हालांकि दावा किया कि केंद्र NRL की गहनता को ध्यान में रखेगा.

भाजपा सांसद राजदीप रॉय ने कहा, 'हम सोमवार को नयी दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण से मिले हैं और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि पेट्रोलियम रिफाइनरी के पीएसयू टैग को बरकरार रखा जाएगा. वह असम के लोगों की भावना से अवगत हैं, जो एनआरएल से जुड़ा है.'

सूत्रों ने कहा कि केंद्र एक साल में राजस्व बढ़ाने के लिए निवेश से प्राप्तियों पर बैंकिंग कर रहा है, जिसमें टैक्स संग्रह पर भारी दबाव है.

हालांकि, विनिवेश के निर्णय ने पहले से ही कई संगठनों के साथ एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था. इसके अलावा इस फैसले का असम में राजनीतिक दलों द्वारा भारी विरोध किया जा रहा है क्योंकि BPCL का निजीकरण सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) टैग को नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) से हटा देगा.

बता दें कि BPCL का NRL में 61.65 प्रतिशत हिस्सा है, जो ऊपरी असम जिले के गोलाघाट में स्थित है. इसके अलावा असम के लोगों की भावनाएं भी NRLसे जुड़ी हुई हैं.

केंद्र द्वारा उठाये गये विनिवेश के कदम का विरोध करने वाले संगठनों ने कहा कि NRL, BPCL की सहायक कम्पनी है, जो NRL शेयर का 61.65 प्रतिशत रखती है, BPCL के विनिवेश के बाद स्वचालित रूप से निजी कम्पनियों के पास चली जाएगी.

NRL में अन्य दो हितधारक ऑयल इंडिया (26 प्रतिशत) और असम सरकार (12.35 प्रतिशत) हैं. NRL की वर्तमान अधिकृत राशि 1000 करोड़ रुपये है और भुगतान राशि 735.63 करोड़ रुपये है.

पढ़ें - मुगल त्रिपुरा की सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करना चाहते थे : बिप्लव देव

उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए 1985 के ऐतिहासिक असम समझौते के तहत एनआरएल असम में स्थापित किया गया था.

मिनी रत्ना कम्पनी के रूप में विख्यात NRL शुरुआत से लेकर आज तक राष्ट्रीय और राज्य खजाने के लिए 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर चुकी है.

बता दें कि NRL, LPG, NEFTHA, मोटर स्पिरिट (MS), एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF), सुपीरियर केरोसीन ऑयल (SKO), हाई स्पीड डीजल (HSD), नाइट्रोजन का उत्पादन करती है. NRL का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में किया था.

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) और बीपीसीएल को निजी संगठनों को भी बेचने की शनिवार को घोषणा की . उन्होंने कहा कि एअर इंडिया के साथ-साथ NRl और BPCL को अगले मार्च तक बेच दिया जाएगा.

वित्त मंत्री की इस घोषणा पर असम प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि असम के लोग NRL के निजीकरण के फैसले को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.

ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में बोरा ने कहा, 'NRL में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना लोगों की विरोधी है. हम इस तरह के कदम को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. असम के लोगों की भावनाएं एनआरएल के साथ जुड़ी हुई हैं.'

एनआरएल के प्रस्तावित निजीकरण को लेकर ईटीवी से बात करते कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा.

बोरा ने कहा, 'एनआरएल असम आंदोलन का नतीजा है, जिसमें सैकड़ों युवाओं ने अपने जीवन का बलिदान दिया है.'

असम के बीजेपी सांसदों ने हालांकि दावा किया कि केंद्र NRL की गहनता को ध्यान में रखेगा.

भाजपा सांसद राजदीप रॉय ने कहा, 'हम सोमवार को नयी दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण से मिले हैं और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि पेट्रोलियम रिफाइनरी के पीएसयू टैग को बरकरार रखा जाएगा. वह असम के लोगों की भावना से अवगत हैं, जो एनआरएल से जुड़ा है.'

सूत्रों ने कहा कि केंद्र एक साल में राजस्व बढ़ाने के लिए निवेश से प्राप्तियों पर बैंकिंग कर रहा है, जिसमें टैक्स संग्रह पर भारी दबाव है.

हालांकि, विनिवेश के निर्णय ने पहले से ही कई संगठनों के साथ एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था. इसके अलावा इस फैसले का असम में राजनीतिक दलों द्वारा भारी विरोध किया जा रहा है क्योंकि BPCL का निजीकरण सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) टैग को नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) से हटा देगा.

बता दें कि BPCL का NRL में 61.65 प्रतिशत हिस्सा है, जो ऊपरी असम जिले के गोलाघाट में स्थित है. इसके अलावा असम के लोगों की भावनाएं भी NRLसे जुड़ी हुई हैं.

केंद्र द्वारा उठाये गये विनिवेश के कदम का विरोध करने वाले संगठनों ने कहा कि NRL, BPCL की सहायक कम्पनी है, जो NRL शेयर का 61.65 प्रतिशत रखती है, BPCL के विनिवेश के बाद स्वचालित रूप से निजी कम्पनियों के पास चली जाएगी.

NRL में अन्य दो हितधारक ऑयल इंडिया (26 प्रतिशत) और असम सरकार (12.35 प्रतिशत) हैं. NRL की वर्तमान अधिकृत राशि 1000 करोड़ रुपये है और भुगतान राशि 735.63 करोड़ रुपये है.

पढ़ें - मुगल त्रिपुरा की सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करना चाहते थे : बिप्लव देव

उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए 1985 के ऐतिहासिक असम समझौते के तहत एनआरएल असम में स्थापित किया गया था.

मिनी रत्ना कम्पनी के रूप में विख्यात NRL शुरुआत से लेकर आज तक राष्ट्रीय और राज्य खजाने के लिए 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर चुकी है.

बता दें कि NRL, LPG, NEFTHA, मोटर स्पिरिट (MS), एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF), सुपीरियर केरोसीन ऑयल (SKO), हाई स्पीड डीजल (HSD), नाइट्रोजन का उत्पादन करती है. NRL का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में किया था.

Intro:New Delhi: After National Register of Citizen (NRC) and Citizenship Amendment Bill (CAB) issue, it's now the disinvestment proposal mooted by the Centre involving Bharat Petrolium Corporation Limited (BPCL) that has its direct impact on Assam.


Body:Days after, Union Finance Minister Nirmala Sitaraman has announced of selling the state-run BPCL to private organisations, both ruling and opposition parties from Assam have expressed concern over the move.

On Saturday, Sitaram said that state-run BPCL along with Air India will be sold by March next. The move for the strategic sale taken by the centre is expected to revive country's economic slow down by raising over Rs 1 lakh crore in the current fiscal.

Sources said that the centre is banking on receipts from investment to increase revenue in a year in which tax collection are reportedly under tremendous pressure.

The decision of disinvestment, however, already created a major controversy with several organisations as well as political parties in Assam are opposing the move because privatizing BPCL will remove the Public Sector Undertaking (PSU) tag from the Numaligarh Refinery Limited (NRL).

BPCL holds 61.65 percent share in NRL which is located in Golaghat in Upper Assam district.

People of Assam have their sentiments connected with NRL.

The organisations opposing centre's disinvestment move said that NRL, being a subsidiary of BPCL which holds 61.65 percent of NRL share, will automatically go to private companies after disinvestment of BPCL.

The other two stakeholders in NRL are Oil India (26 percent) and Assam government (12.35 percent). The present authorised capital of NRL is Rs 1000 crore and paid up capital is Rs 735.63 crore.

NRL was setup in Assam under the historic Assam Accord of 1985 for economic and industrial development of northeastern states. Recognised as a Mini Ratna company, NRL, till it's beginning had paid more than Rs 30,000 crore to the national and state exchquer.

NRL produce LPG, Naphtha, Motor Spirit (MS), Aviation Turbine Fuel (ATF), Superior Kerosine Oil (SKO), High Speed Diesel (HSD), Nitrogen among others. The NRL was inaugurated by the erstwhile Prime Minister Atal Behari Vajpayee in 1999.

The Assam Pradesh Congress Committee (APCC) president Ripun Bora said that people of Assam will never accept the decision to privatise the NRL.

"Centre's plan to sell its stake in NRL is anti-people. We will never accept such move," said Bora in an exclusive interview to ETV Bharat.

He said that sentiments of the people of Assam is connected with NRL. "NRL is the outcome of Assam agitation in which hundreds of youths have sacrificed their lives," said Bora.

BJP MPs from Assam, however, claimed that Centre will keep the intetest of NRL in mind.

"We have met Finance Minister Nirmala Sitaraman in New Delhi on Monday and she assured us that the PSU tag of the Petrolium Refinary will be kept intact. She is aware of the sentiment of the people of Assam which is connected with NRL, " said Rajdeep Roy, BJP MP from Assam.

Criticising Congress, Roy said that they (Congress) has been trying to make an issue out of nothing.

"We are also concerned for NRL...but We have ensured that the PSU tag of the NRL does not get diluted and Centre should take the sentiments of the people of Assam in mind while going for disinvestment," Roy said.


Conclusion:The matter has already created a ruckus in Assam with several organisations staging protest demonstration against Centre's privatisation move. The Numaligarh Refinery Employee's Union (NREU) are afraid that once the organisation become privatised, they will be uncertainty over their jobs also.

The influential All Assam Students Union (AASU) which was one of the signatory of the Assam Accord said thatbit will not allow dilution of character of NRL.

Interestingly, Chief Minister Sarbananda Sonowal has also dashed a letter to the Centre over the issue.

Like the way Centre faced opposition over NRC and CAB, the disinvestment issue is also likely to pose a big challenging task for the Narendra Modi government.

end.
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